Sonbhadra: कागज पर कराए कई विकास कार्य, 3 साल तक चलती रही घपलेबाजी, जांच ने उड़ाए होश

Sonbhadra News: तीन सालों में कागज पर चार लाख से अधिक की घपलेबाजी पकड़ने का दावा करते हुए ग्राम पंचायत में तैनात रहे तीन पंचायत सचिवों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।;

Update:2024-03-15 19:15 IST

तीन साल से हो रही घपलेबाजी का हुआ खुलासा। (Pic: Newstrack)

Sonbhadra News: वर्ष 2007 से 2010 के बीच मनरेगा से कई तालाबों, चेकडैमों, सड़कों का कार्य कागजों पर कराए जाने को लेकर सुर्खियों में रह चुका घोरावल ब्लाक एक बार फिर से मनरेगा की घपलेबाजी को लेकर सुर्खियों में है। ताजा मामला इस ब्लाक के खरूआंव गांव का है। यहां तीन साल तक मनरेगा के कार्यों में घपलेबाजी चलती रही। कई विकास कार्य कागजों पर ही करा दिए गए। अफसरों की नजर में यह गड़बड़ी तब आई, जब इसको लेकर एक भाजपा नेता की तरफ से सितंबर 2023 में डीएम चंद्रविजय सिंह से मिलकर, घपले वाले कार्यों की सूची सौंपी गई। लगभग छह माह तक चली जांच प्रक्रिया के बाद, जिस तरह की गड़बड़ियां सामने आई, उसने जांच करने पहुंचे अफसरों के भी होश उड़ा दिए। फिलहाल चंद कार्यों में ही चार लाख से अधिक की घपलेबाजी पकड़ने का दावा करते हुए, ग्राम पंचायत में तैनात रहे तीन पंचायत सचिवों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।

कागज पर खेतों को किया समतल तो बगैर सरिया बना दी पुलिया

तत्कालीन सचिव नरेश सिंह, चंद्रदेव पांडेय, जावेद अख्तर को जारी नोटिस में बताया गया है कि डीएम की तरफ से दिए गए निर्देश के क्रम में सीडीओ की तरफ से दिए गए निर्देश पर जिला विकास अधिकारी शेषनाथ चौहान, सहायक जिला पंचायत राज अधिकारी (प्राविधिक) और सहायक अभियन्ता, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण की तरफ से मामले की जांच की गई और इसको लेकर 20 जनवरी को प्रस्तुत रिपोर्ट में बताया गया कि नेहरू के खेत के पास पक्की पुलिया का निर्माण बगैर सरिया के ही कर दिया गया। इसी तरह नाली निर्माण, पोखरे-नाले के गहरीकरण में गड़बड़ी बरतने के साथ ही, जहां दशरथ हरिजन के खेत को कागज पर समतल कर दिया गया। वहीं भुवनेश्वर कोहार नामक ऐसे व्यक्ति के खेत का समततलीकरण करते हुए हजारों की धनराशि डकार ली गई, जिसका पूरे गांव में कहीं कोई पता नहीं चला। दशरथ हरिजन के घर के पास दर्शाया गया रिचार्ज पिट का निर्माण कार्य भी नदारद मिला।

बोर मिला तो हैंडपंप गायब, समरसेबल मिला तो टंकी नदारद

इसी तरह जांच में कहीं बोर मिला तो हैंडपंप गायब, कहीं समरसेबर मिला तो टंकी गायब मिली। चैकडैम-नाला की साफ-सफाई पर खर्च मजदूरी, बगैर सचिव की जानकारी और उसके हस्ताक्षर के ही निकाले जाने के मामले ने चौंका कर रख दिया। बाउली, तालाब खुदाई की जेसीबी से खुदाई से शिकायत मिलने के साथ ही, नेहरू के खेत के पास निर्मित की जा रही आरसीसी पुलिया निर्माण की स्थिति पहले कागज पर, शिकायत के बाद कराए जा रहे निर्माण में भी काफी कुछ गड़बड़ी गई। जांच टीम के मुताबिक बगैर सरिया के ही जहां पुलिया का निर्माण कर दिया गया। वहीं, पुलिया को महज बोल्डर से चिनाई कर छोड़ दिया गया। इसके दोनों ओर के एप्रोच पर मिट्टी भरने की भी जरूरत नहीं समझी गई। इसके लिए सचिव के साथ ही प्रधान को भी उत्तरदायी ठहराया गया है।

अमृत सरोवर, गेट निर्माण में भी कर दिया गया खेल

प्रधान और सचिव की मिलीभगत से खेले गए घपले के खेल में पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट, अमृत सरोवर को भी नहीं बख्शा गया। जांच में जहां कार्य की गुणवत्ता खराब मिली। वहीं सीढ़ियों के प्लास्टर उखड़े पाए गए। यहां लगाए गए गेट की भी सेटिंग खराब पाई गई। इनलेट, आउटलेट, फ्लैग प्वाइंट, पाथवे, सिल्ट चैंबर आदि की भी स्थिति खराब मिली। डीपीआरओ विशाल सिंह के मुताबिक जांच टीम ने कुल चार लाख 72 हजार 956 रूपये के दुरूपयोग की रिपोर्ट दी है जिसको लेकर कार्रवाई जारी है।

कहीं ठंडे बस्ते में न चला जाए मामला, चर्चाएं जारी

जिले में जहां कई गड़बडियां जांच के चक्रव्यूह में उलझी हुई हैं। वहीं, चुनावी प्रक्रिया शुरू होने के कारण, कहीं यह मामला ठंडे बस्ते में न चला जाए, इसको लेकर चर्चाएं जारी हैं। मौजूदा डीपीआरओ विशाल सिंह का शुक्रवार को जहां मऊ तबादला कर दिया गया है। वहीं, चुनावी सीजन में और भी तबादले देखने को मिल सकते हैं। ऐसे में ऐसे में इस मसले पर कार्रवाई हो पाएगी या पिछले कई मामलों की तरह यह प्रकरण भी ठंडे बस्ते में चला जाएगा, इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।

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