Sonbhadra News: शासन ने लिया रैंडम फीडबैक तो IGRS निस्तारण में मिली लापरवाही, डीएम ने 59 अफसरों, 19 थानेदारों का रोका वेतन
Sonbhadra News: मुख्य सचिव की तरफ से दिए गए निर्देश पर, डीएम बीएन सिंह की तरफ से बुधवार की शाम बड़ी कार्रवाई सामने आई तो हड़कंप की स्थिति उत्पन्न हो गई। प्रकरण को लेकर डीएम की तरफ से 59 अफसरों और 19 थानेदारों का वेतन रोकन का निर्देश जारी किया है।
Sonbhadra News: शासन स्तर से लिए गए रैंडम फीडबैंक आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त होने वाली शिकायतों के निस्तारण में शिथिलता बरतने और शिकायतकर्ताओं से फीडबैक न लिए जाने का मामला सामने आया है। इसको लेकर मुख्य सचिव की तरफ से दिए गए निर्देश पर, डीएम बीएन सिंह की तरफ से बुधवार की शाम बड़ी कार्रवाई सामने आई तो हड़कंप की स्थिति उत्पन्न हो गई। प्रकरण को लेकर डीएम की तरफ से 59 अफसरों और 19 थानेदारों का वेतन रोकन का निर्देश जारी किया है। संबंधितों से स्पष्टीकरण भी तलब करने के निर्देश दिए गए हैं। हिदायत दी गई है कि कि वेतन आहरण तभी किया जाएगा जब संबंधित अफसर की तरफ से इस आशय का प्रमाण पत्र दिया जाएगा कि पोर्टल पर प्राप्त समस्त संदर्भा के निस्तारण में शिकायतकर्ता से संपर्क और स्थलीय सत्यापन करते हुए, प्रकरण की आख्या अपलोड की गई है।
सभी क्षेत्राधिकारी, 22 थानों में 19 के थानेदार कार्रवाई की जद
सभी क्षेत्राधिकारी (सदर, नगर, घोरावल, ओबरा, पिपरी, दुद्धी) का वेतन रोकने का निर्देश दिया गया है। वही, इस कार्रवाई की जद में 22 थानों में 19 थानों के थानेदार (थानाध्यक्ष-शाहगंज, रामपुर बरकोनिया, कोन, रायपुर, विण्ढमगंज, बीजपुर, पिपरी, राबर्टसगंज, जुगैल, दुद्धी, शक्तिनगर, घोरावल, अनपरा, ओबरा, बभनी, म्योरपुर करमा, पन्नुगंज, चोपन) आए हैं। राबर्टसगंज, हाथीनाला और मांची थाने के प्रभारी निरीक्षक डीएम की इस कार्रवाई से खुद को बचाने में सफल रहे हैं।
स्वास्थ्य महकमा और नगर निकायों की भी स्थिति मिली खराब
आईजीआरएस निस्तारण और फीडबैक के मसले को लेकर मुख्य चिकित्साधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, छह सीएचसी/ब्लाक पीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी (चोपन, राबर्ट्सगंज, घोरावल, म्योरपुर, नगवां, चतरा), जिले की एकमात्र नगरपालिका राबटर्संगंज के अधिशासी अधिकारी और अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत अनपरा तथा ओबरा का वेतन रोकते हुए जवाब तलब किया गया है।
पंचायत राज, पूर्ति, बाल विकास, शिक्षा महकमे के कई कार्रवाई की जद में
डीएम की तरफ से की गई कार्रवाई की जद में सात एडीओ पंचायत (चोपन, राबर्ट्सगंज, नगवां, बभनी, चतरा, दुद्धी, म्योरपुर, घोरावल) चार बाल विकास परियोजना अधिकारी (नगवां, चतरा, चोपन, दुद्धी), जिला विद्यालय निरीक्षक, चार खंड शिक्षा अधिकारी (नगवा, म्योरपुर, चोपन, चतरा) तीन खंड विकास अधिकारी दुद्धी, राबर्टसगंज, करमा आए हैं। इसी तरह जिला पूर्ति अधिकारी के साथ ही पूर्ति निरीक्षक राबर्ट्सगज और घोरावल स्तर से निस्तारित होने वाली शिकायतों के निस्तारण में शिथिलता और शिकायतकर्ताओं से फीडबैक लिए जाने के मामले में लापरवाही पाई गई है।
चारों एसडीएम सहित कई अफसरों से मांगा जा रहा जवाब
इसी तरह जिले के चारों तहसीलों (घोरावल, राबर्ट्सगज, दुद्धी, ओबरा) के उप जिलाधिकारी, तहसीलदार ओबरा, जिला कृषि अधिकारी, प्रभागीय वनाधिकारी राबर्टसगंज, जिला उपायुक्त मनरेगा, जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी, अधिशासी अभियंता, प्रांतीय खंड, लोक निर्माण विभाग, एआरटीओ प्रवर्तन, जिला युवा कल्याण अधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी, अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड पिपरी, सहायक महानिरीक्षक निबंधन सब रजिस्ट्रार घोरावल, जिला दिव्यांग जन सशक्तिकरण अधिकारी, जिला आबकारी अधिकारी, सहायक अभियंता लघु सिंचाई, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता, परियोजना अधिकारी का दिसंबर माह का वेतन रोकने और स्पष्टीकरण नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
शासन के निर्देश पर जांची गई स्थिति तो सामने आई चौंकाने वाली हकीकत
डीएम के हवाले से दी गई जानकारी में बताया गया है कि आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों का निस्तारण समय से नहीं किए जाने और संबंधित शिकायतकर्ताओं से वार्ता कर फीडबैक न लिए जाने के क्रम में यह कार्रवाई की गई है। मुख्य सचिव की तरफ से दिए गए निर्देश के क्रम में जन शिकायतें (मुख्यमंत्री हेल्पलाइन, 1076 आन लाइन/जिलाधिकारी संदर्भ) की जांच की गई तो पता चला कि राजस्व अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा शिकायतकर्ता से न तो संपर्क किया गया है और न ही स्थलीय सत्यापन के लिए भ्रमण किया गया है जबकि आईजीआरएस पोर्टल में पूर्व से यह व्यवस्था है।
पोर्टल का अवलोकन करने पर यह स्थिति आई सामने
सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक पोर्टल का अवलोकन किया गया तो पाया गया कि पोर्टल पर 01 दिसंबर 2024 से 26 दिसम्बर 2024 तक में कुल 866 संदभों का शासन स्तर से फीडबैक लिया गया है, जिसमें संबंधित विभागों द्वारा अधिकांश संदर्भों में न तो शिकायतकर्ता से संपर्क किया गया और न तो स्थलीय सत्यापन ही किया गया। उक्त निर्देशों का अनुपालन बेहतर ढंग से न किए जाने के कारण माह दिसंबर, 2024 के वेतन आहरण पर अग्रिम आदेश तक रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं। कहा गया है कि वेतन आहरण इस शर्त के साथ किया जायेगा कि संबंधित विभाग द्वारा इस आशय का प्रमाण पत्र दिया जाए कि पोर्टल पर प्राप्त समस्त संदर्भा के निस्तारण में शिकायतकर्ता से संपर्क एवं स्थलीय सत्यापन करते हुए आख्या अपलोड की गई है।