Shravasti News: नाबालिग से दुष्कर्म करने के अपराधी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास, लगा एक लाख रूपये का अर्थदण्ड
Shravasti News: जिला पॉक्सो न्यायालय ने सात साल बाद नाबालिग किशोरी के साथ बलात्कार के दोषी को 20 वर्ष के सश्रम कारावास व एक लाख रुपए के अर्थ दंड के रूप में सजा सुनाई है।
Shravasti News: उत्तर प्रदेश के जनपद श्रावस्ती की जिला पॉक्सो न्यायालय ने सात साल बाद नाबालिग किशोरी के साथ बलात्कार के दोषी को 20 वर्ष के सश्रम कारावास व एक लाख रुपए के अर्थ दंड के रूप में सजा सुनाई है। अर्थ दंड की राशि अदा न करने पर दोषी को अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
ये है पूरी घटना
अभियोजन पक्ष की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक रोहित गुप्ता ने बताया कि घटना विगत 23- अगस्त-2017 की शाम करीब 08 बजे की है। बताया है कि वादी की 16 वर्ष की नाबालिग लड़की शौच के लिए गांव के उत्तर तरफ चेतराम वर्मा के खेत में गयी थी।वही पर उसकी लड़की को अकेला पाकर गाँव का रहने वाला लड़का बंशी पुत्र हरीराम वर्मा बुरी नियत से मौके से उठा कर दुष्कर्म करने लगा। इतने मे विरोध करते हुए लड़की के चिल्लाने पर लड़की की माँ व गाँव के कई लोग दौड़े ।इस पर आरोपी जान माल की धमकी देते मौके से भाग गया। घटना के समय वादी पंजाब में नौकरी कर रहा था।
घटना की सूचना उसे फोन से प्राप्त हुई।जिस कारण,घटना के तीसरे दिन वह पंजाब से अपने घर पहुंचा। इसके बाद वह अपनी पत्नी तथा लड़की के साथ पुलिस को पूरी घटना बताई । इसके बाद पुलिस ने लिखित तहरीर पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया।
पुलिस अधीक्षक घनश्याम चौरासिया के द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में मॉनिटरिंग सेल व विशेष लोक अभियोजक, संयुक्त निदेशक अभियोजन,शासकीय अधिवक्ता तथा कोर्ट पैरोकार के प्रयास एवं की गई प्रभावी पैरवी के फलस्वरूप आज शुक्रवार को न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश स्पेशल पॉक्सो जनपद श्रावस्ती ने थाना मल्हीपुर पर दर्ज आईपीसी की धारा 376 व ¾ पॉक्सो एक्ट बनाम वंशी उर्फ वंशीलाल पुत्र हरीराम वर्मा निवासी द्वारिकागांव बगिया दाखिली जमुनहा भवनियापुर थाना मल्हीपुर जनपद श्रावस्ती की विवेचना प्रचलित हुई ।इस दौरान आरोप पत्र न्यायालय पर प्रेषित हुआ ।
न्यायालय पर मुकदमे का विचारण हुआ।विचारण के उपरान्त अपर सत्र न्यायाधीश अनन्य रूप से पॉक्सो निर्दोष कुमार ने आरोपी अभियुक्त को 20 वर्ष का सश्रम कारावास व एक लाख के अर्थ दण्ड से दण्डित किया।
साथ ही कोर्ट ने अर्थ दण्ड की राशि 1,00000 /रुपए क्षतिपूर्ति के रूप में पीड़िता को देने का आदेश दिया गया है। न्यायालय ने अर्थदंड की धनराशि न अदा करने पर अतिरिक्त सजा का भी जुर्माना लगाया है।