Sonbhadra: घर में घुसकर किशोरी को किया था अगवा, दुष्कर्म के बाद दरवाजे पर लाकर दिया था फेंक, मिली उम्रकैद
Sonbhadra: पुलिस ने 18 मार्च 2022 को अपहरण, बलात्कार और पाक्सो एक्ट के तहतं एफआईआर दर्ज की और पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए राजन कुमार और पवन कुमार के खिलाफ संबंधित धाराओं में चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित कर दी।
Sonbhadra: दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के अमवार गांव से जुड़े किशोरी के साथ ममेरे-फुफेरे भाइयों द्वारा, घर में घुसकर अगवा करने और दुष्कर्म के बाद दरवाजे पर लाकर फेंक देने के, महज दो वर्ष पूर्व के सनसनीखेज मामले में एक दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। वहीं, दूसरे आरोपी, जिनकी उम्र नाबालिग होने के कारण, उससे जुड़े प्रकरण को सुनवाई के लिए किशोर न्याय बोर्ड को संदर्भित किया जा चुका है।
प्रकरण की शुक्रवार को अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने सुनवाई की। पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों और अधिवक्ताओं की तरफ से दिए गए तर्कों के आधार पर दोषसिद्ध पाया और दुष्कर्म के दोषी पवन कुमार को उम्रकैद के साथ ही 35 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न किए जाने पर दोषी को छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। अर्थदंड की धनराशि जमा होने के बाद उसमें से 28 हजार की धनराशि पीड़िता को प्रदान कर दी जाएगी।
यह था पूरा मामला
पूरा मामला दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के अमवार चौकी से जुड़ा हुआ है। इसको लेकर पीड़िता के पिता की ओरसे दुद्धी कोतवाली में तहरीर दी गई थी। अवगत कराया गया था कि उसकी 16 वर्षीय बेटी जो घटना के समक्ष कक्षा नौ की छात्रा थी, 17 मार्च 2022 की रात रोजाना की तरह अपने कमरे में पढाई कऱ रही थी। उसी दौरान राजन कुमार पुत्र भूपेंद्र कुमार उर्फ बबलू भारती निवासी अमावट, थाना दुद्धी और उसका ममेरा भाई पवन कुमार पुत्र देवनाथ निवासी बैरखड़, थाना विंढमगंज अपने दो-तीन साथियों के साथ घर में घुस गए और उसकी बेटी को उठाकर ले गए। रात में ही उसके साथ दुष्कर्म किया और अलसुबह बेहोशी की हालत में उसे दरवाजे पर छोड़ कर भाग गए। उपचार के लिए सीएचसी दुद्धी में भर्ती कराया गया। बताते चलें कि तत्कालीन समय में इसको लेकर खासी पंचायत हुई थी। किसी तरह जाकर मामला दर्ज हुआ था। न्यायालय ने भी तेजी से सुनवाई की और महज दो साल में ही दुष्कर्म का शिकार हुई बेटी को न्याय मिल गया।
इन-इन धाराओं में दर्ज किया गया था केस
मामले में पुलिस ने 18 मार्च 2022 को अपहरण, बलात्कार और पाक्सो एक्ट के तहतं एफआईआर दर्ज की और पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए राजन कुमार और पवन कुमार के खिलाफ संबंधित धाराओं में चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित कर दी। सुनवाई के दौरान राजन कुमार की उम्र 18 वर्ष से कम पाई गई। इसके लिए उसकी पत्रावली अलग कर किशोर न्याय बोर्ड भेज दी गई। वहीं, पवन कुमार के पत्रावली की सुनवाई करते हुए शुक्रवार को उसे दोषी पाया गया और उम्रकैद के साथ ही अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अभियोजन पक्ष की ओर से मामले की पैरवी सरकारी अधिवक्ता दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह ने की।