Shravasti News: कंपोजिट विद्यालय में मोटिवेशनल स्पीकर सीएस दीपक जैन ने कहा- 'भगवान बुद्ध दुनिया के पहले मनोवैज्ञानिक थे'
Shravasti News: सीएस दीपक जैन ने कहा कि "यह आवश्यक है कि हम युवा दिमागों को छोटे आयु में ही सही मूल्यों और मानसिकता से तैयार करें। ये बच्चे हमारे भविष्य हैं।;
कंपोजिट विद्यालय में मोटिवेशनल स्पीकर सीएस दीपक जैन ने कहा- 'भगवान बुद्ध दुनिया के पहले मनोवैज्ञानिक थे' (Photo- Social Media)
Shravasti News: श्रावस्ती जनपद अन्तर्गत कंपोजिट विद्यालय कटरा गुलरिया में विजय फाउंडेशन के संस्थापक व प्रसिद्ध कंपनी सेक्रेटरी, मोटिवेशनल स्पीकर
सीएस दीपक जैन ने एक श्रृंखला के रूप में मोटिवेशनल सत्र आयोजित किया। इस दौरान सीएस दीपक जैन ने कहा कि वह दिल्ली से श्रावस्ती चलकर इस उद्देश्य से आए थे कि वे न केवल मोटिवेशनल सत्रों का संचालन करें, बल्कि वे भगवान बुद्ध की शिक्षाओं में गहरी रुचि रखते हैं।
उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध दुनिया के पहले मनोवैज्ञानिक थे, जिन्होंने मन और सकारात्मक दृष्टिकोण की शक्ति पर जोर दिया। उनका मानना था कि प्रेम, करुणा, खुशी, उत्साह और हार न मानने की भावना से जीवन में सफलता और संतोष प्राप्त किया जा सकता है। दीपक जैन ने श्रावस्ती की आध्यात्मिक महत्ता को महसूस करने के बाद कहा कि जहां भगवान बुद्ध ने 25 वर्षों तक वर्षा ऋतु के दौरान कई महत्वपूर्ण उपदेश दिए थे। इसके साथ साथ श्रावस्ती तीसरे जैन तीर्थंकर भगवान संभवनाथ का जन्म स्थान भी है, जिससे इस स्थान का ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है। उन्होंने मोटिवेशन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मोटिवेशन या प्रेरणा का मतलब है किसी व्यक्ति को किसी लक्ष्य को पाने के लिए प्रेरित करना।
क्या होता है मोटिवेशन
यह एक आंतरिक स्थिति है जो किसी व्यक्ति को लक्ष्य-निर्देशित व्यवहार में लगने के लिए प्रेरित करती है। मोटिवेशन को अक्सर बल के रूप में समझा जाता है। मोटिवेशन के बारे में ज़रूरी बातें बताते हुए कहा कि मोटिवेशन दो तरह का होता है, आंतरिक और बाह्य। मोटिवेशन की जड़ में शारीरिक कष्टों को कम करना और आनंद को ज़्यादा करना हो सकता है। मोटिवेशन की जड़ में विशिष्ट ज़रूरतें, जैसे खाना, आराम करना, वांछित वस्तुएं, रूचि, लक्ष्य, आदर्श आदि हो सकते हैं।
वहीं मोटिवेशन की जड़ में कुछ अल्प-स्पष्ट कारण, जैसे - स्वार्थ, नैतिकता व अनैतिकता आदि भी हो सकते हैं.मोटिवेशन से हमें कार्य करने की इच्छा और जिज्ञासा पैदा होती है।मोटिवेशन हमें बुरी परिस्थितियों में हथियार डालने से रोकता है। मोटिवेशन हमें आत्म समर्पण और संघर्ष की भावना को हराने में मदद करता है। मोटिवेशन शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के मोटम (Motum) धातु से हुई है, जिसका अर्थ मूव (Move) या इन्साइट टू ऐक्सन (Insight to Action) होता है।
सीएस ने कहा कि श्रावस्ती में कुछ अद्भुत सकारात्मक ऊर्जा है," दीपक जैन ने इस स्थान की ऊर्जा और शांति की सराहना करते हुए कहा कि छोटे छात्रों के लिए सत्र में आनंददायक गतिविधियां आयोजित की गईं, इसके बाद उन्हें जीवन के महत्वपूर्ण मूल्य जैसे कड़ी मेहनत, बुद्धिमत्ता, ईमानदारी, सफलता की मानसिकता, ज्ञान और सकारात्मक संवाद के बारे में सिखाया गया। इस दौरान छात्रों ने इस सत्र का बहुत उत्साह के साथ भाग लिया और इस प्रक्रिया को आनंददायक पाया। वरिष्ठ छात्रों के लिए सत्र (कक्षा VI से VIII तक) वरिष्ठ छात्रों के लिए सत्र में ताली बजाने की कसरत, सकारात्मक पुष्टि, लक्ष्य निर्धारण, दृढ़ता, खुशमिजाज बने रहने और जीवन में सही रास्ते का चयन करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
भगवान बुद्ध की शिक्षाओं पर जोर दिया गया
इस मौके पर विशेष रूप से भगवान बुद्ध की शिक्षाओं पर जोर दिया गया, जिनमें उनका प्रसिद्ध उद्धरण "मन ही सब कुछ है, हम जो सोचते हैं, वही बन जाते हैं" साझा किया गया। छात्रों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और कई सार्थक सवाल पूछे। इस पहल के बारे में बोलते हुए, सीएस दीपक जैन ने कहा, "यह आवश्यक है कि हम युवा दिमागों को छोटे आयु में ही सही मूल्यों और मानसिकता से तैयार करें। ये बच्चे हमारे भविष्य हैं, और आत्मविश्वास, सकारात्मकता और दृढ़ता को उनमें विकसित करने से वे एक बेहतर कल बना सकते हैं। "इस अवसर पर प्रधानाध्यापिका सुषमा तिवारी, ननकऊ प्रसाद यादव, शिवकुमार यादव आदि शिक्षक शिक्षिकाएं तथा छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।