Meerut News: प्रवासी भारतीय अपनी संस्कृति बचाकर विदेशों में वहां के समाज को जोड़ने का कर रहे हैं कार्य -श्याम परांदे

Meerut News: अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद की मेरठ इकाई द्वारा गोष्ठी का किया गया आयोजन।

Update:2023-04-20 04:35 IST
अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद की मेरठ इकाई द्वारा गोष्ठी का किया गया आयोजन: Photo- Newstrack

Meerut News: अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद की मेरठ इकाई द्वारा बुधवार को एक गोष्ठी का आयोजन चैधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ के अटल ऑडिटोरियम में किया गया। मुख्य वक्ता अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद के महामंत्री श्याम परांदे रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने की। प्रो. रूप नारायण तथा प्रो. वाई विमला विशिष्ट अतिथि के रूप में रहे। महिला अध्ययन केंद्र की एस प्रो. बिंदु शर्मा सह संयोजक रहीं।

इस मौके पर मुख्य वक्ता श्याम परांदे ने कहा कि जबसे जी 20 की अध्यक्षता भारत के पास आई है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसको जनांदोलन के रुप में चलने की अपेक्षा की है। देश के विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब 21 और 22 मार्च को नागपुर में कार्यक्रम किया गया तो पूरा नागपुर इस ढंग से सजाया गया था की सारे विदेशी मेहमान हतप्रभ रह गए।

वसुधैव कुटुंबकम् की अवधारणा

उन्होंने कहा की इससे पूर्व भी विभिन्न देशों में जी 20 की अध्यक्षता रही है लेकिन कहीं भी उतने भव्य कार्यक्रम और उत्साह देखने को नहीं मिला। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों के द्वारा विदेशों में अपनी संस्कृति को बचाकर रखते हुए वहां के समाज को जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने संस्कृत के संदर्भ देकर कहा कि ये मेरा है ये तेरा है, ये चिंतन छोटे दिल दिमाग वाले करते हैं जबकि उदार चरित्र वाले यानी बड़े दिल वाले समस्त पृथ्वी को एक कुटुंब या परिवार ही मानते हैं। ऐसी विचार धारा की स्थापना होने पर विश्व में होने वाले समस्त संघर्ष खत्म हो जाएंगे और वास्तविक विश्वशांति की स्थापना हो सकेगी। ये पृथ्वी एक है। आकाश भी एक ही है। सभी में एक ही परमात्मा का अंश है। अतः वसुधैव कुटुंबकम् की अवधारणा ही स्थापित किया जाना आवश्यक है।

कुलपति प्रो संगीता शुक्ला ने अपने संबोधन में विश्वविदयालय को विदेशी विश्वविद्यालयों से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया। एआरएसपी मेरठ के संयोजक अनिल गुप्ता ने कहा कि भारतीय चिंतन में व्यक्ति नहीं बल्कि परिवार ही सबसे छोटी इकाई होता है। उन्होंने कहा कि यहां पिंड से ब्रह्मांड तक एक सूत्र में रहने की अवधारणा की गई है। प्रो. रूप नारायण ने कहा कि समस्त पृथ्वी एक परिवार ही है। प्रो.वाई विमला ने कहा कि भारतीय होने के कारण विदेशों में विशेषकर हंगरी में उन्हें विशेष सम्मान दिया गया था। कार्यक्रम में प्रो. बिंदु शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। डा. पायल अग्रवाल ने वन्देमातरम का गान किया। डा.सोनम शर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया।

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