Sonbhadra: शक्ति रसोई के जरिए महिलाओं को सौगात, मेडिकल कालेज परिसर में शुभारंभ

Sonbhadra News: सोनभद्र सहित 14 जिलों में महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में शक्ति रसोई के नाम से अत्याधुनिक कैंटीन का शुभारंभ किया गया है।;

Update:2024-02-29 16:51 IST

सोनभद्र में हुआ शक्ति रसोई का उद्धाटन। (Pic: Newstrack) 

Sonbhadra News: शक्ति रसोई के जरिए महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की हो रही पहल को मूर्तरूप देने का काम शुरू कर दिया गया है। बृहस्पतिवार को सोनभद्र सहित 14 जिलों में शक्ति रसोई के जरिए महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में बड़ी शुरूआत की गई। सोनभद्र में राजकीय मेडिकल कालेज जिला अस्पताल परिसर शक्ति रसोई के नाम से अत्याधुनिक कैंटीन का शुभारंभ किया गया। यहां आने वाले मरीजों, तीमारदारों के साथ ही, पास में स्थित कलेक्ट्रेट और सहायक संभागीय परिवहन दफ्तर आने वालों के लिए भी रियायती दर पर खान-पान की सुविधा उपलब्ध रहेगी। लोढ़ी स्थित राजकीय मेडिकल कालेज परिसर में बृहस्पतिवार की दोपहर अपर जिलाधिकारी न्यायिक सुभाषचंद्र यादव, नगरपालिका अध्यक्ष रूबी प्रसाद, सीएमओ डा. अश्वनी कुमार, प्राचार्य मेडिकल कालेज डा. सुरेश सिंह, सीएमएस, परियोजना अधिकारी डूडा राजेश उपाध्याय, अधिशासी अधिकारी विजय यादव, भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष पुष्पा सिंह सहित अन्य की तरफ से फीता काटकर, शक्ति रसोई का शुभारंभ किया गया। इस दौरान मौजूद लोगों को कैंटीन में मिलने वाली खान-खान की सुविधाओं की जानकारी दी गई और निर्धारित किए गए रियायती दर से भी लोगों को अवगत कराया गया।


20 महिलाओं का समूह करेगा शक्ति रसोई का संचालन

शक्ति रसोई का संचालन महिला समूहों से जुड़ी समिति की तरफ से किया जाएगा। कुल 20 महिलाओं का समूह इसका संचालन करेगा। अत्याधुनिक कैंटीन की तर्ज पर खान-पान के साथ ही, अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध हों, इसके लिए, जहां शक्ति रसोई के लिए संचालित महिलाओं को वाराणसी भेजकर विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। वहीं, आगे भी उन्हें बीच-बीच में प्रशिक्षण देकर होने वाले बदलावों और कैंटीन को अत्याधुनिक तरीके से संचालित कराने के तरीकों से अवगत कराया जाता रहेगा।

खान-पान की शुद्धता पर विशेष ध्यान रखने का निर्देश

शुभांरभ के बाद कैंटीन संचालन से जुड़ी महिलाओं को खान-पान की शुद्धता और साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखने का निर्देश दिया गया। परियोजना निदेशक डूडा ने बताया कि महिलाओं को कैंटीन संचालन में उनकी तरफ से हर संभव मदद दी जाएगी। छह माह तक उन्हें आवंटित की गई कैंटीन का किराया नहीं देना होगा। इसके बाद सरकार की तरफ से निर्धारित न्यूनतम सरकारी दर की अदायगी करनी होगी। समय-समय पर महिलाओं को कैंटीन संचालन के लिए प्रशिक्षण एवं तकनीकी मदद मुहैया कराई जाती रहेगी ताकि महिलाओं के स्वावलंबन से जुड़ी यह पहल, दूसरी महिलाओं के लिए भी प्रेरणा साबित हो।

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