Sonbhadra: सरकार को करोड़ों का चूना लगाने वाले फर्जी परमिट रैकेट का खुलासा

Sonbhadra News: सरकार को हर माह करोड़ों का चूना लगाने वाले फर्जी परमिट रैकेट का खुलासा हुआ है। पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अन्य की तलाश जारी है।

Update: 2024-03-02 11:29 GMT

आरोपियों के साथ चित्रकूट पुलिस। (Pic: Newstrack)

Sonbhadra News: फर्जी परमिट के जरिए हर रोज डेढ़ से दो दर्जन खनिज (बालू, गिट्टी, कोयला) लदी गाड़ियां पार कराने वाले बड़े रैकेट का खुलासा हुआ है। प्रति माह सरकार को डेढ़ से दो करोड़ का चूना लगाने वाले इस गिरोह के खुलासे के साथ ही पुलिस ने प्रिंटिंग प्रेस संचालक सहित तीन को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, कई और की तलाश जारी है। माना जा रहा है कि इस खेल में वाहन संचालकों, पासरों, खनन बेल्ट के साथ ही, सियासत में गहरी पैठ रखने वाले कई के चेहरे सामने आ सकते हैं। पुलिस छापेमारी में 12 ब्लैंक सिक्योरिटी पेपर, 13 कूटरचित ई फार्म सी और नकदी के साथ ही, परमिट बनाने में प्रयुक्त होने वाले लैपटाप, कंप्यूटर सेट, लेजर जेट प्रिंटर, मोबाईल, विभिन्न क्रशर प्लांटों की टैक्स इनवाईस की बरामदगी की गई है। पूछताछ के बाद पकड़े गए तीन आरोपियों का चालान कर दिया गया है।

मिर्जापुर सीमा स्थित प्रिंटिंग प्रेस में हो रही थी फर्जी परमिट की छपाई

अपर पुलिस अधीक्षक मुख्यालय कालू सिंह ने शनिवार की दोपहर बाद राबटर्सगंज कोतवाली में इस कामयाबी का खुलासा किया। बताया कि एसपी डा. यशवीर सिंह की तरफ से दिए गए निर्देश के क्रम में पुलिस और खनन विभाग की टीम बालू-गिट्टी की चोरी और बगैर परमिट उपखनिज का परिवहन करने वाले पासरो/अपराधियों के विरुद्ध जानकारी जुटाने में लगी हुई थी। इसी कड़ी में टीम ने शुक्रवार को मिली सूचना के आधार पर हिंदुआरी तिराहे पर फर्जी परमिट लेकर खड़ी गिट्टी लदी ट्रक संख्या यूपी64-बीटी- 6089 को पकड़ा तो मौके से वाहन स्वामी चेतन पाल पुत्र राम शरन पाल निवासी बहुअरा, थाना रॉबर्ट्सगंज और चालक एहसान पुत्र नजीर शाह निवासी बहुअरा, पुरानी बस्ती, थाना रॉबर्ट्सगंज पकड़ लिए गए। उनसे पूछताछ में पता चला कि कूटरचित ई-प्रपत्र (नकली परमिट) तैयार करने वाले गिरोह की महत्वपूर्ण कड़ी राहुल मौर्या है और वह करमा थाना क्षेत्र के धौरहरा में ज्योति प्रिंटिंग प्रेस के संचालन का काम करता है।

प्रिंटिंग प्रेस में प्रति प्रपत्र छपाई के लिए जाते थे दो हजार

एएसपी ने बताया कि पुलिस ने जब प्रिटिंग प्रेस संचालक राहुल मौर्या को पकड़ा तो उसने पूछताछ में बताया कि उसके यहां चेतन पाल और पप्पू पाल प्रपत्र की छपाई कराने आते थे और प्रति प्रपत्र छपाई के लिए 2000 देते थे। पप्पू और चेतन छपाई के लिए पेपर उपलब्ध कराते थे। इसके बाद उसकी दुकान पर रखे कंप्यूटर सेट में कैलिस्टो एमटी फांट से प्रपत्र को तैयार किया जाता था और कोराल डान के जरिए हूबहू असली जैसा प्रिेंट निकाल लिया जा रहा है।

सिक्योरिटी पेपर का इंतजाम करती थी पप्पू-चेतन-राजा की जोड़ी

पूछताछ में यह भी पता चला कि चेतन, पप्पू पाल और राजा की जोड़ी सिक्योरिटी पेपर के इंतजाम के साथ ही, किस वाहन के नाम परमिट जारी किया जाना है, इसका भी विवरण उपलब्ध कराती थी। इसके बाद राहुल खनन विभाग की संबंधित साइट पर उपलब्ध ई फार्म-सी को एडिट कर, उसमें गाड़ी नंबर, दिनांक, वैधता और खनिज की लिमिट में परिवर्तन कर, उस पर क्यूआर कोड छाप देता है। राहुल ने पुलिस को यह भी बताया कि पिछले कई महीनों से राजस्व का चूना लगाने का यह खेल जारी है और सैकड़ों ई-फार्म सी और एमएम -11 छापकर चेतन, पप्पू और राजा को उपलब्ध करा चुका है। एएसपी ने बताया कि मामले में कृष्णा केशरी पुत्र विष्णु केशरी निवासी ओबरा को भी चिन्हत किया गया है। मामले में जहां चेतन, एहसान और राहुल को गिरफ्तार किया गया हैं। वहीं, पप्पू, राजा और कृष्णा की तलाश जारी है। प्रभारी निरीक्षक राबर्ट्सगंज सतेंद्र कुमार राय, एसआई राकेश कुमार सिंह, रामसिंहासन शर्मा, चौकी प्रभारी रॉबर्ट्सगंज सहित अन्य की रैकेट के खुलासे एवं गिरफ्तारी में अहम भूमिका रही।

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