Sonbhadra News: ओबरा सी संविदा श्रमिकों का बवाल, घंटों हंगामा-जाम व नोकझोंक, मानदेय न मिलने से भड़के
Sonbhadra News: ओबरा सी से जुड़े संविदा श्रमिकों ने बुधवार की दोपहर जमकर हंगामा किया। बकाए मानदेय भुगतान की मांग को लेकर देर, तक परियोजना गेट को भी जाम किए रखा।
Sonbhadra News: राज्य सेक्टर के तहत निर्माणाधीन 1320 मेगावाट क्षमता वाली ओबरा सी से जुड़े संविदा श्रमिकों ने बुधवार की दोपहर जमकर हंगामा किया। बकाए मानदेय भुगतान की मांग को लेकर देर, तक परियोजना गेट को भी जाम किए रखा। सुरक्षाकर्मियों से भी तीखी नोंकझोंक हुई। इसके चलते दो घंटे से अधिक समय तक निर्माण कार्य भी प्रभावित रहा। एसडीएम, डीएलसी के साथ ही पुलिस के हस्तक्षेप और 22 दिसंबर की शाम तक भुगतान शुरू कर देने के आश्वासन के बाद किसी तरह कर्मी शांत हुए।
भुगतान शुरू न करने पर आंदोलन का रास्ता अपनाया: संविदा कर्मी
नाराजगी जता रहे संविदा कर्मियों का कहना था कि अगर दिए गए समय के अंतर्गत भुगतान शुरू नहीं किया गया तो आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा। बताते चलें कि राज्य सरकार की तरफ से कोरियाई कंपनी दुसान को ओबरा सी परियोजना के निर्माण का ठेका दिया गया है और कोरियाई कंपनी से पेटी कांट्रैक्टर के रूप में कई कंपनियों-फर्में जुड़ी हुई है। बताते हैं कि मेसर्स वुसुन से जुड़े संविदा कर्मियों को चार माह से मानदेय नहीं मिल पाया था। वहीं जिन कर्मियों की छंटनी की गई थी, उनका फाइनल भुगतान भी लंबे समय से लंबित पडा हुआ था।
संविदा कर्मियों ने ओबरा सी के गेट पर किया हंगामा शुरू
संविदा कर्मियों का कहना है कि इसको लेकर उन्होंने कई बार वुसुन और दुसान कंपनी के जिम्मेदारों से गुहार लगाई लेकिन ध्यान नहीं दिया। कई बार गुहार के बाद भी सिर्फ आश्वासन मिलने से खफा श्रमिकों के सब्र का बांध बुधवार को टूट पड़ा और सैकड़ों कर्मी नारेबाजी करते हुए, ओबरा सी के गेट पर हंगामा शुरू कर दिए। दो घंटे तक परियोजना गेट पर आवागमन भी ठप किए रखा। कंपनी के लोगों ने मजदूरों को मनाने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी। वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों ने, आक्रोश जता रहे श्रमिकों को रोकने को की कोशिश की तो उन्हें भी तीखे विरोध का सामना करना पडा।
मामले की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचे अधिकारी
मामले की जानकारी मिलने पर एसडीएम राजेश सिंह, डीएलसी, प्रभारी निरीक्षक मिथिलेश मिश्रा सहित अन्य पहुंचे और किसी तरह उन्हें समझा-बुझाकर शांत कराया। इसके बाद कोरियाई कंपनी के अधिकारियों की तरफ से 22 दिसंबर की शाम तक 2.32 करोड़ का भुगतान मेसर्स वुसुन को स्थानांतरित करने और धनराशि स्थानांतरित होने के बाद, वुसुन की तरफ से संबंधित कामगारों के खाते में भुगतान भेजने का लिखित आश्वासन जारी किया गया, जब जाकर नाराजगी जता रहे कामगार परियोजना गेट से हटने को तैयार हुए।