Sonbhadra : बड़ा आरोप: फर्जी-कूटरचित प्रपत्र पर पास कराए गए सैकड़ों उपखनिज लदे वाहन, विभागीय मिलीभगत का आरोप, डीएम से शिकायत
Sonbhadra News: डीएम को सौंपी शिकायत में दावा किया गया है कि पिछले दो माह के भीतर फर्जी और कूटरचित प्रपत्र पर सैकड़ों वाहन गुजारे गए हैं। इसके पीछे खनन विभाग के तीन-चार अहम ओहदेदारों की भूमिका संदिग्ध होने के आरोप लगाए गए हैं।;
Sonbhadra News :जिले में खनिज परिवहन को लेकर बड़ा आरोप लगाया गया है। डीएम को सौंपी शिकायत में दावा किया गया है कि पिछले दो माह के भीतर फर्जी और कूटरचित प्रपत्र पर सैकड़ों वाहन गुजारे गए हैं। इसके पीछे खनन विभाग के तीन-चार अहम ओहदेदारों की भूमिका संदिग्ध होने के आरोप लगाए गए हैं। शिकायत के साथ, एक ही प्रपत्र पर एक ही सीरियल का अलग-अलग नंबर दर्शाने वाला एक प्रपत्र भी उपलब्ध कराया गया है। बताया जा रहा है कि डीएम की तरफ जहां इसको लेकर मातहतों से जानकारी तलब कर ली गई है। वहीं, खनिज महकमे में भी अंदरखाने हड़कंप की स्थिति बनी हुई है।
अलग-अलग सीरियल नंबर पर उठाए जा रहे सवाल
उत्तर प्रदेश ट्रक मालिक कल्याण समिति का अध्यक्ष होने का दावा करने वाले धीरज सिंह की तरफ से डीएम से की गई शिकायत में दावा किया गया है पिछले दो माह में सैकड़ों गिट्टी लदे वाहन फर्जी और कूटरचित फार्म सी प्रपत्र के माध्यम से गुजारे गए हैं। पत्र के साथ फार्म सी प्रपत्र संख्या 3163230499016902279 संलग्न किया गया है, जिसमें मेसर्स दुर्गेश प्रताप सिंह के जरिए 27 दिसंबर 2024 की रात नौ बजकर 52 मिनट पर जनपद पीलीभीत के लिए जारी प्रपत्र फार्म सी को 29 दिसंबर 2024 की दोपहर एक बजकर दो मिनट के लिए वैध बताया गया है, में दाहिनी ओर ऊपर तरफ सीरियल नंबर कुछ और होने और नीचे क्रमांक नंबर 18 पर दूसरा सीरियल नंबर अंकित होने पर सवाल उठाए गए हैं।
27 को जारी प्रपत्र पर 29 को लगी मुहर, फिर भी नहीं दिया ध्यान
कहा गया है कि फार्म-सी प्रपत्र पर अलग-अलग सीरियल नंबर जहां उसकी वैधता पर सवाल उठा रहा है। वहीं, इसके जरिए लोढ़ी स्थित खनिज संग्रह केंद्र और वहीं स्थापित एम-चेक पर तैनात खनिज विभाग के अधिकारियों की तरफ से प्रपत्र पर 29 दिसंबर को चेकिंग/खारिजा की लगाई गई मुहर को भी कथित गड़बड़ी का बड़ा प्रमाण होने का दावा किया गया है। सवाल उठाया गया है कि महज आधे से एक घंटे के दूरी वाले रास्ते को तय करने में लगभग दो दिन का वक्त लगने और अलग-अलग सीरियल नंबर पर किसी का ध्यान न पड़ने को, लेकर जहां चेकिंग स्थल पर तैनात किए गए अधिकारियों-कर्मियों की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। वहीं, दावा किया जा रहा है कि एक ही परमिट को स्कैन सिंडीकेट के जरिए, वैधता तिथि में कई बार इस्तेमाल करने और इसके लिए सरकारी खजाने को बड़ी चपत लगाने का आरोप लगाया गया है।
किया गया है दावाः इन तथ्यों की हो प़ड़ताल तो होंगे बडे खुलासे:
डीएम से की शिकायत की गई शिकायत में कहा गया है कि प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न फार्म-सी प्रपत्र की जांच खनिज संग्रह केन्द्र, लोढ़ी द्वारा जमा कराये गये फार्म-सी की प्रति से मिलान करके कराए जाने, के साथ ही, खनिज संग्रह केन्द्र लोढ़ी द्वारा जांचे गए विगत दो माह के फार्म-सी प्रपत्रों का मिलान करते हुए जांच कराने, गत दो माह के दरम्यान लोढ़ी टोल प्लाजा से खनिज लदे वाहनों की सूची मंगाकर उनका मिलान खनिज संग्रह केंद्र, लोढ़ी द्वारा जमा किए गए फार्म-सी प्रपत्रों की प्रति से कराने, खारिजा रजिस्टर और जारी किए गए खनिज परिवहन के लिए जारी किए गए फार्म सी का मिलाने कराने की मांग उठाई गई है। दावा किया गया है कि अगर गहनता से जांच-पड़ताल की गई तो बड़े खुलासे सामने आ सकते हैं।
आरोपों पर ज्येष्ठ खान अधिकारी से नहीं मिल पाई जानकारी
लगाए जा रहे आरोपों के क्रम में जानकारी के लिए ज्येष्ठ खान अधिकारी शैलेंद्र सिंह से सीयूजी नंबर के जरिए संपर्क साधा गया लेकिन वह उपलब्ध नहीं हुए। ऐसे में आरोपों में कितनी सच्चाई है, यह तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा? फिलहाल जिस तरह के आरोप लगाए गए हैं और जिस तरह से इस खेल में विभाग के ही तीन-चार जिम्मेदारों की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है, उसको देखते हुए तरह-तरह की चर्चाएं जारी हैं।