Sonbhadra: अस्पताल रजिस्ट्रेशन में मेडिकल कालेज के सर्जन का लगाया सर्टीफिकेट, शपथपत्र में भी गड़बड़ी, FIR

Sonbhadra News: आवेदन निरस्त के बाद भी अस्पताल संचालन की शिकायत पर गत 12 जून को नोडल अधिकारी डा. गुलाब शंकर यादव की अगुवाई वाली टीम ने दोबारा जनता हास्पिटल का निरीक्षण किया।

Update: 2024-06-20 08:16 GMT

Sonbhadra News (Pic: Newstrack)

Sonbhadra News: जिला मुख्यालय पर हास्पिटल संचालन को लेकर बड़ा खेल सामने आया है। एक हास्पिटल/नर्सिंग होम के रजिस्ट्रेशन के लिए ऐसे डॉक्टरों के सर्टीफिकेट प्रस्तुत किए गए, जो पहले से दूसरे जगहों/अस्पतालों में कार्यरत हैं। सबसे हैरत वाली बात यह है इस रजिस्ट्रेशन के लिए मेडिकल कालेज में तैनात एक सर्जन का सर्टिफिकेट तो प्रस्तुत किया ही गया, संबंधित सर्जन की ओर से एक शपथपत्र भी दाखिल किया गया, जिसमें लिखा गया था कि वह किसी सरकारी/अर्धसरकारी संस्था में कार्यरत नहीं है। फिलहाल संबंधित चिकित्सालय के प्रबंधक सोमवती के खिलाफ धारा 420 आईपीसी और इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट की धारा 16 के तहत जनता हास्पिटल के प्रबंधक केस दर्ज कराया गया है। चिकित्सालय के पंजीयन के नोडल अधिकारी गुलाबशंकर यादव की तहरीर पर मामला दर्ज कर राबटर्सगंज कोतवाली प्रकरण की छानबीन में जुटी हुई है।

पंजीयन के लिए ऑनलाइन किया गया था आवेदन

जनता हास्पिटल राबटर्सगंज की प्रबंधक सोमवती ने अपने चिकित्सकीय प्रतिष्ठान के पंजीयन/नवीनीकरण के लिए आनलाइन आवेदन किया गया था। यह आवेदन सीएमओ कार्यालय को 24 मई 2024 को प्राप्त हुआ। इसके क्रम में 29 मई 2024 को संबंधित प्रतिष्ठान का निरीक्षण किया गया लेकिन मौके पर कोई भी चिकित्सक उपस्थित नहीं मिला। इसके बाद ऑनलाइन आवेदन निरस्त कर दिया गया।

दोबारा निरीक्षण के दौरान खुली पूरी पोल

आवेदन निरस्त के बाद भी अस्पताल संचालन की शिकायत पर गत 12 जून को नोडल अधिकारी डा. गुलाब शंकर यादव की अगुवाई वाली टीम ने दोबारा जनता हास्पिटल का निरीक्षण किया। पाया कि चिकित्सालय में चिकित्सकों के नाम पर डा. बृजेश कुमार, डा नवीन द्विवेदी, डा अभिनव कटियार का प्रमाण पत्र लगाया गया है लेकिन उक्त तीनो चिकित्सक उपस्थित नहीं मिले।

रिकर्ड की जांच में मिली गड़बड़ियों ने मचा दिया हड़कंप

इसी तरह रजिस्ट्रेशन के प्रस्तुत दस्तावेजों की जांच के क्रम में डा. अभिनव कटियार के पंजीयन/शैक्षिक योग्यता प्रमाण पत्र की, जो छायाप्रति उपलब्ध कराई गई, की जांच की गई तो उस पर कलम से यह अंकित मिला कि यह सर्टिफिकेट केवल जीवन रक्षा चिकित्सालय घोरावल के लिए है। इसी तरह डा. पीयूष श्रीवास्तव का शपथ पत्र मिला जिस पर यह अंकित था कि मैं किसी सरकारी अथवा अर्धसरकारी संस्था में कार्य नहीं करता हूं। जबकि डॉ पीयूष श्रीवास्तव मेडिकल कालेज सोनभद्र में तैनात हैं। इसी तरह डा राहुल कुमार बीएएमएस का प्रमाण पत्र लगा पाया गया जबकि उनका नाम पहले से सिटी हास्पिटल नामक चिकित्सालय में फुल टाइम चिकित्सक के रूप में पंजीकृत मिला।

बगैर पंजीयन मरीजों का किया जाता मिला उपचार

चिकित्सालय वर्तमान समय में पंजीकृत/नवीनीकृत न होने के बावजूद निरीक्षण के समय चिकित्सालय में ऑपरेशन वाले मरीज भर्ती पाए गए। अस्पताल प्रबंधन से पूछे जाने पर बताया गया कि उक्त आपरेशन डा. पीयूष श्रीवास्तव द्वारा किया गया है। सभी समस्त शपथ पत्र (चिकित्सक / पैरामेडिकल) पर एक ही काले रंग की पेन से हस्ताक्षर हुआ मिला। गोविंद पाल नामक व्यक्ति द्वारा खुद को अस्पताल का प्रबंधक बताए जाने, पत्रावली में किराये का अनुबंध सनराइज हास्पिटल के नाम पर होने को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं।

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