Sonbhadra News : ऊर्जा के क्षेत्र में यूपी को बड़ी सौगात, ओबरा सी की दूसरी इकाई लाइटअप, 660 मेगावाट है क्षमता
Sonbhadra News : 1320 मेगावाट वाली ओबरा सी की 660 मेगावाट क्षमता वाली दूसरी इकाई को लाइटअप कर लिया गया है। तीन से चार दिनों में इस इकाई से उत्पादन भी शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है।;
Sonbhadra News : बिजली के क्षेत्र में यूपी को एक बार फिर से बड़ी सौगात मिली है। 1320 मेगावाट वाली ओबरा सी की 660 मेगावाट क्षमता वाली दूसरी इकाई को लाइटअप कर लिया गया है। तीन से चार दिनों में इस इकाई से उत्पादन भी शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। बिजली की बढ़ती मांग के बीच, राज्य सेक्टर वाली परियोजना की तरफ से सामने आई 660 मेगावाट की सौगात को, आने वाली तपिश में बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है।
बताते चलें कि 1300 करोड़ की लागत से निर्मित की जा रही ओबरा सी परियोजना की 660 मेगावाट वाली पहली इकाई पहले ही उत्पादन पर ली जा चुकी है। पिछले एक साल से इसी क्षमता वाली दूसरी इकाई को उत्पादन पर लाने का तेजी से प्रयास बना हुआ था। कभी तकनीकी दिक्कत तो कभी बकाए मेहनताने को लेकर मजदूरों की स्ट्राइक बड़ा रोडा बनी हुई थी। आखिरकार रविवार की शाम लगभग पांच बजे अभियंताओं की टीम ने दूसरी इकाई को भी लाइटअप करने में सफलता प्राप्त कर ली। लाइटअप के चल रहे कार्य और स्थिति से शक्ति भवन को अवगत कराने के लिए लखनऊ से आए इंजीनियर/विशेषज्ञ अजीत तिवारी की भी मौजूदगी बनी रही। उधर, जैसे ही इकाई को सफलतापूर्वक लाइटअप होने का मैसेज डिस्प्ले पर प्रदर्शित हुआ कि ओबरा परियोजना और निर्माण कार्य करा रही दुसान कंपनी के अभियंता खुशी से उछल पड़े। लाइटअप कार्य में लगी टीम की अगुवाई ओबरा परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक आरके अग्रवाल ने की। मुख्य महाप्रबंधक ने ओबरा सी परियोजना की दूसरी इकाई को सफलता पूर्वक लाइटअप किए जाने की पुष्टि की। बताया कि इकाई से जल्द विद्युत उत्पादन शुरू हों, इसके प्रयास जारी है। वहीं, ऑफ द रिकार्ड अभियंताओं का मानना था कि सब कुछ ठीक रहा तो इकाई चार दिन बाद लोड के लिए तैयार हो जाएगी। इसके बाद इसे नियमित विद्युत उत्पादन पर लेने की टेस्टिंग शुरू कर दी जाएगी।
सस्ती बिजली की उपलब्धता देगी बड़ी राहत
बताते चलें कि राज्य सेक्टर की परियोजनाओं से राज्य सरकार को सबसे सस्ती बिजली मिलती है। ऐसे में ओबरा सी परियोजना की 660 मेगावाट वाली दूसरी इकाई से भी जल्द विद्युत उत्पादन शुरू करने की प्रक्रिया को बड़ी राहत माना जा रहा है। बता दें कि पिछले वर्ष की तपिश ने न केवल यूपी में बिजली खपत के सारे रिकार्ड तोड़ दिए थे बल्कि भारत में सर्वाधिक बिजली खपत का भी नया रिकार्ड बनाया था।