Sonbhadra: किशोरी के अपहरण की कोशिश करने वाले को 5 वर्ष की कैद, 8 वर्ष पुराने मामले में आया फैसला

Sonbhadra: नृत्य कार्यक्रम को देखने के लिए आई एक किशोरी के साथ छेड़खानी करते हुए उसे उठाकर ले जाने की कोशिश करने के दोषी को पांच वर्ष के कठोर कैद की सजा सुनाई गई है।;

Update:2024-03-20 18:36 IST

किशोरी के अपहरण की कोशिश करने वाले को पांच वर्ष की कैद (न्यूजट्रैक)

Sonbhadra News: नृत्य कार्यक्रम को देखने के लिए आई एक किशोरी के साथ छेड़खानी करते हुए उसे उठाकर ले जाने की कोशिश करने के दोषी को पांच वर्ष के कठोर कैद की सजा सुनाई गई है। करमा थाना क्षेत्र से जुड़े आठ वर्ष पुराने मामले को लेकर अपर सत्र न्यायाधीश व विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने बुधवार को सुनवाई की। पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों और अधिवक्ताओं की तरफ से दी गई दलीलों के आधार पर दोषसिद्ध पाया गया और दोषी बृजेंद्र को पांच वर्ष की कठोर कैद के साथ ही 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में एक माह की अतिरिक्त कैद का आदेश पारित किया गया। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि जमा होने के बाद उसमें 8 हजार रुपये पीड़िता को प्रदान किए जाएंगे।

वह प्रकरण, जिसको लेकर सुनाई गई सजा

अभियोजन कथानक के घटना 16 जून 2015 की है। करमा थाना क्षेत्र के एक गांव में नृत्य का कार्यक्रम आयोजित होता था। उसे देखने के लिए गांव की ही एक किशोरी गई हुई थी। वहां उसके साथ छेड़खानी के साथ ही उसे उठा ले जाने की कोशिश की गई। उसकी मां की तरफ से इस मामले को लेकर 25 जून 2015 को करमा थाने में तहरीर दी गई। इसके जरिए पुलिस को बताया गया कि उसकी नाबालिग बेटी नाच (नृत्य) देखने उसकी नाबालिग लड़की गई थी। वहां पर बृजेंद्र पुत्र खुन्नू निवासी सहदेईया, थाना करमा, भी नाच देखने के लिए गया था। रात में डेढ़ बजे के करीब उसकी बेटी लघु शंका करने के लिए नाच स्थल से कुछ दूर गई तो उसके पीछे बृजेंद्र भी वहां पहुंच गया और उसे जबरिया कंधे पर उठाकर ले जाने लगा। जब पीड़िता ने शोर मचाना शुरू किया तो कार्यक्रम स्थल पर मौजूद कई लोग वहां पहुचं गए। यह देख आरोपी वहां से पीड़िता को छोड़कर भाग निकला। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया।

छेड़खानी और पाक्सो एक्ट में मामला दर्ज कर की गई विवेचना

दी गई तहरीर के आधार पर करमा पुलिस ने छेड़खानी और पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर प्रकरण की छानबीन की। जांच के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की। न्यायालय में करीब आठ तक चली सुनवाई के बाद दोषसिद्ध पाया गया। इसके बाद धारा 354, 506 आईपीसी और 7/8 पाक्सो एक्ट के तहत दोषी पाते हुए, पांच वर्ष के कठोर कारावास व 10 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी अधिवक्ता दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने मामले की पैरवी की।

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