Lok Sabha Election 2024: Sonbhadra में BJP गठबंधन के सामने साख-सीट दोनों बचाने की चुनौती

Sonbhadra News: वर्ष 2019 में बढ़े मत प्रतिशत के जरिए जीत हासिल करने वाले भाजपा गठबंधन के लिए इस बार यहां साख और सीट दोनों बचाने की चुनौती है। इस बार चुनाव आसान नहीं रहने वाला है।

Update:2024-03-17 21:57 IST

राबर्टसगंज लोकसभा सीट। (Pic: Social Media)

Sonbhadra News: मोदी मैजिक के बावजूद भाजपा का गढ़ जाने वाले राबटर्सगंज संसदीय सीट पर इस बार भाजपा के लिए चुनाव आसान नहीं रहने वाला है। वर्ष 2019 में बढ़े मत प्रतिशत के जरिए जीत हासिल करने वाले भाजपा गठबंधन के लिए इस बार यहां साख और सीट दोनों बचाने की चुनौती है। हालांकि एक तरफ मोदी मैजिक तो दूसरी तरफ कथित उपलब्धियों की लंबी-चौड़ी लिस्ट लेकर भाजपा खेमा, इस बार राबटर्सगंज सीट पर जीत का इतिहास रचने का दावा कर रहा है लेकिन जिस तरह से अंदरखाने टिकट को लेकर रस्साकसी की खबरें सुनने को मिल रही हैं और टिकट को लेकर कयासबाजी चल रही है, उससे यह माना जा रहा है कि लिए भाजपा के लिए इस बार का चुनाव खासा संघर्ष भरा रहने वाला है।

मतों का रिकार्ड रचने के बाद भी महज 55 हजार मतों से मिली जीत

भाजपा गठबंधन (अपना दल एस) को 2019 के लोकसभा चुनाव में मिले अब तक के सर्वाधिक मतों ने एक नया रिकार्ड बना दिया था। लेकिन पड़े मतों में 48 प्रतिशत से भी अधिक की हिस्सेदारी रखने के बावजूद, अद एस उम्मीदवार पकौड़ीलाल कोल को महज 55 हजार मतों से जीत मिल पाई थी। अगर 2014 के आंकड़ों के परिप्रेक्ष्य में इसे देखें तो भाजपा को, वर्ष 2019 में 69703 मत ज्यादा मिले लेकिन जीत 55 हजार मतों की ही मिल पाई।

पीएम मोदी की सभा के बाद बदले माहौल ने बचाई थी साख

वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा के सामने परंपरागत वोटरों को सहेजे रखने की चुनौती खड़ी हो गई, लेकिन पीएम मोदी की सभा के बाद माहौल बदल गया। पोलिंग बूथों पर वोट भी झूमकर बरसे। वर्ष 2014 में 885873 मत के मुकाबले वर्ष 2019 में 9,88,287 वोटरों (1,02,414 ज्यादा मतदाता) ने अपने अधिकार का प्रयोग किया। इसके बावजूद भाजपा का निकटतम प्रतिद्वंदी सपा से आंकड़ा अधिक पड़े मतों से लगभग आधे का ही रहा।

वर्ष 2014 का टूट पाएगा रिकार्ड या फिर मोदी मैजिक ही बनेगा सहारा?

वर्ष 2014 में भाजपा के छोटेलाल खरवार को 3,78,211 मत मिले थे। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के शारदा प्रसाद (187725 मत) को 1,90,486 वोटों से हराकर, राबटर्सगंज संसदीय सीट पर अब तक की सबसे बड़ी जीत का एक नया रिकार्ड बना दिया था। वर्ष 2019 में यह सीट भाजपा के सहयोगी गठबंधन के खाते में गई और इस बार भी इस सीट पर भाजपा गठबंधन का ही सिक्का जमा रहा। लेकिन वर्ष 2024 के समीकरण बदले-बदले से नजर आ रहे हैं। इस बार भी जहां भाजपा के लोगों को मोदी मैजिक का सहारा है वहीं लोगों की निगाहें भाजपा सहित अन्य प्रमुख दलों के उम्मीदवारों पर टिकी हुई हैं। ऐसे में किसकी जीत और किसकी हार, यह तो मतदाताओं का रूख और पहली जून को होने वाली वोटिंग तय करेगी। लेकिन फिलहाल जो स्थितियां दिख रही हैं, उसको देखते हुए, भाजपा गठबंधन वर्ष 2014 में हासिल अब तक की सबसे बडी जीत का रिकार्ड तोडगी या फिर मोदी मैजिक सहारा बनेगा, इसको लेकर चट्टी-चौराहों पर बतकही जारी है।

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