Shravasti news: गायों के मरने से ग्रामीणों में आक्रोश, पशु चिकित्साधिकारी, सचिव सस्पेंड
Shravasti news: गायों की मौत से ग्रामीणों में गुस्सा, पशु चिकित्साधिकारी, सचिव निलंबित। एक तरफ योगी सरकार गायों के चारे, पानी और रहन-सहन को लेकर दिन-रात चिंता कर रही है और पूरे उत्तर प्रदेश से 65 हजार हेक्टेयर से अधिक चारागाह खाली कराने की वकालत कर रही है, वहीं दूसरी तरफ यूपी के श्रावस्ती जिले के विकास खंड गिलौला के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत लखना के मौजा काशीपुर मुसहा गौशाला में आज एक बड़ी रहस्यमयी घटना घटी है।
Shravasti news: गायों की मौत से ग्रामीणों में गुस्सा, पशु चिकित्साधिकारी, सचिव निलंबित श्रावस्ती: एक तरफ योगी सरकार गायों के चारे, पानी और रहन-सहन को लेकर दिन-रात चिंता कर रही है और पूरे उत्तर प्रदेश से 65 हजार हेक्टेयर से अधिक चारागाह खाली कराने की वकालत कर रही है, वहीं दूसरी तरफ यूपी के श्रावस्ती जिले के विकास खंड गिलौला के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत लखना के मौजा काशीपुर मुसहा गौशाला में आज एक बड़ी रहस्यमयी घटना घटी है। इस रहस्यमयी हादसे या बीमारी में कई दर्जन गायों के मरने की खबर है। ग्रामीणों की मानें तो प्रशासन गायों की मौतों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहा है और सिर्फ दो गायों के मरने और 15 से 20 गायों के बीमार होने की बात कह रहा है। इस संबंध में जब ग्राम प्रधान समीद अहमद से बात करने की कोशिश की गई तो वह न तो घर पर मिले और न ही गौशाला के आसपास कहीं नजर आए। फिलहाल इस रहस्यमयी घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर भारी संख्या में पुलिस तैनात कर दी गई है और किसी को भी गौशाला में जाने नहीं दिया जा रहा है।
15 से 20 गायों के बीमार होने की बात आई सामने
गायों की मौत से ग्रामीणों में गुस्सा, पशु चिकित्साधिकारी, सचिव निलंबित। एक तरफ योगी सरकार गायों के चारे, पानी और रहन-सहन को लेकर दिन-रात चिंता कर रही है और पूरे उत्तर प्रदेश से 65 हजार हेक्टेयर से अधिक चारागाह खाली कराने की वकालत कर रही है, वहीं दूसरी तरफ यूपी के श्रावस्ती जिले के विकास खंड गिलौला के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत लखना के मौजा काशीपुर मुसहा गौशाला में आज एक बड़ी रहस्यमयी घटना घटी है। इस रहस्यमयी हादसे या बीमारी में कई दर्जन गायों के मरने की खबर है। ग्रामीणों की मानें तो प्रशासन गायों की मौतों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहा है और सिर्फ दो गायों के मरने और 15 से 20 गायों के बीमार होने की बात कह रहा है। इस संबंध में जब ग्राम प्रधान समीद अहमद से बात करने की कोशिश की गई तो वह न तो घर पर मिले और न ही गौशाला के आसपास कहीं नजर आए। फिलहाल इस रहस्यमयी घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर भारी संख्या में पुलिस तैनात कर दी गई है और किसी को भी गौशाला में जाने नहीं दिया जा रहा है।
घटना इतनी बड़ी हो सकती है कि यह धार्मिक विवाद का भी रूप ले सकती है। आसपास के गांवों व ग्राम पंचायत लखना के ग्रामीणों में गायों की मौत से मामला गंभीर होता जा रहा है और हिंदू समुदाय में प्रशासन, जनप्रतिनिधियों व ग्राम प्रधान के खिलाफ आक्रोश है। ग्रामीण गौशाला जाने की जिद करते रहे, लेकिन पुलिस ने उन्हें गौशाला के अंदर नहीं जाने दिया। ग्रामीण विजय, मुकेश, रमेश व सुमन का कहना है कि कई दर्जन गायों की मौत हो चुकी है और इसके लिए विभाग, प्रधान व सचिव जिम्मेदार हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस गौशाला में करीब एक हजार गाय रहती हैं लेकिन चारे व पानी की समुचित व्यवस्था कभी नहीं देखी गई। कभी-कभार कोई ग्रामीण, समाजसेवी या पत्रकार जिम्मेदार लोगों से सवाल करता है तो उस पर सवाल उठाए जाते हैं। इसी का नतीजा है कि आज यह घटना घटी। ग्रामीणों ने कहा कि इसका खुलासा भी नहीं किया जाता है। किसी ग्रामीण को यह पूछने का अधिकार नहीं दिया जाता है कि गौशाला में क्या होता है।
गायों के बीमार होने का कारण दूषित चारा व पानी हो सकता है
फिलहाल सूचना पाकर मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने घटनास्थल का निरीक्षण कर दिशा निर्देश दिए हैं। मामले पर जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि सचिव को निलंबित कर दिया गया है और ग्राम प्रधान समीद को नियम 95 के तहत नोटिस दिया जा रहा है। इसके साथ ही पशु चिकित्साधिकारी डॉ विनय कुमार को निलंबित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी और जो भी जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने यह भी कहा कि मामले में जांच के बाद बीमार पशुओं और मृत पशुओं की जानकारी दोबारा दी जाएगी।
जानकारी यह भी है कि गायों के बीमार होने या मरने के कारणों की जांच के लिए शासन स्तर से एक विशेषज्ञ टीम आ रही है, जो पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच करेगी। बताया यह भी जा रहा है कि जिन दो मृत गायों को दफनाया गया है, उनके तथ्यों की भी जांच की जाएगी और जिम्मेदार अधिकारियों, कर्मचारियों और गौशाला की गायों की देखभाल करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
डीएम ने बताया कि सम्भवत गायों के बीमार होने का कारण दूषित चारा व पानी हो सकता है। सैंपल टीम चारा व पानी का सैंपल लेकर लैब में भेज रही है। इसके अलावा गायों को दी जाने वाली कृमिनाशक दवा की भी जांच की जा रही है। यदि दवा खिलाने से पशुओं के बीमार होने की बात सामने आती है तो इसकी भी जांच की जाएगी और ऐसी स्थिति में सम्बन्धित दवा आपूर्तिकर्ता को ब्लैक लिस्टेड कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।