Sonbhadra: दहेज हत्या के दोषी पति को 10 वर्ष का कारावास, साढ़े 10 वर्ष पूर्व के चंदा हत्याकांड में आया फैसला

Sonbhadra News: साढ़े दस वर्ष पूर्व के चंदा हत्याकांड में दोषी पति को 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। मामले में अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा की अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई की।

Update: 2022-11-18 15:54 GMT

सजा। (Social Media)

Sonbhadra News: साढ़े दस वर्ष पूर्व के चंदा हत्याकांड में दोषी पति को 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। मामले में अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा की अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई की। इसके आधार पर, दोषसिद्ध पाकर पति को 10 वर्ष की कैद और 15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी।

ये है मामला

अभियोजन की कहानी के मुताबिक झारखंड प्रांत के गढ़वा जिला अंतर्गत रमुना थाना क्षेत्र के परसवान गांव निवासी राजकुमार महतो पुत्र स्व. मुद्रिका महतो ने दुद्धी कोतवाली पहुंचकर 19 मई 2012 को तहरीर दी। अवगत कराया कि उसकी बेटी चंदा की शादी वर्ष 2009 में दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के कटौधी गांव निवासी दिनेश महतो पुत्र कुबेर महतो के साथ हुई थी। जब बेटी अपनी ससुराल गई तो बेटी चंदा और दामाद दिनेश के एक लड़का पैदा हुआ जो करीब सात माह का है। बताया कि बेटी चंदा और दामाद दिनेश से किसी बात को लेकर कहासुनी हुई थी जिसके चलते बेटी नाराज थी। उधर दिनेश की मां सुनैना और पिता कुबेर कम दहेज को लेकर ताना मारने लगे। करीब एक सप्ताह पूर्व चंदा और दिनेश अपने बेटे को लेकर दवा कराने के लिए गढ़वा आए थे। वापस जाते समय दिनेश अपने बेटे को लेकर चला गया तथा बेटी चंदा को मायके जाने को कह दिया। 16 मई 2012 को बेटी चंदा को लेकर उसकी ससुराल पहुंचा तो सास सुनैना ने कहा कि वह यहां पर नहीं रहेगी। इसकी पंचायत हुई तो सुलह हो गई। तब बेटी चंदा को उसके ससुराल छोड़कर चला आया। 19 मई 2012 को दामाद ने फोन से सूचना दी कि कि चंदा की तबियत खराब है। वहां पर गया तो देखा कि बेटी चंदा की मौत हो गई है।

दहेज की मांग को लेकर किय जाता था प्रताड़ित

आरोप लगाया कि दहेज की मांग को लेकर पति दिनेश महतो, ससुर कुबेर महतो और सास सुनैना द्वारा बेटी चंदा को प्रताड़ित किया जाने लगा जिससे तंग आकर बेटी ने जहर खा लिया और उसकी मौत हो गई। इस पर दुद्धी पुलिस ने दहेज हत्या में एफआईआर दर्ज की। विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत पाए जाने पर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की। सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्क सुने। गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी पति दिनेश महतो को 10 वर्ष की कैद और 15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।

सास को भी मिली तीन वर्ष की कैद, ससुर दोषमुक्त

अदालत ने दहेज प्रताड़ना की दोषी सास को तीन साल की कैद एवं 5 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर तीन माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं आरोपी ससुर को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया।

मामले की सुनवाई के दौरान मिले साक्ष्यों के आधार पर दहेज प्रताड़ना में दोषी सास सुनैना को तीन वर्ष की कैद और पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर दो माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं आरोपी ससुर कुबेर को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियोजन अधिकारी विजय प्रकाश यादव ने मामले की पैरवी की।

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