Shamli: भाकियू का अनोखा विरोध प्रदर्शन, जला दी कृषि कानूनों की प्रतियां
आपको बता दें कि पूरा मामला जनपद शामली के थाना आदर्श मंडी क्षेत्र के दिल्ली-यमनोत्री हाईवे पर स्थित गुरुद्वारा तिराहे का है। जहां पर तीन कृषि कानूनों को लेकर भारतीय किसान यूनियन का अनोखा विरोध देखने को मिला है।
शामली: जनपद शामली में तीन कृषि कानूनों को लेकर भारतीय किसान यूनियन का अनोखा विरोध प्रदर्शन देखने को मिला है जहां पर भारतीय किसान यूनियन के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने गुरुद्वारा तिराहे पर इकट्ठा होकर तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर अपना विरोध दर्ज किया है और कहा है कि यह तीनों कृषि कानून किसानों के खिलाफ हैं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई चार सदस्यों की कमेटी पर कहा कि कमेटी में वह लोग हैं जो या तो कानून बनवाने में शामिल रहे हैं या फिर लेख लिखकर उसका समर्थन करते रहे हैं।
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मामला थाना आदर्श मंडी क्षेत्र के दिल्ली-यमनोत्री हाईवे पर स्थित गुरुद्वारा तिराहे का है
दरअसल आपको बता दें कि पूरा मामला जनपद शामली के थाना आदर्श मंडी क्षेत्र के दिल्ली-यमनोत्री हाईवे पर स्थित गुरुद्वारा तिराहे का है। जहां पर तीन कृषि कानूनों को लेकर भारतीय किसान यूनियन का अनोखा विरोध देखने को मिला है। जहां पर भारतीय किसान यूनियन के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने गुरुद्वारा किराए पर इकट्ठा होकर तीन कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर अपना विरोध प्रकट किया और प्रदर्शन भी किया। भाकियू का कहना है कि सरकार द्वारा जो यह तीन कृषि कानून में पास किए गए हैं।
जिन्हें किसान संगठनों ने काले कानून की संज्ञा दी है जब तक यह तीनों कानून वापस नहीं हो जाते तब तक किसान मानने वाला नहीं है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा जो बात कही गई है। उसका वह सम्मान करते हैं लेकिन जो कमेटी बनाई गई है, उसमें जो 4 सदस्य हैं उनमें दो तो इस कानून को बनवाने में शामिल रह चुके हैं। वहीं बागी 2 इस काले कानून के समर्थन में अपने लेख लिख चुके हैं अब देश का किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस होने तक मानने वाला नहीं है।
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश प्रवक्ता कुलदीप पंवार ने बताया
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश प्रवक्ता कुलदीप पंवार ने बताया कि देश में किसान ने जो तीन कृषि कानून बनाए हैं जो देश में केंद्र सरकार ने 3 कानून बनाए जो किसान विरोधी कानून है जिन्हें किसान संगठनों ने काले कानूनों के रूप में संज्ञा दी है। आज पूरे देश भर में विरोध के रूप में उन काले कानूनों की प्रतियां जलाई गई और केंद्र सरकार से कहा कि कानूनों को वापस ले और जब तक उन कानूनों को वापस नहीं लेंगे जब तक सारे देश का किसान उनका विरोध करता रहेगा।
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सुप्रीम कोर्ट ने जो कार्यवाही करी किसानों की बात सुनी किसानों की बात पर चर्चा हुई उनका धन्यवाद लेकिन जो कमेटी बनाई सारे टीवी चैनलों पर और सब लोगों से आप पूछ लो उनका इतिहास क्या रहा उनमें से 2 लोग तो वह हैं जो कानून बनवाने में थे और एक दो लोग वह हैं जिन्होंने अभी तक लेख लिख लिखकर कानून का समर्थन किया तो इस कमेटी पर किसान को कोई विश्वास नहीं है ना किसान इस कमेटी के सामने अपनी बात रखने जाएगा। हम तो अपनी बात जो भी रखेंगे भारत सरकार के सामने रखेंगे और भारत सरकार जब तक कानून वापस नहीं लेगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
रिपोर्ट- पंकज प्रजापति
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