Sonbhadra Exclusive: एनसीएल में सीबीआई रेड: एमपी पुलिस का दारोगा घपले-रिश्वत के खेल में शामिल, जानिए कब-क्या हुआ? पूरी डिटेल

Sonbhadra Exclusive: चार करोड़ कैश और पांच की गिरफ्तारी के साथ ही, एक और बड़ा खुलासा सामने आया है। बताया जा रहा है कि इस पूरे खेल में जबलपुर में तैनात एमपी पुलिस के एक दरोगा ने भी सक्रिय भूमिका निभाई थी।

Update: 2024-08-20 14:06 GMT

एनसीएल में सीबीआई रेड: एमपी पुलिस का दारोगा घपले-रिश्वत के खेल में शामिल, जानिए कब-क्या हुआ? पूरी डिटेल: Photo- Newstrack

Sonbhadra Exclusive: एनसीएल में सीबीआई रेड के बाद चार करोड़ कैश और पांच की गिरफ्तारी के साथ ही, एक और बड़ा खुलासा सामने आया है। बताया जा रहा है कि इस पूरे खेल में जबलपुर में तैनात एमपी पुलिस के एक दरोगा ने भी सक्रिय भूमिका निभाई थी। सीबीआई की जबलपुर यूनिट के डिप्टी एसपी से रिश्वत के लेन-देन और मामले को मैनेज करने के लिए, बातचीत हो सके, इसके लिए उसके जरिए ही डिप्टी एसपी को नया मोबाइल और नया सिम उपलब्ध कराया गया था। डिप्टी एसपी के यहां रिश्वत की रकम लेकर भी दारोगा को ही पहुंचना था लेकिन ऐन वक्त पर, उसे पीछे हटने के कारण, मेसर्स संगम इंजीनियरिंग के निदेशक रविशंकर सिंह को अपने सहयोगी को भेजना पड़ा, जिसे दबिश देकर सीबीआई के हेडक्वार्टर से आई टीम ने रंगे हाथ दबोच लिया।

मामले को मैनेज करने के समय ही दिल्ली तक पहंुच गई थी भनक

बताते हैं कि अब जाकर जो रिश्वत और कैश की रकम पकड़ी गई, इसकी भनक, जुलाई माह के शुरूआत में सीबीआई के नई दिल्ली स्थित हेडर्क्वाटर को लग गई थी। सूत्रों के जरिए जो जानकारी सीबीआई तक पहुंची थी उसमें बताया गया था कि एनसीएल में विदेशी मशीनों के लिए करोड़ों के स्पेयर पार्ट्स आपूर्ति से जुड़े घपले में शामिल, एनसीएल के कुछ अधिकारी तथा प्राइवेट व्यक्ति सीबीआई जबलपुर यूनिट के डिप्टी एसपी जॉय जोसेफ दामले तक पहुंचाने के लिए, रिश्वत की रकम इकट्ठा कर रहे हैं। साथ ही यह भी जानकारी पहुंची थी कि मेसर्स संगम के निदेशक रविशंकर सिंह प्रकरण को लेकर हो रही सौदेबाजी में एनसीएल अधिकारियों और सीबीआई अधिकारियों के बीच मध्यस्थता का काम करने में लगे हुए हैं।

31 जुलाई को सीबीआई के पास पहुंची थी पहली बड़ी लीड

मामले पर नजर गड़ाए सीबीआई दिल्ली को पहली बड़ी लीड तब मिली, जब रविशंकर सिंह ने जबलपुर में तैनात एमपी पुलिस के दारोगा कमल सिंह से पिनकोड सहित अपने आवासीय पते का विवरण मांगा। कमल को बताया कि एक मोबाइल नई दिल्ली से उसके पते पर कूरियर द्वारा पहुंचाया जाएगा, जिसे सीबीआई अधिकारी को दिया जाना है। बताए अनुसार दारोगा के यहां एक बाइल हैंडसेट (आईफोन) और एक सिम कार्ड पहुंचा, जिसे उसके द्वारा सीबीआई जबलपुर यूनिट के डिप्टी एसपी जॉय जोसेफ दामले तक पहुंचाया गया।

पंकज ट्रवेल्स के कर्मचारी ने की मोबाइल और सिम की डिलवरी

दारोगा कमल सिंह की तरफ से सीबीआई अधिकारी के यहां मोबाइल और सिम की डिलेवरी मेसर्स पंकज ट्रेवल्स के कर्मचारी सुकसेन सिंह के जरिए कराई गई थी। मोबाइल की डिलीवरी दो अगस्त 2024 और सिम कार्ड की डिलीवरी छह अगस्त 2024 को जबलपुर के विजयनगर स्थित सीबीआई चौक पर दी गई थी। इसके बाद 14 अगस्त को फिर से रविशंकर ने दारोगा कमल से संपर्क किया और उनसे रिश्वत के रुपये की डिलीवरी लेने को कहा।

दारोगा के इंकार पर दूसरे को दी रिश्वत पहुंचाने की जिम्मेदारी

दारोगा से कहा गया कि कर्नल बीके सिंह उर्फ बसंत कुमार सिंह या उनके सहयोगी उस तक पांच लाख लेकर पहुंचेंगे जो विजयनगर में मौजूद सीबीआई अधिकारी के लिए हैं। दारोगा ने रिश्वत की रकम प्राप्त करने और देने में झिझक व्यक्त की, तब रविशंकर के निर्देश पर उनके कर्मचारी अजय वर्मा ने 16 अगस्त को जयंत बस स्टैंड पहुंचकर एनसीआई के सुरक्षा विंग के एक कर्मचारी से उपरोक्त राशि हासिल की। सीबीआई ने इस जानकारी की पुष्टि की तो पता चला कि यह रिश्वत की रकम एनसीएल के सीएमडी के प्रबंधक सचिव/पीए सूबेदार ओझा ने भेजी थी। अजय ने रिश्वत की रकम, रविशंकर के कहने पर, उनके एक सहयोगी दिवेश सिंह को सौंपी। 17 अगस्त को दिवेश सड़क मार्ग से संबंधित रकम लेकर जबलपुर के लिए रवाना हुए।

मामला दर्ज कर, दिल्ली से जबलपुर पहुंची टीम

पूरी डिटेल मिलने के बाद, 17 अगस्त को ही सीबीआई के हेडक्वार्टर पर, सीबीआई जबलपुर यूनिट के डिप्टी एसपी जॉय जोसेफ दामले, मेसर्स संगम इंटरप्राइजेज सिंगरौली के डायरेक्टर रविशंकर सिंह, रिटायर्ड कर्नल एवं एनसीएल के चीफ सिक्योरिटी आफिसर बसंत कुमार सिंह, एनसीएल सीएमडी के प्रबंध सचिव बसंत कुमार सिंह, रविशंकर के सहयोगी दिवेश सिंह, जबलपुर में तैनात एमपी पुलिस के दारोगा कमल सिंह तथा अन्य अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया।

रिश्वत लेते दबोचने के बाद, 48 घंटे तक चली छापेमारी

इसके बाद, वहां से टीम सीधे जबलपुर पहुंची और दिवेश के साथ, अपने डिप्टी एसपी को रिश्वत का लेन-देन करते रंगे हाथ दबोच लिया। इसके बाद रात में टीम सिंगरौली पहुंची। यहां 17 अगस्त यानी शनिवार की रात 12 बजे से सोमवार की दोपहर तक चली छापेमारी की कार्रवाई में चार करोड़ से अधिक के कैश, डिजिटल उपकरण और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए।

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