Sonbhadra News: यूपी में गहरा सकता है बिजली संकट, एनटीपीसी रिहंद के प्रथम स्टेज का उत्पादन शून्य

सोनभद्र में एनटीपीसी शक्तिनगर की एक इकाई माह भर के लिए बंद कर दी गयी है। वहीं राज्य सेक्टर की भी 5 इकाइयां शटडाउन में रहने कारण विद्युत उत्पादन में 1500 मेगावाट तक की गिरावट बनी रही। विद्युत उपलब्धता में 2500 से 3000 मेगावाट की कमी आई और सिस्टम कंट्रोल को 620 मेगावाट की आपात कटौती करनी पड़ी।

Written By :  Kaushlendra Pandey
Published By :  Pallavi Srivastava
Update: 2021-07-05 06:30 GMT

उत्तर प्रदेश में बिजली गुल होने का खतरा pic (social media)

Sonbhadra News:  जनपद में स्थित एनटीपीसी और राज्य सेक्टर की इकाइयों से नियमित विद्युत उत्पादन में 2500 से 3000 मेगावाट तक की आई कमी ने यूपी में बिजली संकट की स्थिति पैदा कर दी है। यहां से अन्य प्रदेशों को होने वाली आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। सोमवार को एनटीपीसी रिहंद के 1000 मेगावाट वाले प्रथम स्टेज का उत्पादन शून्य रहा। एनटीपीसी की 2000 मेगावाट वाली मदर यूनिट (शक्तिनगर स्थित सिंगरौली परियोजना) की भी एक इकाई बंद होने के कारण उत्पादन लुढ़क कर 12 मेगावाट पर आ गया।

अनुरक्षण के लिए यह इकाई एक माह तक बंद रखी जाएगी। राज्य सेक्टर के अनपरा, ओबरा, राज्य को पूरी बिजली देने वाली लैंको परियोजना में कुल 5 इकाइयां शटडाउन में रहने के कारण विद्युत उत्पादन 1500 मेगावाट तक की गिरावट बनी रही। नॉर्दन रीजन लोड डिस्पैच सेंटर और यूपी स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर से मिली जानकारी के मुताबिक रविवार की रात बिजली की अधिकतम मांग 23259 रिकॉर्ड की गई। काफी मशक्कत के बाद भी पीक आवर में 22649 मेगावाट की बिजली उपलब्धता सुनिश्चित हो पाई। इसके चलते सिस्टम कंट्रोल को प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 620 मेगावाट की आपात कटौती करानी पड़ी।


बिजली की रिकॉर्ड खपत बने रहने के अनुमान

बता दें कि रविवार को दोपहर बाद देर शाम तथा रात में हल्की बूंदाबांदी के बावजूद जबरदस्त उमस बने रहने के कारण इस दिन न्यूनतम मांग में बढ़ोतरी ने इस वर्ष न्यूनतम बिजली खपत का एक नया रिकॉर्ड बना दिया। लोड डिस्पैच सेंटर के मुताबिक इस दिन मिनिमम डिमांड 14846 रिकॉर्ड की गई। मौसम विभाग से मिल रहे संकेत के मुताबिक प्रदेश में अभी कुछ दिन और मानसून की बेरुखी देखने को मिलती रहेगी। इसके चलते अभी कुछ दिन और बिजली की रिकॉर्ड खपत बने रहने के अनुमान और राज्य केंद्र सेक्टर की परियोजनाओं में इकाइयों के शटडाउन में जाने, ट्रिपिंग होने के सिलसिले ने हड़कंप की स्थिति उत्पन्न कर दी है।

सुबह 11 बजे के करीब 3000 मेगावाट वाले एनटीपीसी रिहंद में 1400 मेगावाट, 2000 मेगावाट वाले एनटीपीसी सिंगरौली में 1200 मेगावाट, 2630 मेगावाट वाली परियोजना में 1320 मेगावाट, 1098 मेगावाट वाली ओबरा परियोजना में 500 मेगावाट, 1200 मेगावाट वाली लैंको अनपरा सी में 565 मेगावाट, 99 मेगावाट वाले ओबरा पन बिजलीघर में 32 मेगावाट, 300 मेगावाट वाले जलविद्युत गृह में शून्य मेगावाट विद्युत उत्पादन बना हुआ था। एनटीपीसी सिंगरौली प्रवक्ता ने बताया कि उनके यहां एक इकाई अनुरक्षण के निमित्त एक माह के लिए शटडाउन पर ली गई है। वही एनटीपीसी रिहंद के प्रवक्ता का कहना था कि बंद हुई इकाइयों से शीघ्र उत्पादन शुरू करने के लिए अभियंताओं की टीम लगी हुई है।

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