Sonbhadra News: वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम पर आठ खनन पट्टों को लेकर जारी रहेगा बंदी आदेश

Sonbhadra News: अगस्त माह में दी गई रिपोर्ट में जहां जिला प्रशासन की तरफ से छह खदानों को नान ऑपरेशनल और दो के पास सीटीओ प्रमाण पत्र होने का दावा किया गया था।

Update:2024-09-28 12:04 IST

Sonbhadra News   (photo: social media )

Sonbhadra News: वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम से जुड़े मसले पर आठ खनन पट्टों को लेकर जारी किया गया बंदी आदेश आगे भी प्रभावी बना रहेगा। अब इस मसले पर एनजीटी 25 अक्टूबर को सुनवाई करेगी। इस दरम्यान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड संबंधित खनन पट्टों की खनन गतिविधियों का सत्यापन करते हुए तथ्यात्मक रिपोर्ट एनजीटी में दाखिल करेगा। इसके लिए 3 सप्ताह की समय सीमा तय की गई है।

बताते चलें कि एनजीटी के निर्देश के क्रम में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से सोनभद्र की आठ खदानों की बंदी का आदेश गत 10 जनवरी को जारी किया गया था। बावजूद बंदी आदेश प्रभावी न होने पर न्यूज़ ट्रैक की खबर का स्वत: संज्ञान लेते हुए, एनजीटी ने जिला प्रशासन राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुपालन रिपोर्ट तलब की थी। इसके क्रम में अगस्त माह में दी गई रिपोर्ट में जहां जिला प्रशासन की तरफ से छह खदानों को नान ऑपरेशनल और दो के पास सीटीओ प्रमाण पत्र होने का दावा किया गया था। वही बंदी आदेश के बाद सीटीओ प्रमाण पत्र हासिल करने के कारण, गत 9 सितंबर को शेष दो खदानों का भी संचालन गलत पाए हुए, ठप करा दिया गया। मामले में बंदी आदेश के बाद, संबंधित आठ खदानों में से पांच के पास सीटीओ प्रमाण पत्र उपलब्ध होने की जानकारी दी गई थी और एनजीटी से इस मसले पर उचित निर्णय लेने का अनुरोध किया गया था।

खनन गतिविधियों की जांच में इसी शर्तों के अनुपालन और सहमति के मसले का भी रखा जाएगा ख्याल

प्रकरण को लेकर गत 26 सितंबर को न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और एक्सपर्ट मेंबर डा. अफरोज अहमद की बेंच ने मामले की सुनवाई की। पाया कि प्रतिवादी संख्या 8 ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है। वहीं, प्रतिवादी संख्या 6, 9, 11 और 12 की तरफ से बेंच के समक्ष उपस्थित हुए अधिवक्ता की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह के समय की मांग की गई। वहीं, यूपीपीसीबी की ओर से उपस्थित अधिवक्ता प्रदीप मिश्रा ने खनन गतिविधियों के बारे में तथ्यात्मक रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए तीन सप्ताह का मांगा। बेंच की तरफ से निर्देशित किया गया कि तीन सप्ताह के भीतर प्रतिवादी संख्या 5 से 12 तक की खनन गतिविधियों का सत्यापन करें और तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करें जिसमें ईसी और सहमति शर्तों का भी अनुपालन शामिल है।




Tags:    

Similar News