Shravasti News: एसपी की पहल पर 'डिजिटल अरेस्ट अवेयरनेस' और 'कैपेसिटी बिल्डिंग' पर प्रस्तावित दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित

Shravasti News: कार्यशाला में भारत सरकार के स्टार्टअप विभाग से मान्यता प्राप्त संस्था नेतृत्वशाला और एआई नीति, नियमन एवं प्रचार पर काम करने वाली संस्था ग्लोबल लीडर्स प्राइवेट लिमिटेड ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।;

Update:2025-01-28 17:39 IST

 'डिजिटल अरेस्ट अवेयरनेस' और 'कैपेसिटी बिल्डिंग' पर प्रस्तावित दो दिवसीय कार्यशाला (Photo- Social Media)

Shravasti News: पुलिस अधीक्षक घनश्याम चौरसिया की पहल पर श्रावस्ती के पुलिस लाइन सभागार में 'डिजिटल अरेस्ट अवेयरनेस' और 'कैपेसिटी बिल्डिंग' विषय पर प्रस्तावित दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन चल रहा है। प्रथम दिन के कार्यक्रम का शुभारंभ पुलिस अधीक्षक घनश्याम चौरसिया और जे डी सहसेंदु मिश्रा द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

बताया गया है कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य आम नागरिकों और पुलिस कर्मियों को डिजिटल युग में उनके अधिकारों, कर्तव्यों और साइबर अपराधों से जुड़ी कानूनी और तकनीकी जानकारी प्रदान करना है। साथ ही यह समझाना कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर किसी भी प्रकार के गलत कार्य के लिए व्यक्ति को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि वर्तमान डिजिटल युग में इंटरनेट और सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोग के साथ साइबर अपराधों में भी बढ़ोतरी हुई है।

डिजिटल अरेस्ट अवेयरनेस पर दो दिवसीय कार्यशाला

डिजिटल अरेस्ट अवेयरनेस के माध्यम से लोग ऑनलाइन फ्रॉड, डेटा चोरी और अन्य डिजिटल अपराधों से बच सकते हैं। कार्यशाला में भारत सरकार के स्टार्टअप विभाग से मान्यता प्राप्त संस्था नेतृत्वशाला और एआई नीति, नियमन एवं प्रचार पर काम करने वाली संस्था ग्लोबल लीडर्स प्राइवेट लिमिटेड ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विशेषज्ञों ने डिजिटल अरेस्टिंग के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला और साइबर अपराधों के दुष्प्रभावों से बचने के उपाय बताए।

कार्यशाला में ऑनलाइन उत्पीड़न जैसे सोशल मीडिया या अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर परेशान करने की घटनाएं।साइबर क्राइम जैसे हैकिंग, डेटा चोरी, फिशिंग आदि।झूठी जानकारी फैलाकर समाज में भ्रम और हिंसा फैलाने की गतिविधियां।बदनामी फैलाने के लिए अपमानजनक सामग्री पोस्ट करना जैसे बिन्दुओं पर बताया जा रहा है।

कार्यशाला में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ सागर विश्नोई (जर्मनी से लाइव वीडियो कांफ्रेंसिंग), शुभम सिंह (साइबर एक्सपर्ट), प्रणव द्विवेदी (टीम हेड), और आस्था कोहली (लीगल एक्सपर्ट) ने प्रतिभाग किया है। उन्होंने डिजिटल अरेस्टिंग, साइबर फ्रॉड, और फेक वारंट जैसे विषयों पर व्यावहारिक जानकारी साझा की।इस दौरान विशेषज्ञों ने बताया है कि साइबर अपराध से बचने के लिए किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें। अपने ऑनलाइन खातों को अधिक सुरक्षित बनाएं,संदिग्ध लेनदेन पर सावधानी बरतें:,अनजान व्यक्ति द्वारा पैसे की मांग की सत्यता जांचें।

साइबर पुलिस से संपर्क करें

बताया जा रहा है कि किसी भी साइबर धोखाधड़ी की घटना की तुरंत रिपोर्ट करें। कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि साइबर अपराधी किस प्रकार फर्जी अरेस्ट वारंट और अन्य जाली दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी करते हैं। प्रतिभागियों को इनसे बचने के उपायों की जानकारी दी जा रही है।

कार्यशाला का संचालन अपर पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार यादव ने किया। इसमें उपजिलाधिकारी, न्याय विभाग के एपीओ श्री किसलय पांडेय, जमाल असगर राणा (असम राइफल),प्रभारी निरीक्षक (साइबर थाना), प्रतिसार निरीक्षक, समस्त थाना प्रभारीगण, एसएसबी कर्मचारी, कंप्यूटर ऑपरेटर, साइबर हेल्प डेस्क कर्मी, और पुलिस कार्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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