Sonbhadra News: बारिश के मामले में जुलाई ने किया निराश, 10 सालों में सबसे कम बरसात

Sonbhadra News: जून और जुलाई माह में सामान्य औसत से आधे से भी कम बारिश और 10 सालों में बारिश की सबसे खराब स्थिति को देखते हुए जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग तेजी से उठने लगी है।

Update: 2024-08-01 14:24 GMT

Sonbhadra News (Pic: Newstrack)

Sonbhadra News: जिले में बुधवार को हुई मजे की बारिश ने किसानों को बड़ी राहत दी लेकिन माह के ओवरऑल आंकड़े में जुलाई माह भी निराश करने वाला रहा है। न केवल पिछले साल के मुकाबले कम बारिश दर्ज हुई बल्कि पिछले 10 सालों में सबसे कम बारिश वर्ष 2024 के जुलाई माह में रिकार्ड की गई है। इससे पहले, जून माह का भी आंकड़ा औसत बारिश के लिहाज से काफी निराशाजनक रहा था।

औसत बारिश के आधे से भी कम रिकार्ड हुई वर्षा

बताते चलें कि जिले में जून माह में सामान्य बारिश का मानक 104.50 मिमी है लेकिन इस वर्ष महज 37 मिमी ही वर्षा रिकार्ड हो सकी है। यह आंकड़े पिछले वर्ष 68.75 मिमी से भी काफी कम हैं। इसी तरह जुलाई माह में सामान्य बारिश का मानक 334 मिमी है लेकिन पहली जुलाई से 31 जुलाई तक हुई बारिश का आंकड़ा 154.25 मिमी तक ही पहुंच पाया है। उसमें भी महज 31 जुलाई को 82 मिलीमीटर दर्ज हुई बारिश का आंकड़ा शामिल है।

वर्ष 2014 के बाद, पहली बारिश सबसे कम बारिश हुई रिकार्ड

खेती-किसानी के सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाले जुलाई माह में हुई बारिश के आंकड़े को देखें तो वर्ष 2014 के बाद, पहली बार, सबसे कम बारिश रिकार्ड की गई है। इससे पहले वर्ष 2014 में काफी कम 151.70 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई थी। वहीं, 2015 में 215.30 मिमी, 2016 में 501.69 मिमी, 2017 में 559.15 मिमी, 2018 में 211.49 मिमी, 2019 में 245.9 मिमी, 2020 में 187.7 मिमी, 2021 में 256.7 मिमी, 2022 में 198 मिमी, 2023 में 162.5 मिमी, 2024 में 154.25 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई है।

जिले को घोषित किया जाए सूखाग्रस्त, प्रभारी मंत्री ने भी दिया था भरोसा

जून और जुलाई माह में सामान्य औसत से आधे से भी कम बारिश और 10 सालों में बारिश की सबसे खराब स्थिति को देखते हुए जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग तेजी से उठने लगी है। हाल ही में जिले के दौरे पर आए प्रभारी मंत्री रवींद्र जायसवाल ने भी 31 जुलाई तक दर्ज होने वाले बारिश के आंकड़े के आधार पर, जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने की कार्रवाई कराने का भरोसा दिया था। बताते चलें कि मानसून आने की निर्धारित तिथि से तीन से चार सप्ताह के भीतर अगर 60 फीसद से कम बारिश है तो संबंधित जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने का सामान्य नियम है। अब सभी की निगाहें, जिले के हालात को लेकर शासन-प्रशासन की ओर से उठने वाले कदम पर टिकी हुई हैं।

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