Sonbhadra News: नाबालिग को धोखे से घर बुलाकर किया था दुष्कर्म, 9 साल पुराने मामले में देवर-भाभी को 10-10 वर्ष की कैद
Sonbhadra News: अधिवक्ताओं की दलीलों और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी जितेंद्र और उसकी भाभी रिंकी को 10-10 वर्ष की कैद की सजा सुनाई गई।
Sonbhadra News: नौ वर्ष पूर्व धोखे से 15 वर्षीय नाबालिग को घर बुलाकर दुष्कर्म करने के मामले में देवर भाभी को 10-10 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। मामले में भाभी पर धोखे से लड़की को घर बुलाने और दुष्कर्म में सहयोग करने का आरोप है। अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट निहारिका चौहान की अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई करते समय यह फैसला सुनाया। अधिवक्ताओं की दलीलों और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी जितेंद्र और उसकी भाभी रिंकी को 10-10 वर्ष की कैद की सजा सुनाई गई। देवर को 30 हजार रुपये और भाभी को 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा दी गई। अर्थदंड अदा न करने पर 6-6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। अर्थदंड की पूरी धनराशि पीड़िता को प्रदान की जाएगी।
अभियोजन कथानक के मुताबिक पन्नूगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने 27 अगस्त 2013 को न्यायालय में 156(3) सीआरपीसी के तहत प्रार्थना पत्र दिया। अवगत कराया कि 21 अगस्त 2013 को दोपहर 12 बजे उसकी 15 वर्षीय नाबालिग बेटी को पन्नूगंज थाना क्षेत्र के शाहपुर गांव की रिंकी देवी पत्नी राजेश ने आवश्यक कार्य से अपने घर बुलाया और दरवाजा बंद कर लिया।
उसके बाद उसके साथ उसके देवर जितेंद्र पुत्र रामराज हलुआई ने जबरन निर्वस्त्र कर बलात्कार किया। इसके अलावा चाकू सटाकर किसी से बताने पर हत्या करने की धमकी देवर और भाभी ने उसकी बेटी को दिया। किसी तरह बेटी घर पहुंची तो आपबीती सुनाई।
कोर्ट के आदेश पर पन्नूगंज पुलिस ने 23 अक्तूबर 2013 को दुष्कर्म, छेड़खानी और पॉक्सो एक्ट में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू की। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए न्यायालय में जितेंद्र और रिंकी के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया।
मामले की सुनवाई करते समय अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुना। गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी देवर जितेंद्र और भाभी रिंकी को 10-10 वर्ष की कैद के साथ ही अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि,सत्य प्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह एडवोकेट ने मामले की पैरवी की।