सोनभद्र पहुंची मुजफ्फरनगर हत्याकांड की आंच, आक्रोशित शिक्षकों ने प्रदर्शन कर लगाए नारे

Sonbhadra: मुजफ्फरनगर में तंबाकू न देने पर, पुलिसकर्मी द्वारा मूल्यांकन कार्य के लिए कापी लेकर जा रहे शिक्षक धर्मेंद्र सिंह की हत्या मामले की आंच सोनभद्र तक पहुंच गई है।;

Update:2024-03-18 17:58 IST

सोनभद्र में मुजफ्फरनगर हत्याकांड को लेकर आक्रोशित शिक्षकों ने किया प्रदर्शन (न्यूजट्रैक)

Sonbhadra News: मुजफ्फरनगर में तंबाकू न देने पर, पुलिसकर्मी द्वारा मूल्यांकन कार्य के लिए कापी लेकर जा रहे शिक्षक धर्मेंद्र सिंह की हत्या मामले की आंच सोनभद्र तक पहुंच गई है। घटना से खफा माध्यमिक शिक्षकों ने जहां सोमवार की दोपहर प्रदर्शन करते हुए आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई, पीड़ित परिवार को एक करोड़ मुआवजा और खराब आचरण वाले पुलिस कर्मियों की सुरक्षा ड्यूटी न लगाए जाने की मांग की। वहीं, घटना के विरोध में जमकर नारे लगाए। मामले में न्याय मिलने तक मूल्यांकन कार्य बहिष्कार का भी ऐलान किया। इससे जिले में दो केंद्रों पर यूपी बोर्ड परीक्षा की कापियों का हो रहा मूल्यांकन कार्य ठप हो गया है। शिक्षकों की तरफ से मागों से संबंधित एक ज्ञापन भी डीआईओएस आरपी यादव को सौंपा गया।

सोमवार को जैसे ही मुजफ्फरनगर में शिक्षक की हत्या की खबर सोनभद्र के शिक्षकों तक पहुंची नाराजगी के स्वर उठने लगे। मूल्यांकन केंद्र राजा शारदा महेश इंटर कॉलेज पर एकत्रित होने के बाद उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ, राजकीय शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश, मूल संघ एवं पांडेय गुट सहित अन्य संगठनों से जुड़े शिक्षकों ने आपस में मामले को लेकर विचार-विमर्श का ऐलान किया। इसके बाद, राजा शारदा महश इंटर कालेज और राजकीय बालिका इंटर कालेज राबटर्सगंज में चल रहे मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार करते हुए, जमकर नारेबाजी की। विरोध प्रदर्शन करते हुए, आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवाज उठाई। ऐलान किया कि जब तक शिक्षकों को समुचित सुरक्षा का भरोसा नहीं मिल जाता और मुजफ्फरनगर प्रकरण में पीड़ित परिवार को न्याय नहीं दे दिया जाता, तब तक मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार जारी रहेगा।

जब पुलिस ही चलाएगी गोली तो सुरक्षा की कैसे करेंगे उम्मीदः जिला मंत्री

राजकीय शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश मूल संघ के प्रांतीय कार्यकारी महामंत्री अशोक कुमार अवाक, जिलाध्यक्ष राजन चतुर्वेदी, जिला मंत्री अमर सिंह, पांडेय गुट के जिलाध्यक्ष मिथिलेश गोस्वामी, जिला मंत्री सत्यनारायण कन्नौजिया, शैलेंद्र चतुर्वेदी, प्रदेश उपाध्यक्ष डीपी सिंह, शिक्षक महासभा के जिलाध्यक्ष उमाकांत मिश्र, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार राव, जिला मंत्री संतोष सिंह, विवेकानंद मिश्र, भावना शुक्ला, दिल मुहम्मद, कुलदीप सिंह यादव, राकेश शुक्ला आदि का कहना था कि चाहे बोर्ड परीक्षा हो या चुनाव संपन्न कराने का मामला हो, शिक्षकों को सुरक्षा देने का दायित्व पुलिस ही निभाती है। ऐसे में जब पुलिसकर्मी ही शिक्षक को गोलियों से भूनने लगें तो आखिर सुरक्षा की उम्मीद किससे की जा सकती है।

लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए, कहा कि पुलिसकर्मियों की सुरक्षा के भरोसे ही, शिक्षक मतदान ड्यूटी करने जाते हैं और वहीं पुलिसकर्मी शिक्षकों से गुटखा, शराब जैसी नशे वाली सामग्रियों की मांग करने लगे, उसे उपलब्ध कराने से इंकार पर हत्या करने लगें तो आखिरकार शिक्षक अपनी ड्यूटी कैसे निभाएंगे, समझ में नहीं आ रहा। कहा कि जब तक मुजफ्फरनगर की घटना को लेकर न्याय नहीं मिल जाता, तब तक शिक्षकों की ओर से मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार जारी रहेगा।

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