Sonbhadra News: मेडिकल वेस्ट का असुरक्षित निस्तारण, तस्वीरें वायरल, प्रदूषण बोर्ड ने जारी की नोटिस

Sonbhadra News Today: जिला अस्पताल सहित जिले के कई अस्पतालों में मेडिकल वेस्ट के असुरक्षित निस्तारण का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। तस्वीरें वायरल होने के बाद हरकत में आए

Update: 2022-12-24 16:17 GMT

सोनभद्र: मेडिकल वेस्ट का असुरक्षित निस्तारण की तस्वीरें वायरल, प्रदूषण बोर्ड ने जारी की नोटिस

Sonbhadra News: जिला अस्पताल सहित जिले के कई अस्पतालों में मेडिकल वेस्ट के असुरक्षित निस्तारण का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। तस्वीरें वायरल होने के बाद हरकत में आए, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (State Pollution Control Board) की तरफ से, जिला अस्पताल को नोटिस जारी कर सात दिन के भीतर जवाब मांगा है। वहीं, इस मामले को देखते हुए, अन्य अस्पतालों में भी मेडिकल वेस्ट के किए जाते कथित असुरक्षित निस्तारण को लेकर, जांच और कार्रवाई की मांग उठने लगी है।

बताते चलें कि मेडिकल वेस्ट के निस्तारण को लेकर जहां कड़े नियम निर्धारित किए गए हैं। वहीं मृदा प्रदूषण के साथ ही, इसे विकिरण का भी बड़ा कारण माना जाता है। असुरक्षित निस्तारण के चलते लोगों को बीमारियों की भी चपेट में आने की संभावना बनी रहती है। इसको देखते हुए, जिले में दो संस्थाओं को मेडिकल वेस्ट निर्धारण का ठेका दिया गया है, लेकिन जिस तरह से तस्वीरें सामने आ रही है, उसने मेडिकल कचरे के निस्तारण को लेकर बरती जा रही लापरवाही की पोल खोल कर रख दी है। बता दें कि इससे पूर्व कचरे को सुरक्षित निस्तारण के लिए वाराणसी या प्रयागराज ले जाने की बजाय, जंगलों में फेंकने की बात सामने आ चुकी है लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से भी, इस पर सख्ती की कवायद नोटिस जारी करने तक सिमटी हुई है।

जिला अस्पताल के सामने आए सच ने कर दिया है भौंचक

दूसरी जगहों को कौन कहे, कोराना को लेकर बरती जा रही सख्ती के बीच जिला अस्पताल-मातृ शिशु अस्पताल प्रबंधन की तरफ से मेडिकल वेस्ट निस्तारण को लेकर जिस तरह की कथित लापरवाही बरते जाने का मामला सामने आया है। उसने लोगों को भौंचक कर दिया है। यहां सौ शैया युक्त मातृ शिशु विंग के पास की जो तस्वीरें सामने आई हैं, उसमें जहां एक तरफ कचरे का ढेर पड़ा दिखाई दे रहा है। वहीं यहां कचरे को जलाया भी गया है, जबकि मेडिकल कचरे को जला प्रतिबंधित है। इसी तरह जिला अस्पताल परिसर में, बने बायो मेडिकल वेस्ट रूम की स्थिति यह है कि तीन तरह के कचरे निस्तारण के लिए छोटे-छोटे कक्ष तो बनाए गए हैं लेकिन सुरक्षित निस्तारण के लिए यहां शायद ही यहां कोई कचरा नजर आता हो।


48 घंटे के भीतर होना चाहिए सुरक्षित निस्तारण

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से क्षेत्रीय अधिकारी टीएन सिंह ने जिला अस्पताल को भेजी नोटिस में कहा है कि मेडिकल वेस्ट को खुले में फेंकने और जलाने की बात उनके संज्ञान में आई है। निहित प्रावधानों के तहत इस कचरे को कोडेड कंटेनर में एकत्रित करते हुए 48 घंटे के भीतर उपचारित कर निस्तारित किए जाने की अनिवार्यता है। जैव चिकित्सा अपशिष्ट की मात्रा को प्रतिदिन लागबुक में मेंटेन करते हुए एकल अथवा कामन बायोमेडिकल ट्रीटमेंट फैसिलिटीज के माध्यम से उपचारित एवं निस्तारित किए जाने की अनिवार्यता है। जनशिकायत से यह तथ्य प्रकाश में आया है कि अपशिष्ट को मूडे के रूप में अस्पताल परिसर के आस-पास निस्तारित किया जा रहा है और जैव चिकित्सा अपशिष्ट को जलाया जा रहा है।

नहीं मिला संतोषजनक जवाब तो तय की जाएगी पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति

उक्त के संबंध में सात दिन के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश देते हुए कहा गया है कि अगर प्रावधानों के तहत तथा साक्ष्य के साथ, पत्र प्राप्ति के सात दिन के भीतर जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया तो जैव चिकित्सा प्राधिकार को रिवोक करने के साथ ही, पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति अधिरोपित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इस मामले में सीएमओ से भी संपर्क का प्रयास किया गया लेकिन वह विभागीय बैठक में व्यस्त मिले।

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