मिड डे मिलः 40ml से भी कम मिलता है बच्चों को दूध, खाने को मिलती है सड़ी सब्जी

Update:2016-10-08 17:32 IST

शामली: यूपी सरकार ने जिलाधिकारियों को मिड डे मील को स्वच्छ बनाएं रखने के आदेश दिए हैं। मिड डे मील में बच्चों को पौष्टिक आहार के रूप में दूध, केला, खीर आदि समय पर देने की बात कहीं जाती है। तो वहीं दूसरी ओर गांव खोडसमां के प्राईमरी स्कूल में मिड डे मील में बच्चों को 40 मिली दूध पीने को दिया जाता है और कीड़े पड़े हुए आलू की सब्जी खाने को दी जाती है। इतना ही नहीं 35 बच्चों के खर्चे के लिए दो महीने में केवल एक किलो दाल, 500 ग्राम तेल तथा सड़े हुए आलू ही मिलते हैं।

बच्चों को मिलती है कीड़े वाली सब्जी

-मामला झिंझाना थाना क्षेत्र के गांव खोडसमा प्राइमरी स्कूल का है।

-जहां बच्चों को प्रतिदिन दिए जाने वाले खाने का बुरा हाल है।

-स्कूल में बच्चों को करीब एक साल से रोटियां नहीं मिल रही हैं।

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-बच्चों को कीड़े पडे हुए आलू की सब्जी खानी पड़ रही है।

-वहां पर तैनात रसोई माता कविता का कहना है कि विद्यालय में एक सप्ताह से गैस सिलेंडर नहीं है।

-इससे बच्चों को सही तरीके से खाना नहीं मिल पा रहा है।

-ग्राम प्रधान ने करीब एक साल से विद्यालय में न तो आटा दिया है और ना ही अन्य सामान।

35 बच्चों के लिए सिर्फ एक किलो दाल, 500 ग्राम तेल तथा सड़े हुए आलू

-35 बच्चों के खर्चे के लिए दो महीने में केवल एक किलो दाल, 500 ग्राम तेल तथा सड़े हुए आलू मिलते हैं।

- इन 35 बच्चों के लिए केवल 1.5 लीटर दूध ही मिलता है।

-इसको अध्यापक बच्चों से ही मंगवाते हैं।

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-बच्चे चार किलोमीटर साइकिल लेकर खोड़समा गांव जाते हैं और दूध लेकर आते हैं।

-बच्चे सुबह आठ बजे जाते हैं और दूध लेकर वापस 11 बजे तक वापस लौटते हैं।

-इससे बच्चों की स्कूल की पढ़ाई भी छूट जाती है।

-ग्राम प्रधान का कहना है कि जितना राशन मिल रहा है उसी से काम चलाना पड़ेगा।

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