Sonbhadra News: करोड़ों का अल्युमिनियम गुजरात में बरामद, मास्टरमाइंड सहित छह गिरफ्तार
Sonbhadra News: सोनभद्र पुलिस ने देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से लेकर यूपी होते हुए गुजरात तक फर्जी बिल पर हर साल करोड़ों का वारा-न्यारा करने बड़े गिरोह का खुलासा करने में कामयाबी पाई है।
Sonbhadra News: सोनभद्र पुलिस ने देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से लेकर यूपी होते हुए गुजरात तक फर्जी बिल पर हर साल करोड़ों का वारा-न्यारा करने बड़े गिरोह का खुलासा करने में कामयाबी पाई है। हिण्डाल्को इंडस्ट्रीज रेणुकूट से महाराष्ट्र ले जाने के बहाने 1.60 करोड़ का अल्युमिनियम उड़ाने वाले गिरोह के छह सदस्यों को गुजरात से दबोचने के साथ ही, उड़ाया गया पूरा माल और घटना में प्रयुक्त दो ट्रकों को बरामद कर लिया गया है।
मुंबई के काकू नामक व्यक्ति के जरिए कई राज्यों में फैले, धोखाधड़ी कर माल उड़ाने वाले, इस अंतर्राज्यीय गैंग का संचालन किए जाने की जानकारी मिली है। मामले में सरगना सहित पांच और को चिन्हित किया गया है। उनकी गिरफ्तारी के लिए भी टीमें गठित कर दी गई हैं। जांच में कई राज्यों से माल उड़ाकर फर्जी बिल के आधार पर गुजरात के अहमदाबाद में खपाए जाने की भी बात मालूम हुई है।पुलिस की उपलब्धि की एसपी ने तो सराहना की ही, एडीजी वाराणसी ने, भी इसे बड़ी कामयाबी माना है। पूछताछ के बाद आरोपियों का धारा 407, 411, 419, 420, 467, 468, 471, 34, 120 आईपीसी के तहत चालान कर दिया गया।
लगातार 15 दिनों की दबिश के बाद पुलिस को मिली कामयाबी
फरवरी 2024 में हिण्डाल्को इंडस्ट्रीज रेणुकूट से दो ट्रकों के जरिए एक करोड़ 60 लाख की अल्युमिनियम प्लेट जेएसडब्ल्यू स्टील डोल्वी रायगढ़, महाराष्ट्र भेजी गयी थी। जिसे वाहन स्वामियों की साजिश से चालकों ने रास्ते से गायब कर दिया। मामले में 29 फरवरी को केस दर्ज किया गया। वहीं एसपी डा. यशवीर सिंह और एडीजी जोन की तरफ से मामले के जल्द खुलासे के निर्देश दिए गए। इसके बाद एएसपी और क्षेत्राधिकारी के निर्देशन में प्रभारी निरीक्षक राजेश सिंह की अगुवाई में टीम गठित कर मामले की छानबीन शुरू कराई गई।
पुलिस जांच के दौरान घटना के तार महाराष्ट्र के मुंबई और गुजरात के अहमदाबाद से जुड़े मिले। मिली सूचनाओं के आधार पर, घटना की तह तक पहुंचने के लिए पिपरी पुलिस के साथ ही, एसओजी और सर्विलांस टीम के लोगों की मौजूदगी में टीम गठित की गई। इसमें प्रभारी निरीक्षक राजेश कुमार सिंह, निरीक्षक अपराध श्रीराम सिंह यादव, चौकी प्रभारी रेणुकूट कमलनयन दुबे, एसआई नरेंद्र कुमार राय, हेड कांस्टेबल योगेंद्र यादव, नीरज कुमार सिंह, संजय वर्मा, सौरभ कुमार राय, कांस्टेबल राजेश पासवान, अजीत यादव को शामिल करते हुए मामले के जल्द खुलासे के निर्देश दिए गए। इस टीम के लोगों ने लगभग 15 दिन तक यूपी से लेकर महाराष्ट्र और गुजरात में विभिन्न जगहों पर दबिश डाली-जानकारी जुटाई।
गुजरात में डाली गई दबिश तो मास्टरमाइंड सहित कई चढ़े पुलिस के हत्थे
