Sonbhadra News: CBI ने कोल सेक्टर में पकड़ा घपले-रिश्वत का बड़ा रैकेट, अपने डिप्टी एसपी सहित चार को किया गिरफ्तार

Sonbhadra News: UP और MP की सीमा पर सोनभद्र से सटे सिंगरौली स्थित मिनी रत्न कंपनी नार्दन कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) में करोड़ों की घपलेबाजी और इसको मैनेज करने के लिए अफसरों के यहां रिश्वत पहुंचाने वाला बड़ा रैकेट सामने आया है।

Update: 2024-08-19 10:39 GMT

Sonbhadra News (Pic: Newstrack) 

Sonbhadra News: यूपी और मध्यप्रदेश की सीमा पर सोनभद्र से सटे सिंगरौली स्थित मिनी रत्न कंपनी नार्दन कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) में करोड़ों की घपलेबाजी और इसको मैनेज करने के लिए अफसरों के यहां रिश्वत पहुंचाने वाला बड़ा रैकेट सामने आया है। तीन दिन चली छापेमारी की कार्रवाई के बाद सीबीआई के नई दिल्ली स्थित हेडक्वार्टर से आई टीम ने, सीबीआई के जबलपुर यूनिट के डिप्टी एसपी जोसेफ डामले, एनसीएल के सीएमडी बी साईंराम के पीए सूबेदार ओझा सहित चार को गिरफ्तार कर लिया है। सिंगरौली, जबलपुर और नोएडा में चली छापेमारी के बाद, सीबीआई की टीम ने चार करोड़ से अधिक कैश, डिजिटल उपकरण और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए हैं।

सीबीआई की दिल्ली स्थिति टीम के ऐसे हुई इंट्री

बताते हैं कि सीबीआई की जबलपुर यूनिट में तैनात डिप्टी एसपी जोसेफ डामले के खिलाफ मुख्यालय को लगातार गड़बड़ी बरतने, रिश्वत लेने की शिकायतें मिल रही थी। इसको देखते हुए, एनसीएल हेडक्वार्टर से एक टीम लगातार, उन पर निगरानी बनाए हुई थी। बताया जाता है कि गत 17 अगस्त को एनसीएल में मशीनों के स्पेयर पार्टस की आपूर्ति करने वाले मेसर्स संगम इंजीनियरिंग, सिंगरौली के संचालक रविशंकर सिंह के सहयोगी दिवेश सिंह डिप्टी एसपी को 5 लाख रुपये रिश्वत देने के लिए पहुंचे हुए थे। मिली जानकारी के आधार पर दिल्ली से एडिशनल एसपी मुकेश कुमार की अगुवाई में धमकी टीम ने दोनों को पेसे का लेन-देन करते वक्त रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

दिवेश बना हुआ था डिलिंग-रिश्वतखोरी का माध्यम

बताया जाता है कि पूछताछ में जहां दिवेश सिंह को सिर्फ मेसर्स संगम इंजीनियरिंग ही नहीं, दूसरी फर्मों के लिए भी एनसीएल से डिलिंग कराए जाने की जानकारी मिली। वहीं यह भी पता चला कि एनसीएल और सीबीआई जबलपुर यूनिट के बीच मामला मैनेज करने का भी काम उसकी तरफ से लंबे समय से किया जा रहा था। सीबीआई से मिली जानकारी के मुताबिक जबलपुर यूनिट के डिप्टी एसपी जोसेफ डामले, उसे रिश्वत देने पहुंचे दिवेश के साथ ही, मेसर्स संगम के मालिक रविशंकर सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

मुख्य प्रबंधक के जरिए भेजवाए गए थे पांच लाख

सीबीआई की छानबीन में जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक डिप्टी एसपी को देने के लिए जो पांच लाख भेजवाए गए थे। वह रकम लेफ्टिनेंट कर्नल बसंत कुमार सिंह (सेवानिवृत्त) मुख्य प्रबंधक प्रशासन, एनसीएल, सिंगरौली की तरफ से भिजवाई गई थी। कथित तौर पर यह राशि उन्होंने सीएमडी के पीए सूबेदार ओझा के कहने पर भेजी थी। बसंत ने धनराशि रविशंकर सिंह को दी थी। रवि ने दिवेश को उपब्ध कराया था और दिवेश इस राशि को जबलपुर डिप्टी एसपी को देने पहुंचा हुआ था। मामले में सीबीआई ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 61(2), पीसी अधिनियम की धारा 7, 7ए, 8 के तहत मामला दज्र किया गया है। मामले में गिरफ्तार गए लोगों के साथ ही सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल बसंत कुमार सहित अन्य अज्ञात को आरोपी बनाते हुए, केस की छानबीन अभी भी जारी है।

सीएमडी के पीए के आवास से मिले 3.85 करोड़ कैश

सीबीआई के मुताबिक रविवार को सीएमडी के पीए सूबेदार ओझा के यहां ली गई सघन तलाशी में 3.85 करोड़ नकद बरामद किए गए हैं। बरामदगी करने वाली टीम का दावा है कि यह राशि कथित तौर पर एनसीएल सिंगरौली में ठेकेदारों और अधिकारियों को अनुचित लाभ देने के बदले एकत्र की गई थी। इसके अलावा रविशंकर के आवास से भी अच्छी-खासी रकम के बरामदगी की बात बताई जा रही है। एनसीएल के निदेशक और सीवीओ पर भी सीबीआई की निगरानी बनी हुई है।

विदेशी मशीनों के पार्ट्स आपूर्ति से जुड़ा मामला

बता दें कि यूपी-एमपी सीमा क्षेत्र में एनसीएल की 10 कोल परियोजनाएं संचालित हैं। इसमें छह का संचालन मध्यप्रदेश के सिंगरौली में और चार का संचालन यूपी के सोनभद्र में किया जाता है। वहीं, रिश्वत और घपले से जुड़ा यह मामला विदेशी मशीनों के लिए आपूर्ति किए गए सैकड़ों करोड़ रुपये के स्पेयर पार्ट्स से जुड़ा बताया जा रहा है।

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