लखनऊः अब सरकारी विज्ञापनों में सीएम अखिलेश यादव की तस्वीर लगाई जा सकेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में अपना फैसला सुना दिया है। फैसले के मुताबिक विज्ञापनों में केंद्रीय मंत्रियों के अलावा राज्यपाल की भी तस्वीर लगाई जा सकेगी। चुनावी वर्ष में कोर्ट के इस फैसले के बाद से यूपी सरकार को काफी राहत मिली है। हालाकि यूपी सरकार के अधिकारियों ने कोर्ट से फैसले से अनभिज्ञता जताई है।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी विज्ञापनों में सीएम की तस्वीर के इस्तेमाल पर लगाया था बैन
-सुप्रीम कोर्ट ने 13 मई को सरकारी विज्ञापनों में नेताओं की फोटो छापने पर प्रतिबंध लगाया था।
-सिर्फ राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और भारत के मुख्य न्यायाधीश की ही तस्वीरें सरकारी विज्ञापनों में छप सकती हैं।
-इसके बाद से यूपी के सरकारी विज्ञापनों में सीएम की तस्वीर छापने से रोक दी गई थी।
पांच राज्यों ने पुनर्विचार याचिका की थी दाखिल
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ यूपी, तमिलनाडु, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और असम की सरकारों ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। इसमें कहा गया था कि सरकार विज्ञापनों में पीएम, राष्ट्रपति और मुख्य न्यायधीश के साथ राज्यों के मुख्यमंत्री और मंत्रियों के तस्वीर के की भी विज्ञापन में इस्तेमाल की इजाजत होनी चाहिए।
राज्य के सीएम की तस्वीर लोगों का ध्यान विज्ञापन की तरफ खींचती है
कोर्ट में केंद्र और तमिलनाडु सरकार की तरफ से पेश हुए अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि सरकारी विज्ञापनों में लगे राज्य के सीएम और मंत्रियों की तस्वीर लोगों का ध्यान विज्ञापन की तरफ आकर्षित करती है। उनका कहना था कि देश में तमाम ऐसे लोग हैं जो विज्ञापनों को पढ़ नहीं सकते या उन पर ध्यान नहीं देते। पर सीएम की तस्वीर से उनका ध्यान विज्ञापन की तरफ आकृष्ट होता है। इसके बाद कोर्ट ने शुक्रवार को अपना फैसला सुना दिया।