एसपी डा. यशवीर सिंह ने शनिवार दोपहर पुलिस लाइन में कामयाबी के बारे में जानकारी दी। बताया कि मिली जानकारी के आधार पर गुजरात में अहमदाबाद के नारोल थाना क्षेत्र में दबिश कर, तार में तब्दील किए गए अल्युमिनियम की पूरी मात्रा, घटना में प्रयुक्त तीनों ट्रक की बरामदगी के साथ ही छह को गिरफ्तार कर लिया गया। इसको लेकर वहां 17 मार्च को डाली गई दबिश में चालक अनिल कमलिया पुत्र कालू कमलिया निवासी भीमकुंड उमरकोट, थाना काली देवी, जिला झाबुआ मध्य प्रदेश, बातचीत के लिए एक्टीवेटेड सिम देने वाले खंडाला राजेश भाई पुत्र अर्जन भाई निवासी गड्ड़ा रोड मंगड़पारा स्टेशन रोड थाना बोटाड़ जिला बोटाड़ गुजरात, हाल पता आकृति आंगन अपार्टमेंट फ्लैट नंबर फर्स्ट- 505 नारोल थाना नारोल जिला अहमदाबाद, गुजरात, संदीप गिरी पुत्र धीरज गिरी निवासी बारसोला थाना मोहम्मदाबाद जिला खेड़ा गुजरात, हालपता पटेलनगर सर्वेश्वर महादेव मन्दिर किरण अस्पताल के पीछे सूरत, गुजरात ( बिचौलिया/ मास्टरमाइंड), तेली मोहनलाल राम पुत्र नगजी राम निवासी 25 गजानंद रेजिडेंसी फॉर्चून स्टेट के सामने कठवाड़ा झावेरी रोड, थाना निकोल, जिला अहमदाबाद गुजरात ( माल डिस्पोजल के लिए वाहन उपलब्ध कराने वाले) के साथ ही फर्जी ई-वे विल के जरिए माल को खरीदने व बिक्री करने वाले अजमल खान उर्फ राजा पुत्र अफजल खान और अशफाक खान उर्फ गुड्डू पुत्र अब्बास खान निवासी 50 लोखंड वाली चाल थाना रखियाल जिला अहमदाबाद गुजरात को दबोच लिया गया।
कुछ इस तरह रची गई पूरे घटना की प्लानिंग
छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला कि गुजरात के सूरत में रहने वाले संदीप गिरि की इस घटना में संलिप्तता है। इस सूचना को लेकर जब पुलिस आगे बढ़ी तो पता लगा कि वारदात में कुल 11 लोग शामिल हैं। छानबीन में मालूम हुआ कि खंडाला राजेश भाई ने एक वाहन चालक भूपति भाई लखबीर को अपने नाम का सिम प्रयोग करने के लिए दिया था। संदीप की भूमिका बिचौलिए और घटना के मास्टरमाइंड के रूप में पाई गई। पता चला कि माल ले जाने वाले वाहनों के स्वामी इमरान ने, मुंबई के काकू भाई उर्फ निर्भय, अशोक भाई और संदीप गिरि की मदद से उक्त माल को बेचने के लिए अजमल खान और अशफाक खान से संपर्क साधा। अशफाक और अजमल ने अपने और अपने संबंधियो की फर्म (गुलशन मेटल फर्म अहमदाबाद गुजरात) से फर्जी ईवे विल तैयार करवाया और पूरी एल्युमिनियम को आदित्य मेडल फैक्ट्री झाक अहमदाबाद और सम्पत एल्मूनियम प्राइवेट लिमिटेड, सांतेज, अहमदाबाद, गुजरात को बेच दिया।
इनकी गिरफ्तारी के बाद सामने आएंगे कई और बड़े राज
एसपी ने बताया कि मामले में ’वांछित काकू उर्फ निर्भय मधूसुदन ठक्कर उर्फ अनिल भाई पुत्र मधुसूदन ठक्कर निवारी मीरा रोड फ्लैट नंबर ए-09/604 सीएचएसएल पूनम गार्डेन भयंदर मुंबई, महाराष्ट्र (हिण्डालको कंपनी रेणुकुट से माल लोड करने वाला ब्रोकर/सरगना) , इमरान भाई काजी पुत्र अय्यूब भाई निवासी जंगलेश्वर मफातिया समिति स्टेट नं. 5, तहसील राजकोट जिला राजकोट ( ट्रकों का वाहन स्वामी), वाहन चालक लाला भाई उर्फ भूपत भाई लखधीर पुत्र प्रवीण भाई निवासी जिनपारा बर्कानेर राजकोट गुजरात, अशोक भाई निवासी सूरत (माल डिस्पोजल में सहायक भूमिका निभाने वाला), शिवालय कुमार धीरज लाल उर्फ बुद्दा पुत्र धीरज लाल बड़गांवा निवासी परादेना बैंक के पीछे वोट्रांड थाना वोट्रांड, गुजरात हालपता आकृति आंगन अपार्टमेंट ए-703 नारोल, थाना नारोल अहमदाबाद ( सह चालक) की तलाश जारी है। एसपी ने बताया कि मुंबई के रहने वाले काकू की इस गिरोह में मुख्य भूमिका पाई है। गुजरात में इसके और संदीप खिलाफ कई बड़े आपराधिक मामले दर्ज पाए गए हैं। महाराष्ट्र से भी इनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।