Sonbhadra News: सर्पदंश पीड़ित मजदूर को नहीं मिल पाई एंबुलेंस, मौत से खफा मजदूरों का जमकर हंगामा
Sonbhadra News: जिला मुख्यालय क्षेत्र के रौप में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज में सर्पदंश के चलते एक मजदूर की गुरूवार की तड़के मौत हो गई। इससे खफा मजदूरों ने जहां जमकर हंगामा किया।
Sonbhadra News: जिला मुख्यालय क्षेत्र के रौप में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज में सर्पदंश के चलते एक मजदूर की गुरूवार की तड़के मौत हो गई। इससे खफा मजदूरों ने जहां जमकर हंगामा किया। वहीं पुलिस लाइन होते हुए चुर्क के लिए गए मुख्य मार्ग पर देर तक जाम लगाकर नारेबाजी की गई। कार्यदायी संस्था के जिम्मेदारों पर मजदूरों के लिए कोई सुविधा उपलब्ध न कराने का आरोप लगाते हुए भी जमकर बवाल काटा। पुलिस के हस्तक्षेप पर किसी तरह मामला शांत हुआ।
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दो घंटे तक अस्पताल ले जाने का नहीं मिला साधन
बताते हैं कि बुधवार की रात एक बजे के करीब निवेश नामक एक मजदूर को सोते समय सांप ने डस लिया। उसकी चीख पर जब परिवार वालों की नींद खुली तो उसके पास से करैत (सांप) गुजरता देख परिवार के लोग सन्न रह गए। करैत को पकड़कर एक बाल्टी में रखने के साथ ही मजदूरों ने वहां मौजूद गार्ड को सूचना दी। गार्ड संबंधितों को सूचना देने और जल्द ही कोई साधन आने का भरोसा देता रहा लेकिन दो घंटे तक कोई सुविधा नहीं पहुंची। तब मजदूर खुद से साधन की व्यवस्था कर जिला अस्पताल पहुंचे। जहां हालत ज्यादा गंभीर देख वाराणसी के लिए रेफर कर दिया गया। अभी वाराणसी ले जाने का कोई इंतजाम हो पाता, इससे पहले ही मौत हो गई।
पुलिस ने किसी तरह मजदूरों को कराया शांत
इस वाकए से खफा मजदूर दोपहर में कार्य बहिष्कार कर, मेडिकल कॉलेज से सटे चुर्क मुख्य मार्ग पर उतर आए और हंगामा करते हुए जाम लगा दिया। उनका कहना था कि मजदूरों को सुविधाएं देने के नाम पर उदासीनता बरती जा रही है। इस निर्माणाधीन कॉलेज में सैकड़ों मजदूर काम कर रहे हैं लेकिन उनके लिए शौचालय तक की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की जा सकी है। गुस्साए मजदूर कार्यदायी संस्था के खिलाफ रह-रहकर नारेबाजी भी करते रहे। पुलिस ने किसी तरह समझा-बुझाकर मजदूरों को शांत कराया, तब हंगामा कर रहे मजदूर सड़क से हटने को तैयार हुए।
निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज के प्रोजेक्ट मैनेजर ने झाड़ा पल्ला
उधर, इस बारे में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज के प्रोजेक्ट मैनेजर राजेंद्र टिकारे से बात की गई तो पहले तो उन्होंने मजदूर को जिला अस्पताल देर से पहुंचने की बात से ही अनभिज्ञता जता दी। बाद में कहा कि शौचालय आदि की पर्याप्त व्यवस्था कराई जा रही है। अन्य जो भी कमियां होंगी उसे दुरूस्त करा लिया जाएगा। सवाल उठता है कि जिस मेडिकल कॉलेज के कंधों पर सोनभद्र सहित आस-पास के राज्यों के लोगों को बेहतर उपचार की जिम्मेदारी दी जा रही है, उस मेडिकल कॉलेज की दीवार खड़ी करने में लगे मजदूरों को एक अदद एंबुलेंस तक की सुविधा उपलब्ध नहीं हो रही है और जिला अस्पताल से महज दो किमी दूर की दूरी करने में ही उन्हें दो घंटे से अधिक का वक्त लग जा रहा है।
कोबरा काटने के ढाई घंटे के भीतर इलाज बेहद जरूरी
बता दें कि कोबरा और करैत ऐसे जहरीले सांप हैं, जिनके काटने के ढाई घंटे के भीतर अगर मरीज को पर्याप्त उपचार नहीं मिल पाता है तो फिर बचने की गुंजाइश काफी कम हो जाती है। इस मामले में भी कुछ ऐसा ही बताया जा रहा है। बता दें कि यह मेडिकल कॉलेज न केवल सीएम योगी आदित्यनाथ का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है, बल्कि यहां अक्सर भाजपा के दिग्गज नेताओं और मंत्रियों को आना-जाना बना रहता है। बावजूद जिन मजदूरों के जरिए पूरी बिल्डिंग खड़ी की जा रही है, उन्हीं मजदूरों को आपात स्थिति में चिकित्सा व्यवस्था मिलने में दिक्कत आ रही है।