आयुष हर्बल पार्क के जरिये कोरोना से होगी लड़ाई, विधायक ने किया शिलान्यास
आयुर्वेद और भारत की प्राचीन परम्पराओं में इस प्रकार के किसी भी वायरस से लड़ने के लिए शरीर की प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने से जुड़े अनेक तथ्य उपलब्ध हैं।
सीतापुर: कोरोना संकट के बीच विधायक ज्ञान तिवारी ने ब्लाक सकरन के केवानी नदी तट पर ग्राम सभा रेवांन में जिले के पहले आयुष हर्बल पार्क का शिलान्यास किया। इस दौरान आयुर्वेद में मौजूद जड़ी-बूटियों और चिकित्सा पद्धति की जानकारी दी गई है। पूजा अर्चना के बाद विधायक ज्ञान तिवारी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग में दुनिया भारत की ओर आशा से देख रही है।
आयुर्वेद से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के नुस्खों की मिलेगी जानकारी- विधायक
आयुर्वेद और भारत की प्राचीन परम्पराओं में इस प्रकार के किसी भी वायरस से लड़ने के लिए शरीर की प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने से जुड़े अनेक तथ्य उपलब्ध हैं। आयुर्वेद चिकित्सा की ऐसी प्रणाली है, जिसमें बीमारियों से लड़ने के लिए शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने पर बल दिया जाता है। विधायक ने शिलान्यास होने पर कहा अब लोगों को योग और आयुर्वेद के माध्यम से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के नुस्खों की विस्तृत जानकारी मिल सकेगी। लोग इसके उपयोग से लाभान्वित होंगे और प्राकृतिक जड़ी-बूटियों के प्रयोग से अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर रोगों को परास्त करेंगे।
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विधायक ने बताया जिले का यह पहला हर्बल पार्क है ऐसे पार्क अन्य क्षेत्रों में भी बनाए जाएंगे जिससे कि जिलों को व क्षेत्र की जनता एवं किसानों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा आज के समय ऐसे पार्कों की अत्यधिक आवश्यकता है। हमने अपने क्षेत्र से इसकी शुरुआत की है। विधायक ने बताया 15 दिन में यह पार्क बनकर तैयार हो जाएगा। विधायक ने बताया प्रदेश में असंगठित क्षेत्र के छोटे एवं कुटीर उद्योगों के आधुनिकीकरण में राज्य सरकार मदद करेगी। इसका लाभ भी लोग ले जिससे कि उद्योग को बढावा मिल सके। इस अवसर पर विधायक प्रतिनिधि ओमप्रकाश मिश्रा, ब्लाक प्रमुख कृष्ण कुमार वर्मा, बीडीओ संदीप कुमार, बनिया बाबा,जेई शुभाष आदि मौजूद रहे।
हर्बल पार्क में लगेंगे ये पौधे
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प्रस्तावित हर्बल पार्क में शतावरी, अश्वगंधा, अकरकरा, राम-श्याम बद्रीनाथ कैम्पर तुलसी, सरीबिया, सीता अशोक, सर्पगंधा, पुदीना, दालचीनी, काली मुसली, गुलाब, कालमेघ, चित्रक, छुईमुई (लाजवंती), भूमि आवला, रीठा, सदाबहार और बाघबिडिंग। एलोवेरा दमाबूटी, ब्राह्मी, हरड़, बहेड़ा, बास, पिपली, काली जीरी, सफेद मूसली जैसे औषधीय पौधे लगाए जाएंगे।
रिपोर्ट- पुतान सिंह