Sonbhadra News: शौच के लिए निकली दलित किशोरी को अगवा कर दुष्कर्म करने वाले अधेड़ को उम्रकैद, कई दिन तक बनाए रखा था बंधक

Sonbhadra News: किशोरी को जबरिया उठाकर रिश्तेदार के घर ले जाने, वहां उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में दोषी मोहम्मद गनी खान को उम्रकैद के साथ ही दो लाख 25 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई।

Update:2024-06-12 15:35 IST

दलित किशोरी को अगवा कर दुष्कर्म करने वाले अधेड़ को उम्रकैद: Photo- Newstrack

Sonbhadra News: जनपद सोनभद्र में घर से शौच के लिए निकली किशोरी को जबरिया उठाकर रिश्तेदार के घर ले जाने, वहां उसके साथ दुष्कर्म करने, कई दिन तक पत्नी के रूप में बंधक बनाए रखने के मामले में दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। अनपरा थाने से जुड़े साढ़े तीन वर्ष पूर्व इस मामले की बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने सुनवाई की। पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों और अधिवक्ताओं की तरफ से पेश की गई दलीलों के आधार पर दोषसिद्ध पाते हुए, दोषी मोहम्मद गनी खान को उम्रकैद के साथ ही दो लाख 25 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अर्थदंड जमा होने के बाद एक लाख 80 हजार की धनराशि नियमानुसार पीड़िता को प्रदान की जाएगी।

यह था पूरा प्रकरण

अभियोजन कथानक के मुताबिक अनपरा थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता की मां ने नौ सितंबर को अनपरा थाने पहुंचकर तहरीर दी थी। उसके जरिए पुलिस को अवगत कराया था कि उसकी नाबालिग बेटी 20 अगस्त 2020 से गायब है। कहीं पता नहीं चल रहा है। उसने मोहम्मद गनी पुत्र स्व. नान्हक निवासी कुलडोमरी टोला वियहवा, थाना अनपरा पर अगवा किए जाने का शक जताते हुए दुष्कर्म की मांग की थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर पीड़िता को जहां 48 वर्षीय गनी के कब्जे से बरामद कर लिया। पीड़िता से पूछताछ में जहां उसके 17 वर्षीय नाबालिग होने की पुष्टि हुई। वहीं, उसे कई दिनों तक पत्नी के रूप में बंधक बनाकर दुष्कर्म किए जाने की बात सामने आई। इसके बाद मामले में अपहरण, दुष्कर्म, पाक्सो एक्ट और एससी-एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित कर दी।

विद्यालय के रिकार्ड से की गई उम्र संबंधी पुष्टि

मामले में विद्यालय की तरफ से सामने आए उम्र संबंधी साक्ष्य, पीड़िता और गवाहानों की ओर से दर्ज कराए गए बयान, पत्रावली में उपलब्ध कराए गए साक्ष्य और अधिवक्ताओं की तरफ से दिए गए तर्कों को दृष्टिगत रखते हुए दोषसिद्ध पाया गया। इसके बाद सजा के मामले पर विचार करते हुए न्यायालय ने इसे काफी गंभीर प्रकरण माना और दोषी मुहम्मद गनी खान को उम्रकैद के साथ ही दो लाख 25 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की ओर से मामले की पैरवी सरकारी अधिवक्ता दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह की तरफ से की गई।

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