Sonebhadra News: भ्रष्टाचार के आरोप में हटाए गए कानूनगो को दोबारा सौंपा गया सदर सर्किल का दायित्व, उठा सवाल
Sonebhadra News: सुरेश कुमार दूबे को रामपुर कानूनगो को दायित्व सौंपते हुए, महुली, मांची का अतिरिक्त प्रभार दिया गया। वहीं, वैनी में तैनात रहे कानूनगो को वहां से स्थानांतरित कर सदर सर्किल (राबटर्सगंज राजस्व क्षेत्र) की एक बार फिर से कमान सौंप दी गई।
Sonebhadra News: जिले में कानूनगो स्तर पर हुए तबादले के बाद, सदर सर्किल (मुख्यालय की राबटर्सगंज तहसील) पर भ्रष्टाचार के आरोप में हटाए गए कानूनगो को दोबारा, उसी सर्किल का दायित्व सौंपे जाने को लेकर सवाल उठाए जाने लगे हैं। सरकार की भ्रष्टाचार मुक्त नीति के बीच इस तरह की तैनाती ने जहां, लोगों को चौंका कर रख दिया है। वहीं, प्रकरण को लेकर लोगों की तरफ से डीएम से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग उठाई जाने लगी है।
बताते चलें कि कई लेखपालों की कानूनगो पद पर प्रोन्नति हुई थी। इसके बाद, जिले में तैनात कानूनगो के तबादले की प्रक्रिया अपनाई गई थी। इसमें राबटर्सगंज तहसील की सदर सर्किल पर तैनात कानूनगो को स्थानांतरित कर घोरावल भेजा गया। वहीं, प्रोन्नति हुए दो कानूनगो दिनेश कुमार द्विवेदी और सुरेश कुमार द्विवेदी को राबटर्सगंज तहसील में तैनाती दी गई। इसके बाद एसडीएम स्तर से जहां दिनेश को वैनी राजस्व क्षेत्र का कानूनगो तैनात करते हुए, रायपुर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया। वहीं,
सुरेश कुमार दूबे को रामपुर कानूनगो को दायित्व सौंपते हुए, महुली, मांची का अतिरिक्त प्रभार दिया गया। वहीं, वैनी में तैनात रहे कानूनगो को वहां से स्थानांतरित कर सदर सर्किल (राबटर्सगंज राजस्व क्षेत्र) की एक बार फिर से कमान सौंप दी गई।
रिश्वत लेने के आरोप में किए गए थे निलंबित
जिस कानूनगो को एक बार फिर से सदर सर्किल की कमान सौंपी गई है, उन्हें सदर सर्किल में जमीन की पैमाइश के नाम पर कथित रिश्वत लेने के आरोप में निलंबित करते हुए हटाया गया था। इसको लेकर एक कथित वीडियो भी वायरल हुआ था। लोगों की तरफ से कई शिकायतें की गई थी। बाद में विभागीय स्तर पर हुई जांच में निलंबित कानूनगो को बहाल कर वैनी में तैनाती दी गई। इसके बाद जिस तरह से सदर सर्किल में तैनात कानूनगो के तहसील क्षेत्र के बाहर स्थानांतरण के बाद, अचानक से वैनी से लाकर, फिर से आरोप वाली जगह पर ही तैनात दे दी गई, उससे लोगों के बीच तरह-तरह की चर्चाओं के साथ ही, सवाल उठाए जाने लगे हैं। इस बारे में एसडीएम निखिल कुमार से संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि वह बाहर हैं। सदर तहसीलदार से सुशील कुमार से बात की गई तो उनका कहना था कि किसी को दोबारा पूर्व की तैनाती स्थल पर तैनात करना गलत नहीं है। जहां तक पूर्व में भ्रष्टाचार के आरोप में हटाए जाने का मामला है। यह बात उनके संज्ञान में नहीं थी। इसके बारे में जानकारी कर आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।