अंजली बनी मास्क वाली बिटिया, कोविड से कर रही सिद्धार्थनगर वालों की सुरक्षा
उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में कक्षा 6 की छात्रा इन दिनों अपने कर्तव्यों के चलते सुर्खियों में है। लोग उसे मास्क वाली बिटिया के नाम से बुलाते हैं। हालांकि उसका नाम अंजली है।
सिद्धार्थनगर: उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर (Siddharthnagar) में कक्षा 6 की छात्रा इन दिनों अपने कर्तव्यों के चलते सुर्खियों में है। लोग उसे मास्क (mask) वाली बिटिया के नाम से बुलाते हैं। हालांकि उसका नाम अंजली है। वो सरस्वती शिशु मंदिर बरघाट की छात्रा है, उसके पिता चाय की दुकान चलाते हैं।
जिले के नवसृजित नगर पंचायत बढ़नीचाफा की अंजली ने कोरोना की भयाहवता को बखूबी समझा है। लोगों को इस बीमारी से बचाने के लिए उसने अपने मोहल्ला वासियों के लिए बीते वर्ष निजी खर्च से एक हजार मास्क न सिर्फ तैयार किया बल्कि उसे बिना किसी शुल्क के वितरित भी किया। उसे लोगों से सहयोग मिला तो दोबारा इतने ही मास्क तैयार कर वितरित किया और तारीफ के साथ इनाम प्राप्त किया। कक्षा छह की इस छात्रा ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखकर एक बार फिर मास्क तैयार करना शुरू किया है। स्वजनों के सहयोग से उसने इस बार अप्रैल महीने से मास्क तैयार कर जरूरतमंदो को देने के साथ ही दुकानों तक सप्लाई शुरू की है।
अंजली की सहेलियां भी मुहिम में जुड़ी
इस बार की मुहिम में उसकी सहेलियां शिखा, मनीषा, रीता के अलावा मोहल्ले की महिला शीतल भी जुड़ चुकी हैं। सभी मिलकर प्रतिदिन दो घंटे काम करती हैं और तीन सौ मास्क तैयार करती हैं। गरीबों में यह मास्क बिना किसी शुल्क के वितरित किया जाता है, वहीं दुकानदार इसे 15 रुपय प्रति मास्क की दर से खरीदकर ले जा रहे हैं। जितने मास्क बिकते हैं उन पैसों से दोबारा मास्क तैयार किए जाते हैं। अंजली का कहना है कि वह मास्क की मदद से लोगों को महामारी से महफूज रखना चाहती है। एसडीएम त्रिभुवन ने कहा कि अंजली ने पिछले वर्ष भी काफी सहयोग किया था। इस बार वह अन्य को भी साथ लेकर चल रही है। इसकी जितनी सराहना की जाए कम है। प्रशासन के अधिकारियों ने उसे सम्मानित भी किया है।