Sonbhadra: प्रदूषण में दिल्ली से भी बदतर हालात सोनभद्र में, AQI 353 पहुंचा, विशेषज्ञ बोले- रहें अलर्ट
Air Pollution In Sonbhadra: सोनभद्र में पिछले दो दिनों से प्रदूषण का स्तर काफी खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। AQI जहां रविवार को 310 दर्ज किया गया, वहीं सोमवार को यह बढ़कर 353 पर जा पहुंचा।
Air Pollution In Sonbhadra: सर्दी की दस्तक के साथ ही प्रदूषण में भी तेजी से इजाफे का क्रम शुरू हो गया है। सिंगरौली रीजन (सोनभद्र, सिंगरौली दोनों जनपद शामिल) में सोमवार (13 नवंबर) को अधिकतम गुणवत्ता सूचकांक जहां 353 तक दर्ज की गई। वही, चंचल ऊर्जांचल परिक्षेत्र में दिन में देर तक कोहरे के धुंध जैसी स्थिति बनी रही। हालात को देखते हुए जहां पर्यावरण विशेषज्ञों की तरफ से चिंता जताई जाती रही। वह चिकित्सक भी लोगों को स्थिति में सुधार आने तक एहतियात बरतने की सलाह देते रहे।
सोनभद्र में पिछले दो दिनों से प्रदूषण का स्तर काफी खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। प्रदूषण के लिहाज से देश में सर्वाधिक संवेदनशील माने जाने वाले दिल्ली शहर में भी दीपावली पर प्रदूषण का 200 से 250 AQI के इर्द-गिर्द ही बना हुआ है। वहीं, यूपी-एमपी सीमा पर मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जरिए दर्ज हुआ प्रदूषण का आंकड़ा, रविवार को जहां 310 दर्ज किया गया, वहीं सोमवार को यह बढ़कर 353 पर जा पहुंचा। हैरत वाली बात यह है कि दिल्ली में जहां प्रदूषण बढ़ने पर स्कूल कॉलेज बंद कर दिए गए। प्रदूषण नियंत्रण के लिए ढेर सारे उपाय अपनाए जा रहे, वहीं सोनभद्र में अभी कागज पर चल रहे नियंत्रण की कवायद के भरोसे ही सारी उम्मीदें टिकी हैं।
कई हिस्सों में AQI 400 से 800 तक
आपको बता दें कि, सोनभद्र में भले ही राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से क्रशर बेल्ट तथा अनपरा के औडी से शक्तिनगर के बीच मौजूद हाई डस्ट जोन एरिया में प्रदूषण की स्थिति नापने के लिए कोई उपकरण ना लगाया गया हो, लेकिन बीच-बीच में एनजीटी के निर्देश पर दौरा करने वाली टीम अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से यह उल्लिखित कर चुकी है कि इन इलाकों में कई बार 400 AQI से लेकर 800 AQI तक प्रदूषण का स्तर पाया जा चुका है। लेकिन प्रदूषण नियंत्रण महकमा कभी नोटिसों के सहारे, तो कभी निर्देशों के सहारे प्रदूषण नियंत्रण की कवायद में जुटा हुआ है।
डीएम की पहल को भी लगाया जा रहा पलीता
क्रशर बेल्ट खासकर यहां से गुजरने वाले रास्तों पर 24 घंटे छाए रहने वाली पत्थर की धूल और अनपरा के आदी से लेकर शक्तिनगर के बीच छाए रहने वाले कोयले के चूरे के धुंध को देखते हुए डीएम चंद्र विजय सिंह की तरफ से डीएमएफ कोटे से हाई डस्ट जोन वाली एरिया में पानी छिड़काव के लिए चार विशेष वाहनों का प्रबंध कराया गया है। इन वाहनों के संचालन की जिम्मेदारी खनन विभाग को, पानी छिड़काव के देखरेख की जिम्मेदारी प्रदूषण नियंत्रण विभाग को सौंपी गई है लेकिन हकीकत यही है कि हालात अभी भी खराब बने हुए हैं।
सरकार संवेदनशील जगहों पर करे प्रदूषण मापन की व्यवस्था
सिंगरौली प्रदूषण मुक्ति वाहिनी के कार्यकारी संयोजक केवला दुबे, पर्यावरण कार्यकर्ता रमेश यादव ने यूपी सरकार से अदरक के सभी संवेदनशील जगहों पर प्रदूषण मापन संयंत्र के स्थापना की मांग की है ताकि सोनभद्र में प्रदूषण की सही तस्वीर सामने आ सके और उसी अनुरूप उपचार की व्यवस्था अमल में लाई जा सके। एनजीटी की सख्ती और शासन- प्रशासन के निर्देश के बावजूद प्रदूषण नियंत्रण को लेकर बढ़ती जा रही उदासीनता पर चिंता जताते हुए कहा कि सिंगरौली रीजन में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर जो प्लान बनाया गया है जब तक उसको लेकर ईमानदारी से पहल नहीं होती तब तक प्रदूषण नियंत्रण में राहत की उम्मीद फिलहाल नहीं दिखती। सोनभद्र में बढ़ते प्रदूषण पर क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी की राय जानी गई तो उनका सीधा जवाब था कि जैसे ही हवा का बहाव होगा वैसे ही स्थिति सामान्य होनी शुरू हो जाएगी।