Gorakhpur News: एक बच्ची की दो मॉ! अस्पताल में हुई अदला-बदली के बाद डीएनए टेस्ट से मिलेगी असली मां
Gorakhpur News: एसपी नार्थ जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि बच्ची किसकी है डीएनए जांच से इसकी पुष्टि हो जाएगी। जांच के लिए डीएनए सैंपल भेजा गया है।
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के कैम्पियरगंज इलाके के निजी अस्पताल में पैदा हुई एक बच्ची को लेकर दो मां अलग-अलग दावा कर रही हैं। दोनों इसे अपनी बच्ची बता रही हैं। छह महीने से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी निर्णय नहीं होने के बाद पुलिस डीएनए जांच करा रही है। ताकि बच्ची को असली मां की गोद मिल सके।
बच्ची को लेकर दावेदारी करने वाली एक मां महराजगंज जिले की है तो दूसरी संतकबीरनगर जिले की। महराजगंज जिले के पुरंदरपुर थाना क्षेत्र के भगवानपुर कोठी के रहने वाले मुनिराम सहानी की पत्नी किसमती देवी को प्रसव पीड़ा होने पर 24 नवम्बर 2023 कैम्पियरगंज स्थित ओम हास्पिटल में भर्ती कराया गया था। मुनिराम ने कहा कि अस्पताल में मौजूद चिकित्सक केएन जायसवाल की सलाह पर उसने ऑपरेशन कराया। पत्नी को एक बच्ची पैदा हुई। डॉक्टर ने बुलाकर बच्ची को दिखाया और कहा कि बच्ची स्वस्थ है। उसके बाद वह अस्पताल के बाहर अपने परिचितों से मिलकर चाय पानी कराने लगे। बेटी पैदा होने पर मिठाई खिलाने लगा।
उसी आपरेशन हाल में बाद में एक अन्य गर्भवती महिला संतकबीनगर जिले के मेंहदावल कस्बा की रहने वाली रेखा को भी भर्ती कर आपरेशन किया गया था। उसे भी ऑपरेशन से बच्ची होना बताया गया। मुनिराम के मुताबिक कुछ देर बाद जब वह हास्पिटल में गया तो डॉ. केएन जायसवाल ने कहा कि तुम्हारी बच्ची मृत पैदा हुई थी हमने गलत बता दिया था। जिस बच्ची को जिंदा दिखाया था वह रेखा की है। मुनिराम ने आरोप लगाया कि जब उसकी पत्नी का ऑपरेशन हुआ तब जच्चा-बच्चा ठीक थे तो मृत कैसे हो गई।
रेखा के पास है जिवित बच्ची
मुनिराम ने अस्पताल संचालक पर आरोप लगाते हुए पुलिस को सूचना दी और दोनों बच्चियों के डीएनए कराने की मांग की। पुलिस ने इस मामले में अपहरण और जालसाजी का केस दर्ज कर मृत बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। बाद में डीएनए जांच के लिए सैम्पल भेज दिया। जिंदा बच्ची फिलहाल रेखा के पास है और मुनिराम का दावा अभी बना हुआ है। डीएनए जांच रिपोर्ट न आने से यह गुत्थी अभी नहीं सुलझ पाई है। एसपी नार्थ जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि बच्ची किसकी है डीएनए जांच से इसकी पुष्टि हो जाएगी। जांच के लिए डीएनए सैंपल भेजा गया है। रिपोर्ट के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला को रिमाइंडर पत्र लिखा जाएगा।