Sonbhadra Breaking: सामूहिक विवाह भ्रष्टाचार मामले में डीएम का बड़ा एक्शन, फर्म के खिलाफ एफआईआर, टेंडर रद्द, फर्म को ब्लैक लिस्टेड करने के निर्देश
Sonbhadra Breaking: सोनभद्र समाज कल्याण राज्य मंत्री के गृह जनपद में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में सामने आए भ्रष्टाचार को लेकर डीएम ने कार्रवाई करते हुए फर्म के खिलाफ एफआईआर, टेंडर रद्द, फर्म को ब्लैक लिस्टेड करने के निर्देश दिए हैं।
Sonbhadra News: मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में बरती गई गड़बड़ी को लेकर डीएम चंद्र विजय सिंह का बड़ा एक्शन सामने आया है। मामले में कराई गई जांच में सामने आए तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए फार्म के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही टेंडर कैंसिलेशन और संबंधित फर्म को ब्लैकलिस्टेड करने का भी निर्देश जारी किया गया है। जिला प्रशासन की तरफ से देर रात सामने आई इस बड़ी कार्रवाई से, सामग्री आपूर्ति करने वाली फर्म से जुड़े लोगों में हड़कंप की स्थिति बनी रही।
दुल्हनों को चांदी की पायल की जगह धातु का पायल देने का मामला
बताते चलें कि गत मंगलवार को घोरावल क्षेत्र में आयोजित सामूहिक विवाह के दौरान लाभार्थियों की तरफ से दुल्हनों को चांदी की पायल की जगह, दूसरी धातु का पायल देने का सनसनीखेज आरोप लगाया गया था। वर-वधू को दी जाने वाली अन्य सामग्री की भी गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए थे। मौके पर मौजूद जनप्रतिनिधियों की तरफ से जहां इस मामले से जिला प्रशासन को अवगत कराते हुए कार्रवाई की अपेक्षा की गई थी। वहीं आरोपों से जुड़ा वीडियो जैसे ही वायरल हुआ, मामले का संज्ञान लेते हुए डीएम चंद्र विजय सिंह की तरफ से तीन सदस्यीय (वरिष्ठ कोषाधिकारी आईडी सिंह, पीडी डीआरडीए रामशिरोमणि मौर्या और डीडीओ शेषनाथ चौहान) जांच कमेटी गठित कर दी गई।
डीएम की तरफ से, मामले में एफआईआर
जांच कमेटी की तरफ से बुधवार और बृहस्पतिवार को मामले की गहन तहकीकात करने के साथ ही, देर शाम रिपोर्ट जिलाधिकारी के यहां प्रस्तुत कर दी गई। प्रस्तुत की गई रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद, देर रात डीएम की तरफ से, मामले में एफआईआर, टेंडर कैंसिलेशन और फर्म को ब्लैकलिस्टेड करने संबंधित कार्यवाही के निर्देश जारी कर दिए गए। माना जा रहा है कि डीएम के इस निर्देश के बाद समाज कल्याण विभाग की तरफ से शुक्रवार को इस मामले में एफआईआर के साथ ही, अन्य कार्रवाई मुकम्मल कर ली जाएगी। डीएम चंद्र विजय सिंह ने बताया कि फर्म के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई जा रही है।
टेंडर रद्द करने और फर्म को ब्लैकलिस्ट करने की भी निर्देश दिए गए हैं। बताते चलें कि तीन माह पूर्व सामग्री आपूर्ति के लिए सबसे कम रेट का टेंडर डालकर दिल्ली की एक फर्म ने टेंडर हासिल किया था। सैंपल के तौर पर पायल और बिछिया के नमूने भी अफसर को दिखाए थे। लोगों के साथ ही, अफसरों को उम्मीद थी कि दिल्ली से जुड़ी बड़ी फर्म होने के नाते आपूर्ति की स्थिति बेहतर रहेगी लेकिन फर्म के कर्ताधर्ताओं ने महज तीन माह में ही भ्रष्टाचार का कुछ ऐसा कांड कर डाला कि समाज कल्याण राज्य मंत्री के गृह जनपद में ही गड़बड़झाले की एक नई कहानी रच दी गई।