Sonbhadra : अजय हत्याकांड: तीन साल तक कोतवाली में ही दबाए रखा बिसरा, कोर्ट ने लिया एक्शन तो तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक और चौकीदार पर केस दर्ज

Sonbhadra News: अजय हत्याकांड कांड में एक नया मोड़ सामने आया है। पहले इस मामले में मृतक की पत्नी सहित चार के खिलाफ न्यायालय के हस्तक्षेप पर हत्या का केस दर्ज किया गया था।;

Update:2025-02-11 21:49 IST

 Sonbbhadra News - Ajay murder case ( Pic- Social- Media)

Sonbhadra News :  राबटर्सगंज कोतवाली क्षेत्र के पुसौली गांव से जुड़े अजय हत्याकांड काच एक नया मोड़ सामने आया है। पहले इस मामले में मृतक की पत्नी सहित चार के खिलाफ न्यायालय के हस्तक्षेप पर हत्या का केस दर्ज किया गया था। अब इस मामले में, हत्या से जुड़े साक्ष्य को नष्ट करने का षडयंत्र रचने के आरोप में राबटर्सगंज कोतवाली के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक और पुसौली गांव के चौकीदार पर केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि मृतक के पिता को जल्द बिसरा जांच की रिपोर्ट मंगाकर कार्रवाई का आश्वासन दिया जाता रहा। जबकि इसके उलट प्रिजर्ब किया गया बिसरा तीन साल तक कोतवाली के मालखाने में ही पडा रहा। यह भी जानकारी तब सामने आई, जब न्यायालय ने सख्ती बरती।

यह था प्रकरण, जिसको लेकर सामने आई बड़ी कार्रवाई

रामजनम निवासी जनकपुर थाना चकरघट्टा जिला चंदौली ने न्यायालय में दिए प्रार्थना पत्र में कहा है कि उसके लड़के अजय 28 वर्ष की मृत्यु संदिग्ध परिस्थितियों में, उनके साढू राजू पुत्र राम प्रसाद निवासी पुसौली थाना राबर्ट्सगंज में छह जुलाई 2023 को हो गई थी। बेटे की पत्नी यानी पुत्रवधू की सूचना पर वह पुसौली पहुंचा तो देखा कि बेटे का शरीर काला पड़ गया था। सा़ढ़ू के परिवार वालों से पूछताछ की लेकिन सही जवाब नहीं मिल पाया। प्रार्थना पत्र में बताया गया है कि राम प्रसाद पुत्र स्व. मुन्नी पुसौली गांव के चौकीदार थे उनकी सूचना पर पुलिस मौके पर आई और शव को पीएम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया।

पुत्रवधू, साढ़ू सहित चार पर हत्या का लगाया था आरोप

पीड़ित के मुताबिक उसका पुत्र अजय जब पांच जुलाई 2020 की शाम उसके साढू़ के घर आया तब वह पूरी तरह स्वस्थ था। अगले दिन सुबह 7 बजे पुत्रवधू अनीता ने फोन करके बताया कि अजय की मृत्यु हो गई है। शव देखने के बाद उसे शंका हुई कि रात्रि मे उसके पुत्र को राजू (साढू), अनीता (बहू) नार सिंह, सुनीता ने मिल कर जहरीला पदार्थ खिला हत्या कर दी है। आरोप है कि छह जुलाई को ही मामला दर्ज करने के लिए पीड़ित ने राबटर्सगंज कोतवाली में अर्जी दी लेकिन मामला दर्ज नहीं किया गया।

तीन साल बाद कोर्ट ने किया हस्तक्षेप, तब दर्ज हुई एफआईआर

आरोप है कि तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक अंजनी कुमार राय पीड़ित को बार-बार इस बात का झांसा देते रहे कि शरीर पर कोई चोट नहीं है। डॉक्टर ने बिसरा प्रिजर्व कर रखा है। उसे विधि विज्ञान प्रयोगशाला जांच के लिए भेजा जा रहा है। वहां से रिपोर्ट मिलते ही मुकदमा दर्ज कर लिया जाएगा। काफी भागदौड के बाद भी न तो बिसरा रिपोर्ट के बारे में कोई जानकारी न मिली न ही मामला दर्ज किया गया, तब पीड़ित ने न्यायालय से गुहार लगाई। अदालत के हस्तक्षेप पर छह जुलाई 2023 को 302 आईपीसी को मृतक की पत्नी अनीता सहित चार के खिलाफ केस दर्ज किया गया।

न्यायालय के हस्तक्षेप पर खुलासा, जांच के लिए भेजा ही नहीं गया बिसरा

इस मामले में जब न्यायालय ने दर्ज किए गए केस संबंधी प्रगति रिपोर्ट तलब की। प्रिजर्ब किए गए बिसरा के बारे में जानकारी मांगी, तब तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक राबटर्सगंज की तरफ से 10 अगस्त 2023 को रिपोर्ट भेजकर खुलासा किया गया कि उसे जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला वाराणसी भेज कर परीक्षण ही नहीं कराया गया। कारण बताया गया कि मालखाना का चार्जभार ग्रहण न होने के कारण बिसरा जांच के लिए नहीं जा सका। वहीं, मृतक के पिता का कहना था कि वह तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक अंजनी कुमार राय से इसको लेकर बार-बार मिलता रहा और हर बार वह बिसरा जांच के लिए भेजने और रिपोर्ट न आने की बात कहकर टालते रहे।

पीड़ित का आरोप, हत्यारोपियों को बचाने के लिए रचा गया कुचक्र

पीडित की तरफ से आरोप लगाया गया कि हत्यारोपी राजू के पिता रामप्रसाद चौकीदार के साथ ही, तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक के काफी नजदीकी थे। इस कारण बिसरा को जांच के लिए भेजा ही नहीं गया। आरोप है कि कथित साक्ष्य नष्ट करने का यह पूरा कुचक्र प्रभारी निरीक्षक और चौकीदार ने मिलकर हत्यारोपियों को बचाने के लिए किया। कहा कि तीन साल तक बिसरा दबाए रखे जाने के कारण उसकी अंतर्वस्तु भी काफी हद तक नष्ट हो गई होगी।

न्यायालय ने बरती सख्ती, तब तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक पर दर्ज हुआ केस

पीड़ित के अधिवक्ता रामजियावन यादव के मुताबिक तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक अंजनी कुमार राय और चौकीदार रामप्रसाद के खिलाफ सोमवार की शाम केस तब दर्ज किया गया, जब न्यायालय की तरफ से मामले को लेकर सख्ती बरती गई। बताया कि मामले में 21 अक्टूबर 2024 को ही थाना राबर्टसगंज को उचित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना का आदेश दिया गया था और मामले से संबंधित प्रगति रिपोर्ट तलब की गई थी। आख्या के लिए 20 दिसंबर 2024 तिथि नियत की गई थी। आख्या प्रस्तुत न किए जाने पर 21 जनवरी 2025 को 349 सीआरपीसी के तहत नोटिस करते हुए न्यायालय ने प्रभारी निरीक्षक को 30 जनवरी 2025 को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर वांछित आख्या और स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया। बावजूद आख्या प्रस्तुत न किए जाने पर न्यायालय की तरफ से अवमानना को लेकर सुनवाई शुरू की गई और 12 फरवरी को उपस्थिति होने के लिए सम्मनन जारी किया गया। तब जाकर सोमवार की शाम धारा 166 आईपीसी के तहत केस दर्ज किया गया।

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