कृषक बीमा योजना में बदलाव: केवल किसान नहीं, ये भी होंगे लाभ के हकदार

उत्तर प्रदेश में योगी कैबिनेट नो किसानों और बटाईदारों के हित में एक महत्वपूर्ण योजना को अमलीजामा पहना दिया है। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना का नाम मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना करने के साथ ही इसके नियम और सुविधाओं में बदलाव किया गया है।

Update: 2020-01-22 05:34 GMT

लखनऊ उत्तर प्रदेश में योगी कैबिनेट नो किसानों और बटाईदारों के हित में एक महत्वपूर्ण योजना को अमलीजामा पहना दिया है। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना का नाम मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना करने के साथ ही इसके नियम और सुविधाओं में बदलाव किया गया है।अब नए नियमों के मुताबिक बीमे के वारिस के तौर पर किसान के परिवार के अलावा बटाईदार भी हकदार होगा।

 

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इस योजना के दायरे में प्रदेश के दो करोड़ 38 लाख 22 हजार किसान आएंगे। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री योगी की अध्यक्षता में यह निर्णय लिया गया। कैबिनेट बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता लघु उद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि बैठक में 14 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई।इस दौरान किसानों के संबंध में बीमा योजना के रूप में अहम फैसला लिया गया।

बता दें कि पहले मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना का लाभ सिर्फ खातेदार किसान और सह-खातेदार को ही मिलता था। अब नई व्यवस्था में किसान और उसकी पत्नी, पुत्र-पुत्री, पौत्र व पौत्री के साथ ही बटाईदार भी इसका पात्र होगा। सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि 18 से 70 वर्ष तक की उम्र के किसान इस योजाना के पात्र होंगे। योजना का लाभ 14 सितंबर 2019 से मिलेगा।

योजना में शर्त है कि दुर्घटना में किसान की मृत्यु या दिव्यांगता होने पर सभी प्रपत्र 45 दिन के अंदर तहसील कार्यालय में आवेदन सहित जमा करना होगा। इसमें एक महीने तक के विलंब को क्षमा करने का अधिकार जिलाधिकारी को होगा, लेकिन 75 दिन के बाद आवेदन पर विचार ही नहीं किया जाएगा।

 

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मुख्य बातें- *मुख्यमंत्री कृषक बीमा योजना का लाभ अब बटाईदार को भी मिलेगा।

*पहली बार ऐसा होगा कि इससे बटाईदार भी आच्छादित होंगे, इसका दायरा भी पहले की योजना से बड़ा होगा।

*योजना के तहत बीमे की अधिकतम रकम पांच लाख रुपये होगी।

*आंधी-तूफान और भूस्खलन में मरने या दिव्यांग होने वाले बालिग (18 से 70 वर्ष) आश्रित को भी इसका लाभ मिलेगा।

*अगर किसान का कोई बेटा नहीं है एवं पत्नी की मृत्यु हो चुकी है, तो उसकी बेटी (शादी हो चुकी हो तो भी) को इस योजना का लाभ मिलेगा।

*पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में मुख्यमंत्री कृषक बीमा योजना के तहत बीमा कम्पनियों को 600 करोड़ रुपये का प्रीमियम दिया जाता था।

* योगी सरकार इस योजना को निरस्त करते हुए डीबीटी के माध्यम से सीधे किसानों के खाते में धनराशि भेज रही है।

*हादसे के 45 दिनों के भीतर संबंधित परिवार को दावा पेश करना होगा। दावे के एक माह के भीतर ऑनलाइन भुगतान संबंधित किसान के खाते में करना होगा विशेष स्थितियों में संबंधित जिले के डीएम एक माह का अतिरिक्त समय दे सकते हैं।

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