Scholarship Scam: फर्जी खातों से होती रही सरकारी धन की लूट, मूकदर्शक बने अफसर, 3000 अकाउंट्स से हुआ करोड़ों का ट्रांजेक्शन

Scholarship Scam: बीती 16 फरवरी को प्रवर्तन निदेशालय ने छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर राजधानी सहित 22 जगहों पर छापेमारी की थी। इसकी जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, नए-नए खुलासे हो रहे हैं।

Update: 2023-02-19 13:47 GMT

 फर्जी खातों से मचती रही सरकारी धन की लूट, मूकदर्शक रहे अफसर, 3000 अकाउंट्स से हुआ करोड़ों का ट्रांजेक्शन: Photo- Social Media

Lucknow News: बीती 16 फरवरी को प्रवर्तन निदेशालय ने छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर राजधानी सहित 22 जगहों पर छापेमारी की थी। इसकी जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, नए-नए खुलासे हो रहे हैं। सामने आ रहा है कि किस तरह पिछड़े, अल्पसंख्यक व गरीब छात्रों को केंद्र और राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली स्कॉलरशिप में लूट मचाई गई। कॉलेज संचालकों, एजेंटों और भ्रष्ट अफसरों के नेक्सेस ने फर्जी अकाउंट्स की लाइन लगा दी, जिनमें स्कॉलरशिप का पैसा आता रहा और घोटालेबाजों के पास पहुंचता रहा।

कई शिक्षण संस्थानों की संलिप्तता उजागर

लखनऊ में फैजुल्लागंज मड़ियांव स्थित हाइजिया इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी और फर्रूखाबाद के ओपीगुप्ता इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के अलावा हरदोई, बाराबंकी के कई फॉर्मेसी, मैनेजमेंट व अन्य कॉलेज जांच के दायरे में हैं। जिसमें पता चला है कि कई संस्थानो के संचालकों ने घोटाले की रकम से दूसरे राज्यों में जमीन व अन्य संपत्तियां खरीदी हैं। उनके पिछले 10 सालों में खरीदी गई संपत्तियों का ब्योरा जुटाया जा रहा है।

फिनो पेमेंट्स बैंक में दारोगा पुत्र ने खुलवाए 800 फर्जी खाते

घोटाले के लिए फिनो बैंक की लखनऊ और मुंबई की शाखाओं में भी अकाउंट खोले गए थे। जांच अधिकारियों को मालूम चला है कि राजधानी में तैनात एक दारोगा के पुत्र अमित कुमार ने ही अकेले 800 फर्जी खाते खुलवाए थे। वो फिनो बैंक का एजेंट था, उसके अलावा फिनो बैंक के कुछ और एजेंटों की संलिप्तता भी सामने आई है, जो ग्रामीण इलाकों में केवाइसी में बरती जाने वाली लापरवाही का फायदा उठाकर लोगों को अपने जाल में फंसा लेते थे। अब तक ईडी 37 लाख की नकदी और विदेशी मुद्रा जब्त कर चुकी है। कुल कितना ट्रांजेक्शन हुआ है, ये जांच के बाद पता चलेगा लेकिन अभी तक 70 करोड़ के घोटाले की जानकारी मिल चुकी है। माना जा रहा है कि पूरा घोटाला 100 करोड़ से ऊपर तक का है।

ऐसे होता था घोटाला

जांच में सामने आ रहा है कि स्कॉलरशिप स्कैम के लिए 8 से 12 साल, 40 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किया है। अधिकतर ग्रामीण लोगों के डॉक्यूमेंट्स एजेंटो ने संस्थानों को उपलब्ध कराए, उसी से संस्थानों ने अकाउंट खोले। जिसमें राशि आती और निकाल ली जाती थी। सूत्रों के मुताबिक ईडी को शक है कि राज्य और केंद्र के निगरानी करने वाले संबंधित विभागों के कुछ अफसर और कर्मचारी इस घोटाले में संलिप्त हैं, वरना उनकी नाक के नीचे प्रदेश के कई जिलों में इतने बड़े पैमाने पर घोटाला नहीं हो सकता था।

ये है स्कॉलरशिप की योजना

विभिन्न शहरों में अनुसूचित जाति-जनजाति, अल्पसंख्यक, आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा छात्रवृत्ति की सुविधा मुहैया कराई जाती है। कई संस्थानों ने इसी स्कॉलरशिप को लूटने के लिए पूरा नेक्सेस तैयार किया था। ईडी की जांच के बाद दर्जनों संस्थानों के संचालकों पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया जाएगा।

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