Sonbhadra News: FMGE में सोनभद्र की बेटियों का परचम, चार ने किया क्वालीफाई

Sonbhadra News: चिकित्सा जगत की प्रतिष्ठापरक परीक्षा एफएमजीई में सोनभद्र की बेटियों ने कामयाबी का डंका बजाया है। महज 20 फीसदी के इर्द-गिर्द परीक्षा परिणाम रखने वाले, जिले की चार बेटियों ने सफलता पाई है।

Update: 2024-07-17 13:07 GMT

एफएमजीई एग्जाम में पास छात्राएं (Pic: Newstrack) 

Sonbhadra News: चिकित्सा जगत की प्रतिष्ठापरक परीक्षा एफएमजीई में सोनभद्र की बेटियों ने कामयाबी का डंका बजाया है। महज 20 फीसदी के इर्द-गिर्द परीक्षा परिणाम रखने वाले, फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट एग्जाम (विदेशी मेडिकल स्नातक परीक्षा) को एक दो नहीं, जिले की चार बेटियों ने क्वालीफाई करने में कामयाबी पाई है। यह कामयाबी इस मायने से भी महत्वपूर्ण है कि चारों बेटिया जिस दुद्धी अंचल की रहने वाली हैं, उसे शिक्षा के मामले में यूपी के सबसे पिछड़े क्षेत्र का दर्जा हासिल है।

इन बेटियों ने बढाया जिले का मान

दुद्धी तहसील मुख्यालय निवासी वरिष्ठ पत्रकार मुहम्मद शमीम अंसारी की बड़ी बेटी डॉ. ऐमन अंसारी ने येरेवन स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी अर्मेनिआ से एमबीबीएस किया था। उसने 163 अंक हासिल कर एफएमजीई क्वालीफाई करने में कामयाबी पाई है। दुद्धी के ही रहने वाले जिला पंचायत सदस्य जुबेर आलम की लाडली डॉ. शबनम परवीन ने यूनान यूनिवर्सिटी ऑफ ट्रेडिशनल चाईनीज मेडिसिन चाईना से एमबीबीएस किया है। उसने 162 अंक अर्जित कर एफएमजीई को क्वालीफाई किया।


दुद्धी नगर से सटे बीडर गावं निवासी हिमालय सिंह पटेल की बिटिया स्वरूपा रानी ने वीएन कराजिन खरकीव नेशनल यूनिवर्सिटी यूक्रेन से एमबीबीएस की डिग्री ले रखा है। उसने 155 अंक के साथ एफएमजीई क्वालीफाई करने में कामयाबी मिली है। दुद्धी निवासी कमल कुमार कानू की पुत्री डॉ. मुस्कान गुप्ता ने यूनिवर्सल कालेज ऑफ मेडिकल साइंस नेपाल से एमबीबीएस कर रखा है। उसे भी एफएमजीई क्वालीफाई करने की बात बताई जा रही है।


पिछड़े अंचल का दर्जा रखने वाले दुद्धी तहसील मुख्यालय क्षेत्र की चार बेटियों को चिकित्सा जगत की प्रतिष्ठापरक परीक्षा क्वालीफाई करने को लेकर जहां इलाके के लोगों में प्रसन्नता का माहौल है। वहीं, लोग सोशल मीडिया के साथ ही, बेटियों के घर जाकर उन्हें और उनके परिवार वालों को बधाई देने में जुटे हुए हैं।

जानिए क्यों इस परीक्षा को मिला हुआ है प्रतिष्ठापरक का दर्जा ?

बताते चलें कि विदेश में पढ़ाई करने वाले एमबीबीएस छात्र-छात्राओं को भारत में मेडिकल प्रैक्टिस के लिए फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट एग्जाम (विदेशी मेडिकल स्नातक परीक्षा) देना पड़ता है। इसे क्वालीफाई करने के बाद ही उन्हें यहां प्रैक्टिस करने की अनुमति मिलती है। इस परीक्षा का आयोजन भी नीट कराने वाली संस्था एनबीई (नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन) करती है। एमबीबीएस की डिग्री, एफएमजीई रिजल्ट और इंटर्नशिप सर्टिफिकेट देने के बाद, विदेश से डॉक्टरी करने वाले छात्रों को भारत में पंजीकरण संख्या उपलब्ध कराया जाता है।

यह परीक्षा प्रत्येक वर्ष दो बार आयोजित होती है। परीक्षा में भाग लेने वालों की कोई संख्या निर्धारित नहीं है। हालांकि इस परीक्षा में इम्तिहान लेने का तरीका इतना कड़ा होता है कि महज 19 से 20 फीसद छात्र-छात्राएं ही इसे क्वालीफाई कर पाते हैं। बताया जा रहा है कि गत 6 जुलाई को इस परीक्षा का आयोजन कराया गया था। कुल 35819 अभ्यर्थी इसमें शामिल हुए थे। 7233 अभ्यर्थियों यानी 20.19 प्रतिशत को इसे क्वालीफाई करने में कामयाबी मिली।

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