Sonbhadra News : मेडिकल कॉलेज में शुरू हुए जटिल ऑपरेशन, आर्थोस्कोपी सर्जरी से दुर्घटना के शिकार युवक को दिया नया जीवन

Sonbhadra News: छह माह पूर्व की एक सड़क दुर्घटना में घुटने का लिंगामेंट गवां चुके 23 वर्षीय युवक को, आर्थोस्कोपी सर्जरी के जरिए नया जीवन दिया गया।;

Update:2024-12-19 18:57 IST

Sonbhadra News  ( Pic- Newstrack)

Sonbhadra News : सोनभद्र । जिला मुख्यालय स्थित राजकीय मेडिकल कालेज में जटिल ऑपरेशन की भी शुरूआत हो गई है। छह माह पूर्व की एक सड़क दुर्घटना में घुटने का लिंगामेंट गवां चुके 23 वर्षीय युवक को, आर्थोस्कोपी सर्जरी के जरिए नया जीवन दिया गया। आयुष्मान कार्ड के जरिए मेडिकल कालेज में पहली बार इस तरह की हुई सर्जरी को लेकर जहां लोगों में खासी चर्चा बनी। वहीं इसे, हड्डी से जुड़े जटिल ऑपरेशन के लिए, मरीजों के सामने वाराणसी का सफर करने या फिर महंगे खर्च पर यहां के निजी अस्पतालों में वाराणसी से सर्जन बुलाकर ऑपरेशन कराने की विवशता से बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है।

चोपन थाना क्षेत्र के रहने वाले प्रियांशु सिंह 23 वर्ष के घुटने का लिंगामेंट एक हादसे की चपेट में आकर टूट गया था। बताया जा रहा है कि इसको लेकर वह पिछले छह माह से परेशान थे। पिछले सप्ताह उन्होंने इसको लेकर मेडिकल कालेज के डॉक्टरों से संपर्क किया। डा. अवनीश शाह की टीम ने उनका परीक्षण और घुटने का एक्सरे कराने के बाद, उन्हें लिंगामेंट टूटे होने की जानकारी दी और ऑपरेशन कराने के लिए कहा। आयुष्मान कार्ड के जरिए उन्हें निःशुल्क ऑपरेशन की सुविधा देते हुए उन्हें भर्ती कर लिया गया और दो दिन पूर्व उनका ऑपरेशन कर, लिंगामेंट टूटने के कारण हो रही परेशानी से मुक्ति दिला दी गई।

अभी तक मेडिकल कालेज में नहीं थी इसकी सुविधा

डा. अवनीश शाह ने बताया कि अभी तक मेडिकल कालेज में आर्थोस्कोपी सर्जरी की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। अब मरीजों के लिए बेहतर तरीके से इसकी सुविधा उपलब्ध हो गई है। उन्होंने बताया कि इसके अभाव में मरीजों को वाराणसी का रूख करना पड रहा था। ब ताते चलें कि जिला मुख्यालय पर कुछ अस्पताल इसके ऑपरेशन की सुविधा उपलब्ध करा रहे थे लेकिन वाराणसी से सर्जन को बुलाए जाने के कारण जहां मरीज और उसके परिवार को महंगा खर्च वहन करना पड़ रहा था। वहीं, कुछ केसों में ऑपरेशन फेल होने की भी स्थिति बन जा रही थी।

यहां कूल्हा प्रत्यारोपण की भी मिल रहीसुविधा

बताते चलें कि इससे पहले आदिवासी समाज से आने वाली एक महिला को डा. अवनीश की टीम ने माड्यूलर बायपोलर तकनीकी से कुल्हा प्रत्यारोपण की सुविधा उपलब्ध कराकर बड़ी राहत उपलब्ध कराई थी। बताया जा रहा है कि उक्त महिला के कमर में चोट लगने के कारण कूल्हा टूट गया था। उसे भी यह राहत आयुष्मान योजना के जरिए उपलब्ध हुई थी।

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