Sonbhadra News: कोल स्कैम में फर्जी कंपनियों के जरिए काली कमाई किया जा रहा सफेद, ED के राडार पर कई कंपनिया
Sonbhadra News: कोल स्कैम को लेकर कोलकाता से झारखंड और झारखंड से यूपी-एमपी तक नेटवर्क फैले होने की बात सामने आई है।;
coal scam (social media)
Sonbhadra: पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले (Teacher Recruitment Scams) को लेकर चल रही जांच के दौरान जिस तरह की जानकारियां ईडी के हाथ लग रही हैं। उससे जहां कोल स्कैम यानी कोल तस्करी (coal smuggling) को लेकर कोलकाता से झारखंड और झारखंड से यूपी-एमपी तक नेटवर्क फैले होने की बात सामने आई है। वहीं, शेल (कागजी कंपनी) कंपनियों के जरिए कोयले की काली कमाई को सफेद कमाई में तब्दील करने को लेकर भी एक बड़ा रैकेट संचालित होने की बात सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है।
हालांकि ईडी अभी पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी (West Bengal Minister Partha Chatterjee) और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी से जुड़े तार खंगालने में जुटी हुई है, लेकिन जिस तरह से उनसे जुड़े तारों का कनेक्सन झारखंड होते हुए यूपी, मध्यप्रदेश तक मिलने लगा है। उससे सोनभद्र और सिंगरौली में कोल ट्रेडिंग से जुड़ी कथित कंपनियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए जाने लगे हैं।
इन इन कंपनियों के खंगाले जा सकते हैं रिकार्ड
ऊर्जांचल में कोल ट्रेडिंग की आड़ में खेले जा रहे कोल तस्करी में जहां एक बड़ा नाम (कथित गोदावरी कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड) कई दिनों से चर्चा में बना हुआ है। वहीं, ईडी (ED) की पूछताछ में भी सामने आए इस कंपनी के नाम ने, इससे जुड़े लोगों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। ईडी की पूछताछ के दौरान काली कमाई को सफेद करने को लेकर बनाए गए नेटवर्क से भी गोदावरी कंपनी का कथित जुड़ाव सामने आने के बाद हड़कंप की स्थिति बनी हुई है।
वहीं कुछ माह पूर्व कृष्णशीला रेलवे साइडिंग के पास शुरू हुए अवैध भंडारण को लेकर, बांसी प्रधान की तरफ से एक शिकायत अधिकारियों को भेजी गई थी, जिसमें भी गोदावरी कंपनी (Godavari Company) का नाम तो लिया ही गया था। उसके साथ, कथित ट्रांसपोर्ट कंपनी महाकाल, श्री महाकाल, महावीर, एसबीसी, आरके ट्रेडर्स, बालाजी की तरफ से भी खेल के मैदान के रूप में प्रयुक्त होने वाली जगह को कोल यार्ड में तब्दील करने का आरोप लगाया गया था।
पिछले दिनों जिला खान अधिकारी की तरफ से, एक शिकायत के क्रम में दी गई जानकारी में, अवैध यार्डों के जरिए होने वाली कोल तस्करी की जांच के लिए प्रशासन की तरफ से टीम गठित होने की भी जानकारी दी गई है। माना जा रहा है कि अगर ईडी ऊर्जांचल धमकी तो कथित गोदावरी कंपनी के साथ उससे जुड़ी अन्य कंपनियां भी, उसके निशाने पर आ सकती है।
यहां से ईडी को मिला क्लू, लगातार बढ़ता जा रहा जांच का दायरा
सूत्रों के मुताबिक ईडी ने अर्पिता मुखर्जी से जुड़ी, अनंत टेक्स फैब कंपनी का बैलेंस शीट खंगाला तो देखा कि लाकडाउन के दौरान भी इस कंपनी का कारोबार, लेन-देन, अच्छा-खासा है। ईडी के अधिकारी इस बात को लेकर हैरान हैं कि जिस कंपनी को स्थापना काल यानी 2012 से ही घाटे में बताया जा रहा है, उससे आखिर लॉकडाउन के समय भी बड़ा लेन-देन कैसे हुआ? वहीं कंपनी के घाटे की भरपाई किस रूप में हो रही है, इसका भी बैलेंस शीट में कहीं कोई जिक्र नहीं पाया।
सूत्रों के मुताबिक ईडी का मानना है कि यह सब दिखावटी लेन-देन है। इसके पीछे का असल खेल काली कमाई को सफेद करना है। इसमें एक बड़ी हिस्सेदारी कोयला कारोबार की होने की संभावना जताई जा रही हैं। सूत्रों पर भरोसा करें तो जांच कर रही टीम का यह भी मानना है कि इस कंपनी और इससे कथित रूप से जुड़ी गोदावरी सहित अन्य कंपनियों के जरिए एक बड़ा काला धन कोयला कारोबार में लगाया गया है।
ईडी की हुई धमक तो कई सफेदपोश भी आ सकते हैं लपेटे में
यही कारण है कि ईडी की धमक के दौरान कई सफेदपोशों को भी लपेटे में आने को लेकर चर्चाएं अभी से शुरु हो गई हैं। इसमें कुछ बड़े चेहरे भी बताए जा रहे हैं। बता दें कि नोटबंदी के दौरान भी सोनभद्र और सिंगरौली में कागजी कंपनियों/फर्मों की भूमिका को लेकर चर्चा सामने आई थी।