Shravasti News: श्रावस्ती में राप्ती नदी का तांडव जारी, दो दर्जन गांव जलमग्न, सैकड़ों लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया
Shravasti News: राप्ती के आसपास बसे गांव में भी पानी भर गया है, जिससे लोग गांव में ही फंस गए हैं, वहीं प्रशासन द्वारा भारी बारिश एवं बाढ़ के दृष्टिगत राहत एवं बचाव कार्य कराया जा रहा है।
Shravasti News: हिमाचल की तलहटी से निकलने वाली राप्ती नदी का श्रावस्ती में तांडव जारी है।जनपद में लगातार 30 घंटे से हो रही बारिश और नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद अचानक पांच लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने से श्रावस्ती में जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। राप्ती अपने खतरे के निशान से 127.70 से बढ़कर 128.00 पर बह रही है।यानि नदी का पानी 1 मीटर 30 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर है। वहीं राप्ती के आसपास बसे गांव में भी पानी भर गया है।जिससे लोग गांव में ही फंस गए हैं।वहीं जनपद में प्रशासन द्वारा भारी बारिश एवं बाढ़ के दृष्टिगत राहत एवं बचाव कार्य कराया जा रहा है। बाढ़ की सूचना के बाद प्रशासन हरकत में आया और जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी एवं पुलिस अधीक्षक घनश्याम चौरसिया के नेतृत्व में प्रातःकाल से ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण किया गया है।
जिसके तहत राहत एवं बचाव कार्य का जायजा लिया हैं।इस दौरान डीएम के निर्देश पर बाढ़ से प्रभावित जनपद के लगभग दो दर्जन गावों में से तहसील भिनगा के अन्तर्गत भाखला पुल स्थित रेहरा गांव में 19 लोगों, बेचईपुरवा में 33 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर लाया गया है।इसी प्रकार तहसील इकौना के अन्तर्गत मध्यनगर में 30, कोटवा में 18, पुरूषोत्तमपुर में 12, दुलहिया में 14, रामपुर त्रिभुवना में 02 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। जबकि तहसील जमुनहा के अन्तर्गत ग्राम जोगिया 20, वीरपुर लौकिहा 60, शिकारी चौड़ा में 30, केवटन पुरवा में 15 व बांसगढ़ी में 02 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर लाया गया है।
इस दौरान सभी पीड़ितों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करायी गई है । इसी तरह से प्रशासन ने जनपद के विभिन्न स्थानों पर रेस्क्यू कर 147 पशुओं को पशु आश्रय स्थल एवं 600 निराश्रित गोवंश को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। साथ ही मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा मानव ने पशुओं के लिए हरे चारे एंव आवश्यक दवाओं आदि की व्यवस्था कराई है।इसके साथ ही असरफ नगर तटबन्ध एवं अंधरपुरवा तटबन्ध पर कटान की सूचना मिली है, जिसके अन्तर्गत जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता बाढ खण्ड एवं प्रान्तीय खण्ड लोक निर्माण विभाग को राहत एवं बचाव कार्य हेतु निर्देशित किया गया। जिसके बाद तटबंधों को दुरूस्त कराने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।इस दौरान डीएम ने भाखला पुल के समीप बसे ग्रामीणों से बात कर बाढ़ पीड़ितों का कुशल क्षेम जाना तथा उनसे सुरक्षित स्थान पर जाने हेतु अपील किया। उन्होंने कहा कि सभी ग्रामवासी अपने अपने पशुओं को लेकर राहत शिविरों में चले जाए, जिला प्रशासन पुख्ता इंतजाम किया गया हैं।
इसके साथ जिलाधिकारी ने जनपद के तीनों उपजिलाधिकरियो को निर्देश दिया कि जिन गाँवो में बाढ़ का पानी घुस गया है उन गाँवो के बाढ़ पीड़ितों को तत्काल एनडीआरएफ/फ्लड पीएसी टीम मदद से बाहर निकाल कर राहत शिविर में पहुंचाया जाय। बताया है कि राहत शिविरों में पीड़ितो के भोजन की समय समय पर व्यवस्था की गई है। उन्होने यह भी बताया है कि बाढ़ चौकियों एवं राहत शिविरों में लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल हेतु मेडिकल/मोबाइल मेडिकल टीम की व्यवस्था की गई है , ताकि बाढ़ पीड़ित परिवारों को कोई दिक्कत न होने पाएं। इस दौरान जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने तमाम बाढ़ प्रभावित गांवों एवं राहत शिविरों में जाकर ग्राम वासियों, बाढ़ पीड़ितों, उनके परिवारों, महिलाओं एवं बच्चों से मिलकर बात भी किया और उनका उनका कुशलक्षेम जाना और आगे भी मदद का भरोसा दिया है।
जिलाधिकारी ने बताया कि जिले की तीनो तहसीलों में एनडीआरएफ/फ्लड पीएसी की टीमों द्वारा युद्धस्तर पर 15 मोटर बोटें एवं नावों से राहत एवं बचाव कार्य जारी है। प्रशासन द्वारा बड़े वाहनों की व्यवस्था कर लोगों को बाढ़ शरणालय तक पहुंचाने हेतु कार्यवाही की जा रही है। सभी राहत शिविरों में पके भोजन का वितरण कराया जा रहा है। उन्होने ग्राम वासियों से कहा कि जिला प्रशासन बाढ़ पीड़ितों के प्रति हर सम्भव सहायता के लिए प्रतिबद्ध है। सभी लोग धैर्य एवं संयम रखें। सुरक्षा के दृष्टिकोण से यदि पानी बढ़ता है तो बाढ़ पीड़ितों हेतु स्थापित आश्रय स्थल में जाएं और अपने पशुओं/जानवरों को भी सुरक्षित करें।जिलाधिकारी ने बताया है कि बाढ़ बारिश आपदाओं के प्रबंधन एवं सूचनाओं के त्वरित आदान प्रदान हेतु जिलाधिकारी कार्यालय में कंट्रोलरूम की स्थापना की गई है, जिसका नम्बर-8545092198 है, जो 24 घंटे संचालित रहेगा।उन्होने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बाढ़ का पानी घटने के बाद विभिन्न प्रकार के हुए क्षति का आकलन कराकर नियमानुसार क्षतिपूर्ति की कार्यवाही का निर्देश भी दिया है जो पानी घटते ही शुरू करा दिया जाएगा।