Siddharthnagar News : पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर सपा नेता ने कहा, देश के लिए एक धरोहर थे

Siddharthnagar News : पूर्व अतिथि प्रवक्ता मणेन्द्र मिश्रा ने कहा कि विख्यात वैज्ञानिक कलाम साहब केंद्र और राज्य सरकारों को समावेशी नीतियों के लिए पत्राचार करते रहते थे

Report :  Intejar Haider
Update: 2024-07-27 12:51 GMT

Siddharthnagar News : समाजवादी शिक्षक सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व अतिथि प्रवक्ता मणेन्द्र मिश्रा ‘मशाल’ ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कलाम साहब हमारे देश के लिए एक धरोहर की भांति सदैव जनता के मन/मस्तिष्क में बने रहेंगे। वे मिशन 2020 के प्रणेता थे।

पूर्व अतिथि प्रवक्ता मणेन्द्र मिश्रा ने कहा कि विख्यात वैज्ञानिक कलाम साहब केंद्र और राज्य सरकारों को समावेशी नीतियों के लिए पत्राचार करते रहते थे। 2016 में उत्तर प्रदेश की तत्कालीन समाजवादी सरकार के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की विकासपरक योजनाओं के प्रति गहरा संतोष व्यक्त करते हुए संवाद की इच्छा जाहिर की थी। उन्होंने अखिलेश यादव को प्रदेश के विकास व सशक्तीकरण के लिए तैयार किया गया दस्तावेज और पत्र भेजा था। इसमें उन्होंने देश की खुशहाली और विकास के लिए यूपी की तरक्की को जरूरी बताया था। उन्होंने उत्तर प्रदेश को देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बताते हुए यहां पर्याप्त प्राकृतिक एवं मानव संसाधन की उपलब्धता की ओर ध्यान दिलाया था।

उन्होंने कहा कि डॉ. कलाम ने प्रदेश की तरक्की के लिए एक लाख सामाजिक उद्यमियों का समूह बनाने का सुझाव दिया था। साथ ही राज्य सरकार तथा शैक्षिक संस्थानों द्वारा इन उद्यमियों को प्रोत्साहित किए जाने के विचार पर कार्य करने को बल दिया था। इसके साथ ही ख्यातिलब्ध वैज्ञानिक कलाम ने विकास के माडल के प्रति अपने विचारों से अखिलेश यादव को अवगत कराने की रुचि भी जाहिर की थी। उन्होंने समाजवादी सरकार में प्रदेश की जनता की खुशहाली और समृद्धि को ध्यान रखते हुए अखिलेश यादव की कार्ययोजना को जमकर सराहा था। साथ ही कुछ बुनियादी समस्याओं की दिशा में हो रहे कार्यों की गति तेज करने पर जोर दिया था। पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की दूरदर्शिता, नीति योजना, विकास के लिए बनाये गए योजनाओं में जमीनी कठिनाईयों का अभाव सहित वैज्ञानिक अनुसंधान का लम्बा अनुभव भारत की वैश्विक प्रगति में बेहद उपयोगी रहे हैं। निश्चय ही उनकी ज्ञान परंपरा देश वासियों को पीढ़ी दर पीढ़ी समृद्ध करती रहेगी।

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