Sonbhadra: 300 आदिवासी महिलाएं बनेंगी लखपति दीदी, उपलब्ध कराए जाएंगे 6.60 करोड़

Sonbhadra: डीएम चंद्रविजय सिंह की पहल ने जिले के 300 आदिवासी महिलाओं को स्वावलंबन को लेकर बडी सौगात दी है।;

Update:2024-02-26 18:18 IST

सोनभद्र में 300 आदिवासी महिलाएं बनेंगी लखपति दीदी (न्यूजट्रैक)

Sonbhadra News: डीएम चंद्रविजय सिंह की पहल ने जिले के 300 आदिवासी महिलाओं को स्वावलंबन को लेकर बडी सौगात दी है। उन्हें केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से चलाए जा रहे महिला सशक्तिकरण अभियान के तहत रोजगार के लिए धनराशि उपलब्ध कराकर, लखपति दीदी बनाने का काम किया जाएगा। एनआरएलएम के जरिए संचालित स्वयं सहायता समूहों के जरिए चयनित महिलाओं को लाभान्वित किया जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन और एनसीएल के बीच 6.60 करोड की धनराशि उपलब्ध कराने को लेकर एमओयू फाइनल किया जा चुका है। एनसीएल के कृष्णशिला कोल प्रोजेक्ट की तरफ से सीएसआर मद से मिलने वाली इस धनराशि से 300 आदिवासी महिलाओं से जुडे़ समूहों को मुर्गीपालन के लिए, धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी।

प्रत्येक महिला समूह को रोजगार के लिए दिए जाएंगे 2 लाख 20 हजार

बताते चलें छह करोड़ 60 लाख की पूरी धनराशि एनसीएल की तरफ से तीन किस्तों में (वर्ष 2023-24, 2024-25 और 2025-26) उपलब्ध कराई जाएगी। हुए करार के तहत मुर्गीपालन एवं कृषि कार्य के जरिए महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए एनसीएल की तरफ से लगातार तीन वर्ष तक, प्रत्येक साल दो करोड़ 20 लाख की धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। इसके माध्यम से 300 महिलाओं और उनके परिवारों के साथ, आस-पास के क्षेत्रों में रोजगार के साधन उपलब्ध कराए जाएंगे। इस अभियान के तहत फिलहाल महिला समूहों को मुर्गीपालन के लिए दो लाख 20 हजार की धनराशि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। यह धनराशि उन्हें तीन किश्तों में प्रदान की जाएगी। प्रत्येक किश्त में 73 हजार रूपये प्रदान किए जाएंगे।

300 महिलाओं और उनके परिवारों को मिलेगा प्रत्यक्ष रोजगारः डीएम

डीएम चंद्रविजय सिंह कहा कि इस पहल से 300 आदिवासी महिलाओं तो सीधे तौर पर रोगार मिलेगा ही, उनके परिवार और आस-पास के लोगों को भी रोजगार का एक बड़ा साधन उपलब्ध होगा। कहा कि इस अभियान से जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की तरफ से चलाए जा रहे लखपति दीदी बनाने के अभियान को बढ़ावा मिलेगा। वहीं, आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों की महिलाएं सशक्त और समृद्ध बनेगी। इससे उनके सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य में एक सकारात्मक परिवर्तन भी दिखाई देगा।

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