Sonbhadra News: बाबा सोमनाथ से काशी विश्वनाथ तक निकलेगी गुप्तकाशी दर्शन यात्रा, शिवभक्त 5 दिन में 622 किमी की दूरी करेंगें तय

त्रिवेणी संगम से 16 अगस्त को जल उठा कर यात्रा की शुरुआत होगी और काशी स्थित बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक कर इसका समापन किया जाएगा। शिवभक्त जनपद के प्राचीन शिव और शक्ति साधना स्थलों से होते हुए यात्रा 5 दिनों में 622 किमी की दूरी तय करेंगें।

Written By :  Kaushlendra Pandey
Published By :  Pallavi Srivastava
Update: 2021-07-05 09:39 GMT

Sonbhadra News:  शिवभक्त और संतों की टोली श्रावण में सोनभद्र (गुप्तकाशी) के सोन त्रिवेणी संगम तट स्थित बाबा सोमनाथ से वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ तक गुप्तकाशी यात्रा निकालेगी। शिवभक्त जनपद के प्राचीन शिव और शक्ति साधना स्थलों से होते हुए यात्रा 5 दिनों में 622 किमी की दूरी तय करेंगें। इसके लिए पंचमुखी महादेव पर गुप्तकाशी ट्रस्ट की तरफ से बैठक कर योजना और रूट मैप तैयार किया गया है। सोमवार को तय हुआ कि जिले के त्रिवेणी संगम से 16 अगस्त को जल उठा कर यात्रा की शुरुआत होगी और काशी स्थित बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक कर इसका समापन किया जाएगा।

16 अगस्त को जल उठा कर यात्रा की होगी शुरुआत

बता दें कि गुप्तकाशी ट्रस्ट के संयोजक रवि प्रकाश चैबे ने बताया कि संतों से विचार-विमर्श के बाद 16 अगस्त की तिथि तय की गई है। इस दिन श्रावण मास का चैथा सोमवार है और शुक्ल पक्ष की अष्टमी और नवमी दोनों तिथि का संयोग है। इस के नाते यात्रा की दृष्टि से इस तिथि को काफी शुभ माना जा रहा है। रूट मैप की जिम्मेदारी संभालने वाले ट्रस्ट के धर्मेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि ब्रह्म मुहूर्त में गोठानी स्थित सोन, रेणु और विजुल नदी के संगम से जल उठाकर यात्रा की शुरुआत की जाएगी।

पंचमुखी महादेव मंदिर के पास बैठक करने के बाद हर-हर महादेव का नारा लगाते शिव भक्त pic(social media)

5 दिनों के यात्रा का शेड्यूल

संगम तट स्थित सोमनाथ महादेव के जलाभिषेक पूजन के बाद यात्रा ओबराय स्थित भूतेश्वर दरबार, द्वारा घाटी स्थित अमर गुफा, डाला स्थित अचलेश्वर महादेव, सोनेश्वर महादेव होते हुए ओम पर्वत स्थित महामंगलेश्वर मंदिर पहुंचेगी। पहले दिन का रात्रि विश्राम यहीं होगा। दूसरे दिन की यात्रा यहां से शुरू होकर बाबा मछंदरनाथ की तपोस्थली पहुंचेगी। यहां अभिषेक पूजन के बाद यात्रा विभिन्न शिव-शक्ति साधना स्थलों से होते हुए बिहार सीमा से सटे गायघाट स्थित गौ माता मंदिर पहुंचेगी। यहीं रात्रि विश्राम होगा। तीसरा दिन की यात्रा का पड़ाव नल दमयंती कथानक से जुड़े नलेश्वर महादेव (नल राजा), चैथे दिन का यात्रा का पड़ाव करो ऋषि की तपोस्थली कंडाकोट, पांचवे दिन की यात्रा गौरी शंकर महादेव, गुप्तकाशी का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले शिवद्वार से होते हुए काशी में बाबा विश्वनाथ के अभिषेक पूजन के साथ यात्रा संपन्न हो जाएगी। बैठक के दौरान ट्रस्ट के संदीप पांडेय, राजेश अग्रहरी, दीपक सिंह, प्रशांत मिश्रा, सुनील तिवारी, अंकित चैहान, मृदुल मिश्रा, प्रेम प्रकाश राय, आशीष कुमार यादव, भरत देव सत्यम पांडेय, नीतीश कुमार चतुर्वेदी, धीरज पांडेय आदि मौजूद रहे।

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