जल को बचाने के लिए कार्यक्रम आयोजित, जल शक्ति मंत्रालय करेगा ये काम
जलजीवन मिशन एवं ओडीएफ प्लस मिशन कार्यशाला में जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा है कि बिना रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्कूल, कॉलेज, होटल, अस्पताल व संस्थान...
कानपुर। जलजीवन मिशन एवं ओडीएफ प्लस मिशन कार्यशाला में जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा है कि बिना रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्कूल, कॉलेज, होटल, अस्पताल व संस्थान का नियमितीकरण नहीं होगा। इस आदेश को सरकार मंजूरी दे चुकी है, और आगामी दो दिन में प्रशासन के पास भी आ जाएगा।
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उन्होंने कहा, इसका कानून तो बना है पर इसको कोई पालन नहीं कर रहा हैं। उन्होंने आगे कहा 4000 बिलियन क्यूसेक पानी हर साल बारिश से मिलता है। पानी संरक्षित नहीं हो रहा है जिसमें इतने पानी का सिर्फ 10 फीसद ही रीचार्ज हो रहा है। उन्होंने कहा लोग डेढ़ से दो लाख का सबमर्सिबल तो लगा लेते हैं परन्तु 30-35 हजार का रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाते जिसे अब लगना अनिवार्य होगा।
मानव की उत्पत्ती पानी से ही हुई है
शनिवार को सीएसए में जलजीवन मिशन एवं ओडीएफ प्लस मिशन की एक दिवसीय कार्यशाला में जलशक्ति मंत्री महेंन्द्र सिंह ने कहा कि धरती पर सबसे पहले आने वाला तत्व नीर था जिससे नर जीवित रहा। उन्होंने कहा आमूमन ज्यादातर लोगों का कहना है कि मानव की उत्पत्ती पानी से ही हुई है और जब प्रलय आएगी तो सब नष्ट हो जाएगा बचेगा सिर्फ पानी।
जल है तो कल है, पेड़ लगा बिमारी से बचें
जल शक्ति मंत्री ने कहा कि सब कुछ बढ़ रहा है लेकिन पानी का जल स्तर घट रहा है, जो हम सब की चिंता का विषय है। व्यंग करते हुए उन्होंने कहा जल है तो कल है, दुनिया की जनसंख्या के मुकाबले में भारत तीव्र गति से बढ़ रहा है। प्रदेश में 151 ब्लॉक अतिदोहित हो गए हैं, वहां बोरिंग प्रतिबंधित हो गई है।
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हर गांव में कुएं थे ताकि पानी का स्तर अच्छा रहे। 15 साल पहले जाएं तो कई लोगों ने कुएं और तालाब पाट कर घर बना दिए। जबकि दीपावली और शादी में सबसे पहले कुएं की पूजा होती थी, इसके पीछे कारण उनका संरक्षण था। कहा, पानी की समस्या से निपटने के लिए जल स्रोतों को फिर जीवित करना होगा और पेड़ लगाने होंगे।
पेड़ काटे तो क्या लगाया बबूल, यूकिलिप्टस लगाया। कहा, पीपल, नीम, जामुन, पाकड़ लगाओ ताकि बीमारियां दूर हों और फल के साथ बारिश मिले। लघु सिंचाई विभाग के कई कार्यक्रम चलाए जाएंगे और तालाब के चारों ओर पौधरोपण किया जाएगा।
सभी लोग कम से कम दो-दो पौधे लगाएं और बेटा-बेटी की तरह उनका संरक्षण करें। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री नीलिमा कटियार, डीएम डॉ. ब्रह्मदेव राम तिवारी, एसएसपी अनंत देव, सीडीओ सुनील सिंह आदि उपस्थित रहे।
रहीम व तुलसीदास के दोहों से बताया जल की वास्तिविकता
कार्यशाला में मंत्री जी ने सभा में बैठे ग्रामों के सचिव, प्रधानों व प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष जल-जीवन से संबधित दोहे पढ़े। जिसके बाद सभी में जल संरक्षण के प्रति अपना रूझान प्रकट करते दिखे। मंत्री जी ने मानों एक सभी में एक नई तरंग छोड़ गए।