केमिकल प्लांट से निकलती जहरीली गैस का सीपीसीबी ने लिया संज्ञान, यूपीपीसीबी को कार्रवाई के निर्देश
Sonebhadra News: प्रधान राजसजीवन की तरफ से अधिकारियों को भेजी गई शिकायत में बताया गया था कि नेशनल हाइवे किनारे सेंदूर ग्राम पंचायत के लभरी में ओरिएंट माइक्रो कंपनी का संचालन किया जा रहा है।
Sonebhadra News: हाइवे से सटे और आबादी के बीच संचालित की जा रही प्लास्टिक केमिकल फैक्ट्री तथा उससे निकलती क्लोरीन सरीखी जहरीली गैस के प्रकरण को लेकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मामले को लेकर संबंधित ग्राम पंचायत के प्रधान की तरफ से सौंपे गए शिकायती पत्र और उसको लेकर न्यूजट्रैक की तरफ से चलाई गई खबर का संज्ञान लेते हुए, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को मामले में कार्रवाई करने और स्थिति से अवगत कराने का निर्देश दिया गया है। मामले को लेकर सीपीसीबी की तरफ से अपने यहां शिकायत को कंप्लेंट आइडी के रूप में रजिस्टर किए जाने की भी जानकारी दी गई है।
बताते चलें कि पिपरी अचंल के लभरी गाढ़ा में हाइवे से एकदम सटे स्थित केमिकल फैक्ट्री, जहां प्लास्टिक निर्माण के लिए कच्चा माल तैयार करने की बात बताई जा रही है, से क्लोरीन गैस निकलने और खतरनाक केमिकल अपशिष्ट छोड़ने की लगातार शिकायत बनी हुई है। इसका आस-पास के लोगों पर दुष्प्रभाव पड़ने का दावा तो किया जा रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत गर्भवती महिलाओं और गर्भ में पलने वाले शिशुओं को बताई जा रही है। प्रकरण को लेकर ग्राम पंचायत सेंदूर (मकरा) के प्रधान राजसजीवन की तरफ से क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी सहित अन्य को शिकायती पत्र सौंपकर कार्रवाई की गुहार लगाई गई थी।
ग्राम प्रधान की तरफ से अधिकारियों को भेजी गई थी शिकायत
प्रधान राजसजीवन की तरफ से अधिकारियों को भेजी गई शिकायत में बताया गया था कि नेशनल हाइवे किनारे सेंदूर ग्राम पंचायत के लभरी में ओरिएंट माइक्रो कंपनी का संचालन किया जा रहा है। यहां तैयार किए जाने वाले प्लास्टिक केमिकल एवं अन्य कच्चे माल के निर्माण सेनिकलती जहरीली गैस के रिसाव तथा नाले में छोड़े जा रहे औद्योगिक अपशिष्ट के चलते सेंदूर मकरा और आस-पास का वातावरण तेजी से प्रदूषित होता जा रहा है। लोगों को जहां-तरह की बीमारियों से जूझना पड रहा है। वहीं गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के समय काफी परेशानी उठानी पड रही है।
विशेषज्ञों की तरफ से भी हालात पर जताई जा चुकी है चिंता
बताते चलें कि हाइवे किनारे खतरनाक केमिकल फैक्ट्री संचालन और उससे निकलते अपशिष्टों से मानव, वानस्पतिक एवं पशुओं पर खासा दुष्प्रभाव पड़ने को लेकर, पर्यावीरण विशेषज्ञों की तरफ से भी कई बार चिंता जताई जा चुकी है। एनजीटी की तरफ से भी पूर्व में यहां की स्थिति का संज्ञान लिया जा चुका है। बावजूद यहां के लोगों को, जहरीली गैस के रिसाव और खतरनाक औद्योगिक अवशिष्टों के दुष्प्रभाव से स्थाई निजात नहीं मिल पा रही है।