Sonbhadra News: आर्मी मैन बताकर की डेढ़ लाख की ठगी, विश्वास दिलाने को दिखाया वर्दी पहनी फोटो, दो के खिलाफ FIR का आदेश

Sonbhadra Crime News: आरोप है कि मांगी गई रकम मोबाइल से ट्रांसफर किए जाने के बाद विनोद शर्मा का मोबाइल नंबर स्विच ऑफ आने लगा।;

Update:2025-01-11 11:22 IST

Sonbhadra Fake Army Man Cheating Case

Sonbhadra News in Hindi: सोनभद्र, स्वयं को भारतीय सेना में कार्यरत बताते हुए वाहन बेचने के नाम पर डेढ़ लाख की ठगी किए जाने का मामला सामने आया है। ओबरा थाना क्षेत्र के रहने वाले पीड़ित का आरोप है कि गांव के ही एक व्यक्ति ने कानपुर के रहने वाले व्यक्ति से फोन से बात कराई। उसने स्वयं को आर्मी मैन बताने के साथ ही विश्वास दिलाने के लिए वाहन के कथित कागजात और स्वयं की वर्दी पहनी फोटो भेजी। भरोसे में आकर पीड़ित ऑनलाइन मांगे गए रुपए ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद कानपुर वाले व्यक्ति का जहां नंबर स्विच ऑफ आने लगा। वहीं गांव वाले व्यक्ति ने मसाले से पल्ला झाड़ लिया। प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए न्यायालय की तरफ से थानाध्यक्ष ओबरा को मामला दर्ज कर छानबीन के आदेश दिए गए हैं।

ओबरा थाना क्षेत्र के बैरपुर टेढ़ीतेन निवासी राजेंद्र धारा 173(4) बीएनएसएस के तहत अधिवक्ता हेमनाथ द्विवेदी, संजीव कुमार पांडेय और ओमप्रकाश दुबे के जरिए न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। आरोप लगाया था कि उसी के गांव के रहने वाले राम प्रताप पुत्र सीताराम ने अपने मोबाइल से विनोद शर्मा निवासी अशोक नगर जिला कानपुर से संपर्क कराया। अशोक ने अपने आप को भारतीय तेना में कार्यरत बताया और अपनी बोलेरो वाहन नंबर यूपी06।-वी-6500 को 1,50,000 रुपये में बेचने की बात कही। अपने वाहन उपरोक्त का रजिस्ट्रेशन पेपर, फोटो और अपने सेना की वदी पहनी वीडियो भेजी।

पीड़ित ने राम प्रताप पर विश्वास करके वाहन खरीदने में रूचि दिखायी और 16 नवंबर 2023 को पेटीएम के जरिए 3,000 एडवांस के रूप में दिया। शेष रकम विनोद शर्मा के कोटक महिंद्रा बैंक स्थित खाते में मोबाइल के जरिए भेज दी ।

मांगी गई रकम भेजने के बाद मोबाइल नंबर आने लगा स्विच ऑफ

आरोप है कि मांगी गई रकम मोबाइल से ट्रांसफर किए जाने के बाद विनोद शर्मा का मोबाइल नंबर स्विच ऑफ आने लगा। वहीं, राम प्रताप ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि वह नहीं जानता कि उसने किसको रुपया भेजा है । मामले में पुलिस से मदद न मिलने के बाद जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की तो पुलिस द्वारा यह कह कर प्रकरण का निस्तारण कर दिया गया कि आरोपी का फोन नंबर लगातार स्विच ऑफ आ रहा है। इसके बाद पीड़ित ने न्यायालय में अधिवक्ता के जरिए प्रार्थना पत्र देकर हस्ताक्षर की गुहार लगाई।

पुलिस विवेचना से ही सामने आएगी प्रकरण की वस्तुस्थिति : कोर्ट

अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दीक्षा चौधरी की अदालत में मामले की सुनवाई की। ओबरा थाने से भेजी गई आख्या में बताया गया कि में उल्लिखित कथनों के बावत् कोई अभियोग थाने पर पंजीकृत नहीं है। कोर्ट ने माना कि प्रार्थना पत्र में उल्लिखित तथ्यों एवं पत्रावली पर उपलब्ध प्रलेखीय साक्ष्यों से मामले में प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध कारित किया जाना परिलक्षित होता है। पुलिस द्वारा विवेचना कराये जाने से ही मामले की गम्भीरता एवं वस्तुस्थिति प्रकाश में आ पाएगी। इस कारण मामले में पुलिस द्वारा विवेचना कराया जाना आवश्यक प्रतीत होता है। थानाध्यक्ष ओबरा को आदेशित किया गया है कि उल्लिखित घटना के बाबत उचित धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत कर विधि अनुसार विधि अनुसार विवेचना करें अथवा कराएं।

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